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Thread: Shudh Hindi.........

  1. #61

    हिन्दी का प्रयोग

    सभी हिन्दी प्रेमी फ़िर से आमंत्रित है इस धागे में अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए |
    आइये हिन्दी को फ़िर से उस्सी परचम पर पहुंचाए जहा वोह ५० वर्ष पहले थी | देवनागरी लिप्पी के लिए यहाँ क्लिक करें. http://www.google.co.in/transliterate/indic

  2. #62
    मोहतरमा, आपने ये धागा शुरू किया और बंद हो गया| फ़िर हमने सरपंचो से कह कर इससे खुलवाया पर अभी भी इसमे कोई पोस्ट नही| कृपा करके कम से कम आप तो २-४ शब्द लिख दीजिये, क्या पता ये धागा फ़िर से दौड़ने लगे ?

  3. #63
    Quote Originally Posted by dkumars View Post
    मोहतरमा, आपने ये धागा शुरू किया और बंद हो गया| फ़िर हमने सरपंचो से कह कर इससे खुलवाया पर अभी भी इसमे कोई पोस्ट नही| कृपा करके कम से कम आप तो २-४ शब्द लिख दीजिये, क्या पता ये धागा फ़िर से दौड़ने लगे ?
    प्रतीत होता है की आप इस धागे के विचार बिन्दु से अत्यंत प्रभावित हैं.

    ये सत्य है की शुद्ध हिन्दी का प्रयोग कठिन हैं. यूँ तो हम सभी हिन्दी भाषी हैं किंतु हिन्दी को शुद्ध रूप में बोल या लिख पाना एक विशालकाय कार्य प्रतीत होता है. आइये एक और प्रयत्न किया जाए हमारी मातृ भाषा के विभिन् पक्षों पर पुनः एक दृष्टि डालने का !

  4. #64

    Smile आओ हिन्दी सीखें

    सभी हिन्दीप्रेमियों को नमस्ते
    कृपया जाटभूमि के सभी सक्रिय सदस्यों को इस धागे में लिखने के लिए प्रेरित करे | अन्यथा हमारे जाट सरपंच इस धागे पर अन्य कोई नया धागा ना जुड़ते देख इसे फ़िर से बंद कर देंगे | आप सभी लोगो का हिन्दी के प्रचार प्रसार में किया गया यह कदम अवश्य ही सफल होगा | मेरे काफ़ी प्रयास के बाद ही मैं सफल को हिन्दी में लिख पाने में सफल हो पाया | कभी कभी ऐसा होता है कि गूगल पर हिन्दी लिखते समय हिन्दी के गूढ़ शब्दों को यह हिन्दी में अनुवादित करने में सफल नही हो पाता है | परन्तु इन सभी रुकावटो के बावजूद गूगल का यह प्रयास सराहनीय है |
    मेरा उन सभी लोगो से विनम्र निवेदन है जो इस जाटभूमि पर आकर अन्य विषयो पर अपने विचार प्रकट करते हैं कृपया इस विषय पर भी अपने अमूल्य विचार प्रस्तुत करे ताकि हम अपनी मात्रभाषा हिन्दी को इस अंतरजाल {इन्टरनेट} पर फैलाने में सफल हो सके |
    मैं एक ओर बात पर आप सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा कि हमें केवल हिन्दी भाषा में ही लिखने का प्रयास करना है उसमे उर्दू अरबी और फ़ारसी शब्दों का प्रयोग कम से कम करना है | तभी हम अपने इस प्रयास में सफल हो पाएंगे |
    बस मेरी ओर से आज के लिए इतना ही पर्याप्त है बाकि बातें बाद में करेंगे |

    आप सभी के जैसा एक हिन्दीप्रेमी
    संदीप तोमर
    :rockSANDY = JAT

    JAI :rockKIL:DLKI :rock TAULL !!!!!

