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Thread: kyaa aap isse sahmat hain????

  1. #1

    Post kyaa aap isse sahmat hain????

    शहर की इस दौड़ में दौड़ के करना क्या है?
    जब यही जीना है दोस्तों तो फ़िर मरना
    क्या है?
    पहली बारिश में ट्रेन लेट होने की फ़िक्र है,
    भूल गये भीगते हुए टहलना
    क्या है?
    सीरियल्स् के किर्दारों का सारा हाल है मालूम,
    पर माँ का हाल पूछ्ने की
    फ़ुर्सत कहाँ है?
    अब रेत पे नंगे पाँव टहलते क्यूं नहीं?
    108 हैं चैनल् फ़िर दिल बहलते क्यूं नहीं?
    इन्टरनैट से दुनिया के तो टच में हैं,
    लेकिन पडोस में कौन रहता है जानते तक नहीं.
    मोबाइल, लैन्डलाइन सब की भरमार है,
    लेकिन जिग्ररी दोस्त तक पहुँचे ऐसे तार कहाँ हैं?
    कब डूबते हुए सुरज को देखा याद है?
    कब जाना था शाम का गुज़रना क्या है?
    तो दोस्तों शहर की इस दौड़ में दौड़् के करना क्या है,
    जब् यही जीना है तो फ़िर मरना क्या है?
    www.suniyezara.blogspot.com

  2. #2
    kavita achhi bhi hai or sachhi bhi hai .

  3. #3
    Quote Originally Posted by adityachoudhary View Post
    शहर की इस दौड़ में दौड़ के करना क्या है?
    जब यही जीना है दोस्तों तो फ़िर मरना
    क्या है?
    पहली बारिश में ट्रेन लेट होने की फ़िक्र है,
    भूल गये भीगते हुए टहलना
    क्या है?
    सीरियल्स् के किर्दारों का सारा हाल है मालूम,
    पर माँ का हाल पूछ्ने की
    फ़ुर्सत कहाँ है?
    अब रेत पे नंगे पाँव टहलते क्यूं नहीं?
    108 हैं चैनल् फ़िर दिल बहलते क्यूं नहीं?
    इन्टरनैट से दुनिया के तो टच में हैं,
    लेकिन पडोस में कौन रहता है जानते तक नहीं.
    मोबाइल, लैन्डलाइन सब की भरमार है,
    लेकिन जिग्ररी दोस्त तक पहुँचे ऐसे तार कहाँ हैं?
    कब डूबते हुए सुरज को देखा याद है?
    कब जाना था शाम का गुज़रना क्या है?
    तो दोस्तों शहर की इस दौड़ में दौड़् के करना क्या है,
    जब् यही जीना है तो फ़िर मरना क्या है?

    Ji haan mein kaafi hadh tak sehmat hoon ...

  4. #4
    Meri aankhon mein ashkon ka samundar koun dekhega
    Jise tumne nahi dekha wo manzar koun dekhega
    ji bahut sahiiiiii likha hai aapne.......
    Quote Originally Posted by adityachoudhary View Post
    शहर की इस दौड़ में दौड़ के करना क्या है?
    जब यही जीना है दोस्तों तो फ़िर मरना
    क्या है?
    पहली बारिश में ट्रेन लेट होने की फ़िक्र है,
    भूल गये भीगते हुए टहलना
    क्या है?
    सीरियल्स् के किर्दारों का सारा हाल है मालूम,
    पर माँ का हाल पूछ्ने की
    फ़ुर्सत कहाँ है?
    अब रेत पे नंगे पाँव टहलते क्यूं नहीं?
    108 हैं चैनल् फ़िर दिल बहलते क्यूं नहीं?
    इन्टरनैट से दुनिया के तो टच में हैं,
    लेकिन पडोस में कौन रहता है जानते तक नहीं.
    मोबाइल, लैन्डलाइन सब की भरमार है,
    लेकिन जिग्ररी दोस्त तक पहुँचे ऐसे तार कहाँ हैं?
    कब डूबते हुए सुरज को देखा याद है?
    कब जाना था शाम का गुज़रना क्या है?
    तो दोस्तों शहर की इस दौड़ में दौड़् के करना क्या है,
    जब् यही जीना है तो फ़िर मरना क्या है?
    "Love, not words win arguements."

  5. #5
    कब डूबते हुए सुरज को देखा याद है?
    कब जाना था शाम का गुज़रना क्या है?





    Very true

  6. #6
    ha ji sahi hai 100% sahmat hu main aap se
    Er. sudhesh bola
    Keep Believing in Yourself and Your Dreams

  7. #7
    hanji bilkul sahmat hai!!!

  8. #8
    ji bahut sahiiiiii likha hai aapne.......

  9. #9

  10. #10
    yaar itna aacha mat likha karo "saha nahi jaata"....
    Thanks & Regards,

    CA. KAPIL RANA | Director
    iN Technologies Inc.

  11. #11
    Email Verification Pending
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    Ek dum sahmat hai bhai

  12. #12
    Quote Originally Posted by ravi.shekhar View Post
    Ek dum sahmat hai bhai

    haan ji Bilkul sahi likha hau bhai jaan

    mujhe umeed hain ki aap aage bhi aise hi jeevan ki sachaeyon ke baare main likhte rahenge
    Rabbu Panwar
    "A Royal JAT of INDIA"

    JAT=== A 3rd Eye of God

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