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Thread: Dry Fruits : Health Bhi, Wealth Bhi

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  1. #1

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    प्रोटीन से भरपूर सूखे मेवों में फाइबर, फाइटो न्यूट्रियंट्स एवं एन्टी ऑक्सीडेण्ट्स जैसे विटामिन ई एवं सेलेनियम की बहुलता होती है। मेवे में वसा भी अधिक होती है, परन्तु ज्यादातर मोनोअन सैच्युरेटेड और पॉली अनसैच्युरेटेड [ओमेगा-3], जो एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल को कम करती है। सूखे मेवे बहुत शक्तिवर्द्धक होते हैं। ये मस्तिष्क एवं शरीर के टॉनिक हैं, जो उन्हें स्वस्थ एवं पुष्ट बनाते हैं। ये कई सामान्य रोगों के उपचार में भी सहायक होते हैं।

    यदि 1.5 ओन्स [35 ग्राम] मेवो- जिसमें सैच्यूरेट्ड फैट एवं कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है- का प्रतिदिन सेवन किया जाए, तो ह्वदय रोग का खतरा कम हो सकता है। अघ्ययन से पता चला है कि जिन महिलाओं ने सप्ताह में चार बार मेवे को अपने आहार में सम्मिलित किया, तो उनमें ह्वदय रोग से मरने की संभावना 40 प्रतिशत कम हो गई।

    वहीं दूसरी ओर शारीरिक श्रम न करने वाले आराम तलब व्यक्तियों द्वारा मेवे का अधिक मात्रा में सेवन मोटापा बढ़ाता है और अतिरिक्त चर्बी चढ़ने से उन्हें कई प्रकार के रोग लग जाते हैं। अधिकतर मेवे की प्रकृति गरम होती है और ठंडे मौसम में इनका सेवन लाभप्रद होता है। इसके अलावा ज्यादा मेवा खाने से पाचन क्रिया भी बिगड़ सकती है।

    बादाम

    * सूखे मेवे में सर्वश्रेष्ठ बादाम विटामिन की प्रचुरता के कारण कैल्शियम का उच्च स्रोत है।
    * बादाम में मोनोअनसैचुरेटड फैट्स व कैलोरीज अधिक होती है।
    * शारीरिक कमजोरी होने पर बादाम भिगोकर खाने से बलवृद्धि होती है तथा शरीर में स्फूर्ति आती है।
    * मस्तिष्क की सक्रियता एवं याददाश्त बढ़ाने में बादाम सहायक है।
    * कब्ज के रोगियों के लिए भी बादाम उपयोगी है।
    * किडनी व लीवर की व्याधियों में भी यह लाभप्रद है।
    * इसके सेवन से शरीर में रक्त और चर्बी की वृद्धि होती है।
    * यह ह्वदय रोग की संभावना को घटाता है तथा रक्त में कॉलेस्ट्राल लेवन को भी कम कर सकता है।
    * बादाम सौन्दर्य वृद्धि में प्रयुक्त किया जाता है जो चेहरे की कान्ति को बढ़ाता है।

    पिस्ता

    * पिस्ते में पोटेशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आइरन जैसे मिनरल प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो कि बॉडी के फ्ल्यूड बैलेंस को नियंत्रित करने तथा हडि्डयों व दांतों की रचना करने में सहायक होते हैं।
    * पिस्ता मस्तिष्क की दुर्बलता को दूर करता है।
    * प्रोटीन का उच्च स्रोत पिस्ता शरीर के लिए शक्तिवर्द्धक है।
    * अन्य सूखे मेवे की अपेक्षा पिस्ते में कैलॉरी की मात्रा तथा सेचुरेटेड फैट कम होता है। साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल फ्री एवं उच्च रेशेयुक्त होता है।
    * उच्च मोनोअन सैचुरेट्ड फैट होने के कारण यह रक्त के कॉलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है। फलस्वरूप ह्वदय रोग के खतरे को भी कम करता है।

    काजू

    * संपूर्ण प्रोटीन के रूप में काजू एक स्वादिष्ट एवं समृद्ध फल है।
    * थियामिन युक्त काजू पाचन प्रणाली की सक्रियता एवं स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
    * अशक्तता एवं दुर्बलता की स्थिति में यह शक्ति प्रदान करता है।
    * भूख न लगना और निरंतर अवसाद की स्थिति में काजू हितकर होता है।
    * यौवन की वृद्धि एवं वृद्धावस्था के अवरोध के लिए काजू में पाया जाने वाला रिबोफ्लेविन सहायक है।
    * आयरन का महत्वपूर्ण स्त्रोत काजू, लाल रक्त कणों की क्रियाशीलता में भी सहायक है।
    * काजू के एंटी ऑक्सीडेंट्स, कैंसर एवं ह्वदय संबंधी घातक बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं।
    * अधिक मात्रा में काजू का सेवन मोटापा बढ़ाता है।