    "JAHAN JAAT VAHAN THAATH" :p

  5. The Following User Says Thank You to SANDEEP5 For This Useful Post:

    kamnanadar (February 21st, 2012)

  6. #65
    Quote Originally Posted by shwetadhaka View Post
    प्रतीत होता है की आप इस धागे के विचार बिन्दु से अत्यंत प्रभावित हैं.

    ये सत्य है की शुद्ध हिन्दी का प्रयोग कठिन हैं. यूँ तो हम सभी हिन्दी भाषी हैं किंतु हिन्दी को शुद्ध रूप में बोल या लिख पाना एक विशालकाय कार्य प्रतीत होता है. आइये एक और प्रयत्न किया जाए हमारी मातृ भाषा के विभिन् पक्षों पर पुनः एक दृष्टि डालने का !
    प्रिये मित्रो,
    आज की तारीख में हिन्दी को राष्ट्रभाषा मानने को कई राज्य तैयार नही है.
    सबसे फले इसका कोई उपआय बताओ फिर कोई बात आगे बढेगी

  7. #66
    Paryaas to bahut achha hai lekin Hindi mein likhe kaise,:eek:,,,,kayi baar koshi kari lekin baat hi nahi ban rahi,,,,,,,chalo koshi jaari rakhte hain,,,,,,,aur pher usi chakkar mein haryanvi likhan khaatir bheetrla ubaale khaan laag jya se

  8. #67

    Lightbulb

    Quote Originally Posted by sachinb View Post
    Paryaas to bahut achha hai lekin Hindi mein likhe kaise,:eek:,,,,kayi baar koshi kari lekin baat hi nahi ban rahi,,,,,,,chalo koshi jaari rakhte hain,,,,,,,aur pher usi chakkar mein haryanvi likhan khaatir bheetrla ubaale khaan laag jya se

    भाई सचिन जो अंतरजाल (इन्टरनेट) पता नीचे दिया गया है उस पर जाकर अंग्रेजी के कुंजीपटल (कीबोर्ड) जो भी कुंजी आप दबायेंगे वह हिन्दी में नज़र आएगी

    फ़िर वहां से आप उसे नक़ल (कॉपी) करके जाटभूमि पर जाकर चिपका (पेस्ट) सकते हैं | यह बहुत ही सरल है | इस विधि का प्रयोग करके आप भी हिन्दी में लिख सकते हैं |

    हिन्दी में अन्य किसी भी सहायता के लिए आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं | मुझे इसमे अत्यन्त खुशी होगी |




    http://www.google.co.in/transliterate/indic
    :rockSANDY = JAT

    JAI :rockKIL:DLKI :rock TAULL !!!!!

    "JAHAN JAAT VAHAN THAATH" :p

  9. #68
    Quote Originally Posted by sandeep5 View Post
    भाई सचिन जो अंतरजाल (इन्टरनेट) पता नीचे दिया गया है उस पर जाकर अंग्रेजी के कुंजीपटल (कीबोर्ड) जो भी कुंजी आप दबायेंगे वह हिन्दी में नज़र आएगी

    फ़िर वहां से आप उसे नक़ल (कॉपी) करके जाटभूमि पर जाकर चिपका (पेस्ट) सकते हैं | यह बहुत ही सरल है | इस विधि का प्रयोग करके आप भी हिन्दी में लिख सकते हैं |

    हिन्दी में अन्य किसी भी सहायता के लिए आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं | मुझे इसमे अत्यन्त खुशी होगी |




    http://www.google.co.in/transliterate/indic
    संदीप जी उनकी दुविधा ये है की उनको शब्द ही नही मिल पाते शुद्ध हिन्दी के, अपितु वे अपनी हरयाणवी में ही सिमट के रह जाते हैं उचित शब्द न मिल पाने के कारण. वे चाह कर भी हरयाणवी के मोह से बाहर नही आ पाते

  10. #69
    Baat aisi hai Shweta ji, mere saath shabdo ka koyi bandhan nahi hai, aur na hi mujhe hindi ke shabd dhundne mein koyi kathinaayee hoti hai, main hindi puran dhaara-parvaah ke nir-vighan bol aur likh sakta hun,

    mere hindi bhasha ke upar aapki tippani matr aapki apni mansikta pardarshit karti hai aur aisa parteet hota hai ki aap apne hi vicharo tak sankuchit hain:rock,,,,

    Sandeep bhai ne mere ko theek samjha hai aur usi ke liye unhone sujhaav bhi diya, ye to aapki hi samajh mein roda atak gaya kahin:rock

    You seems to be an intelligent person so i will take the right words of Hindi on loan from you(only i fi get struck somewhere, to which i am preety confident will not struck):rock

    Rahit baat Haryanvi ki, I am proud of being a Jat and I love to speak Haryanavi without any hesitation and without any inhibition:boxing

    Quote Originally Posted by shwetadhaka View Post
    संदीप जी उनकी दुविधा ये है की उनको शब्द ही नही मिल पाते शुद्ध हिन्दी के, अपितु वे अपनी हरयाणवी में ही सिमट के रह जाते हैं उचित शब्द न मिल पाने के कारण. वे चाह कर भी हरयाणवी के मोह से बाहर नही आ पाते

  11. #70
    Quote Originally Posted by shwetadhaka View Post
    संदीप जी उनकी दुविधा ये है की उनको शब्द ही नही मिल पाते शुद्ध हिन्दी के, अपितु वे अपनी हरयाणवी में ही सिमट के रह जाते हैं उचित शब्द न मिल पाने के कारण. वे चाह कर भी हरयाणवी के मोह से बाहर नही आ पाते
    करत करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान
    रस्सी आवत जात ते सिल पे परत निशान

  12. The Following User Says Thank You to dkumars For This Useful Post:

    kamnanadar (February 21st, 2012)

  13. #71

    Lightbulb

    Quote Originally Posted by shwetadhaka View Post
    संदीप जी उनकी दुविधा ये है की उनको शब्द ही नही मिल पाते शुद्ध हिन्दी के, अपितु वे अपनी हरयाणवी में ही सिमट के रह जाते हैं उचित शब्द न मिल पाने के कारण. वे चाह कर भी हरयाणवी के मोह से बाहर नही आ पाते
    हरयाणवी भाषा का मोह त्यागे बिना तो शुद्ध हिन्दी लिखना और सीखना बड़ा ही कष्टप्रद होगा | मैं भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हूँ लेकिन मैं शुद्ध हिन्दी बोलते या लिखते समय अपनी आंचलिक भाषा का प्रयोग नही करता हूँ अन्यथा उस हिन्दी का तो बेडागर्क हो जाएगा |
    :rockSANDY = JAT

    JAI :rockKIL:DLKI :rock TAULL !!!!!

    "JAHAN JAAT VAHAN THAATH" :p

  14. #72

    Smile

    सचिन जी ये जवाब यदि आप हिन्दी भाषा में देते तो मुझे बड़ी प्रसन्नता होती |
    आप ही ने अपने प्रतिउत्तर में लिखा है कि मैंने आपको सही समझा है और सुझाव भी सही दिया है |
    मैं आपसे आशा करूँगा कि आप भविष्य में कम से कम इस धागे पर तो मेरे दिए गए सुझाव पर अमल करते हूए हिन्दी में ही जवाब देंगे |

    आपका सच्चा हितेषी
    संदीप तोमर
    :rockSANDY = JAT

    JAI :rockKIL:DLKI :rock TAULL !!!!!

    "JAHAN JAAT VAHAN THAATH" :p

  15. #73

    Thumbs up

    Ati uttam aur sarahniye vichaar prakat kiye aapne, Shweta ji

    Likhne ke pashchat hi andaza hota hai ki hum apni Matra-bhasha se kitne aparichit hain. Kathin bhasha ka ehsaas ho raha hai. Parantu main apni taraf se jee-tod prayatn karungi, isse sikhne, samajhne aur likhne mein.

    Filhaal ye mutthi bhar shabd hi bayaan kar paayi hun. Ye sunder aur vichaarsheel prayatn jaari rahega.

    Kintu ek prashann poochhna hai.....ant mein mujhe REGARDS likhna ho to iske liye sahi hindi parryay kya hoga ?

  16. #74
    Quote Originally Posted by choudharyneelam View Post
    Ati uttam aur sarahniye vichaar prakat kiye aapne, Shweta ji

    Likhne ke pashchat hi andaza hota hai ki hum apni Matra-bhasha se kitne aparichit hain. Kathin bhasha ka ehsaas ho raha hai. Parantu main apni taraf se jee-tod prayatn karungi, isse sikhne, samajhne aur likhne mein.

    Filhaal ye mutthi bhar shabd hi bayaan kar paayi hun. Ye sunder aur vichaarsheel prayatn jaari rahega.

    Kintu ek prashann poochhna hai.....ant mein mujhe REGARDS likhna ho to iske liye sahi hindi parryay kya hoga ?

    नीलम जी आपको हिन्दी में लिखते हुए देख अति प्रसंता हुई लेकिन अगर लिप्पी रोमन की जगह देवनागरी होती तो मजा ही कुछ और होता| देवनागरी लिप्पी(हिन्दी) में लिखने के लिए यहाँ क्लिक करे|
    http://www.google.co.in/transliterate/indic

    अगर Regards का आप हिन्दी अनुवाद चाहती है तो उसे आशीष कहते है

    आशीष,
    देवेन्द्र कुमार

  17. #75

    Smile अति आनंदमय

    Quote Originally Posted by dkumars View Post
    नीलम जी आपको हिन्दी में लिखते हुए देख अति प्रसंता हुई लेकिन अगर लिप्पी रोमन की जगह देवनागरी होती तो मजा ही कुछ और होता| देवनागरी लिप्पी(हिन्दी) में लिखने के लिए यहाँ क्लिक करे|
    http://www.google.co.in/transliterate/indic

    अगर regards का आप हिन्दी अनुवाद चाहती है तो उसे आशीष कहते है

    आशीष,
    देवेन्द्र कुमार
    देवेंदर, मुझे भी आपके तुरंत जवाब से अति प्रसंन्त्ता हुई
    आपका बहुत बहुत धन्यवाद और मेरी और से हिन्दी भाषा में और भी सवाल-जवाब आते रहेंगे


    श्वेताजी में कुछ नया सोचने की अद्भुत कला है, जो यहाँ इन्होने पहल करके साबित की

    आशीष
    नीलम चौधरी
    (देवेंदर, मैं आपका मेरे लेख में बदलाव लाने के लिए भी धन्यवाद करना चाहूंगी, बयान करने के लिए शब्द कोष कम पड़ रहा है की मैं ये बता सकूँ कितना लुत्फ़ उठा रही हूँ लिखने में)


  18. #76
    Quote Originally Posted by dkumars View Post
    मोहतरमा, आपने ये धागा शुरू किया और बंद हो गया| फ़िर हमने सरपंचो से कह कर इससे खुलवाया पर अभी भी इसमे कोई पोस्ट नही| कृपा करके कम से कम आप तो २-४ शब्द लिख दीजिये, क्या पता ये धागा फ़िर से दौड़ने लगे ?
    Quote Originally Posted by choudharyneelam View Post
    ati uttam aur sarahniye vichaar prakat kiye aapne, shweta ji

    likhne ke pashchat hi andaza hota hai ki hum apni matra-bhasha se kitne aparichit hain. Kathin bhasha ka ehsaas ho raha hai. Parantu main apni taraf se jee-tod prayatn karungi, isse sikhne, samajhne aur likhne mein.

    filhaal ye mutthi bhar shabd hi bayaan kar paayi hun. Ye sunder aur vichaarsheel prayatn jaari rahega.

    Kintu ek prashann poochhna hai.....ant mein mujhe regards likhna ho to iske liye sahi hindi parryay kya hoga ?
    देवेन्द्र एवं नीलम, आप दोनों का प्रयास बहुत ही सराहनीय है| यदि आप मोहतरमा, फिलहाल, अंदाजा जैसे उर्दू व फारसी के शब्दों का प्रयोग कम करें तो अति उत्तम होगा| आप द्वारा इन शब्दों का प्रयोग एक दूसरे धागे का स्मरण करवाता है - हिंदी का इस्लामीकरण| नीलम आप 'आदर सहित' शब्द का भी प्रयोग कर सकती हैं|
    Keep Believing in Yourself and Your Dreams

  19. #77
    Quote Originally Posted by dkumars View Post
    नीलम जी आपको हिन्दी में लिखते हुए देख अति प्रसंता हुई लेकिन अगर लिप्पी रोमन की जगह देवनागरी होती तो मजा ही कुछ और होता| देवनागरी लिप्पी(हिन्दी) में लिखने के लिए यहाँ क्लिक करे|
    http://www.google.co.in/transliterate/indic

    अगर Regards का आप हिन्दी अनुवाद चाहती है तो उसे आशीष कहते है

    आशीष,
    देवेन्द्र कुमार
    खुशी तो अत्यन्त हुई है ..........पर यदि शब्दों को लिखने में गलती न करे तो ज्यादा उचित और सरल होगा ...........डीके "प्रसंता" नहीँ "प्रसन्नता" सही उच्चारण है !!!!!

  20. #78
    pyaare bhai logon.....
    Hindi hum logon ko jitni aati hai kaafi hai....bol lete hai......samajh lete hai....ab adheek hindi ka gyaan le ke kya karenge....aaj ki antarrashtriaya bhasa to angrezi hai....agar humein antarrashtriya satar tak paunchana hai to angrezi pe dhyaan lagaane ki jyaada jaroorat hai......
    aur jo ye hindi aap log yahan likh rahe ho.......aisi school mein to nahi padhi thi maine.....ye maatra sab golmaal hai....hindi na to kunjipatal ke anukul hai....hindi ki paanch panktiyan likhne mein paanch minute lag jaate hai....maatra dhoondte dhoondte......itne takleef ki kya jaroorat hai.....angrezi likho....koi verbhaav to nahi hai angrezi se hamaara...
    .......baat rahi shudh hindi ki to....bhasa aisi honi chaiye ki aam aadmi ke samajh mein aa jaayein....hindi bhi bahut saare shabd urdu ke paryog mein laati hai to kya dikkat hai usmein....angrezi bhi hindi ke shabd prayog mein laati hai to vo bhi achhi baat hai...

  21. #79
    Quote Originally Posted by neels View Post
    देवेन्द्र एवं नीलम, आप दोनों का प्रयास बहुत ही सराहनीय है| यदि आप मोहतरमा, फिलहाल, अंदाजा जैसे उर्दू व फारसी के शब्दों का प्रयोग कम करें तो अति उत्तम होगा| आप द्वारा इन शब्दों का प्रयोग एक दूसरे धागे का स्मरण करवाता है - हिंदी का इस्लामीकरण| नीलम आप 'आदर सहित' शब्द का भी प्रयोग कर सकती हैं|
    जहाँ तक अल्फाज चुनने की बात है.
    हम ख़ुद उर्दू के बड़े कायल हैं.

    जितनी लट्ठ मार हमारी जाटों की बोली है, उसकी बिल्कुल विपरीत है उर्दू व फारसी ..
    पंजाबी को भी में हिन्दी से ऊपर ही मानता हू..
    If someone has to kill you, he has to beat you first.

  22. #80

    Smile

    हिन्दी की कुछ ज्यादा ही "हिन्दी" हो रही है यहाँ :eek: :rolleyes:

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