    मूगफली

    * पौष्टिकता से भरपूर मूंगफली में कैंसर प्रतिरोधी तथा कॉलेस्ट्रॉल कम करने की क्षमता है।
    * इसका संबंध ह्वदय की बीमारियों को घटाने में भी महत्वपूर्ण है।
    * कच्ची मूंगफली रोज खाने से धात्री माताओं के दूध में वृद्धि होती है।
    * यह पाचन शक्ति को बढ़ाती है।
    * मूंगफली या उससे निर्मित खाद्य सामग्री के उपयोग से रक्त स्त्राव की बीमारी में आराम मिलता है।

    अखरोट

    * अखरोट में कोई कोलेस्ट्रॉल नहीं होता तथा यह प्रोटीन व डाइटरी फाइबर का महत्वपूर्ण स्त्रोत है जो शारीरिक विकास के लिए लाभकारी है।
    * इसमें सैच्यूरेट्ड वसा कम तथा पॉली अनसैच्युरेट्ड व मोनोअनसैच्युरेट्ड दोनों वसा अधिक होती है।
    * ओमेगा- 3 की गहनता के कारण अन्य सूखे मेवों में अखरोट की अलग पहचान है। इसका नियमित सेवन हमारे शरीर में खराब कॉलेस्ट्रॉल [एलडीएल] को कम करता है।
    * यदि अखरोट को छिलके सहित खरीदकर ताजा ही खाया जाए, तो ओमेगा-3 व ओमेगा- 6 फैटी एसिड्स के उच्चतम स्रोत प्राप्त हो सकते हैं।
    अखरोट का समुचित मात्रा में नियमित सेवन कार्डियोवस्कुलर बीमारियों को रोकता है।
    * यह मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है।
    * गठिया के रोग में भी अखरोट फायदेमंद है।
    कितनी मात्रा में सेवन करें
    * सामान्यत: 11 से 24 वर्ष की आयु के लिए 25 और 50 ग्राम बादाम खाने की सलाह दी जाती है। किसी भी वयस्क की दैनिक कैलोरी का लगभग पांचवां हिस्सा 100 ग्राम बादाम पूरा करती है। भुना हुआ बादाम खाने के लिए घी/तेल का प्रयोग न करें, फ्राइंग पेन में एक-दो मिनिट के लिए गरम कर लें।
    * सप्ताह में चार बार से ज्यादा 30 पिस्ते [18 ग्राम] से अधिक न खाएं। इसका अधिकतम लाभ पाने के लिए और अपनी खुराक में सोडियम व वसा को कम करने के लिए नमकीन व तेल में भुने पिस्ते न खाएं।
    * मघ्यम आकार के 18 काजू [30 ग्राम] यानी एक सर्विंग, एक सप्ताह में ऎसी तीन सर्विंग से ज्यादा न खाएं, अन्यथा वजन बढ़ेगा। इसके अलावा उच्च कैलोरी के अन्य व्यंजनों को कट कर दें।
    * सप्ताह में पांच बार टेबल स्पून से ज्यादा मूंगफली खाने से वजन बढ़ेगा। इसके बदले उच्च वसा युक्त के खाद्य पदार्थ का सेवन न करें।
    * अन्य मेवों की तरह दूसरे उच्च कैलोरिक फूड के बदले पांच टेबल स्पून अखरोट सप्ताह में एक बार खा सकते हैं।
    India and Israel (Hindus & Jews) are true friends in this World. Both are Long Live and yes also both have survived and surviving under adverse conditions.

  2. #2

    kindly advice a little health tip

    no doubts that dry fruits are famous for the qualities that enhances our health and beauty

    but what about the fresh fruits.....i read somewhere that one should prefer to eat fresh fruits before any meal inorder to obtain the right amount of its special qualities.....what about the fruit-shakes which i normally intake only after every meal???? these also should be sipped before any meal or after that ??????

  3. #3

    Smile An apple a day keep doctor away

    Fresh fruits me Apple sabse achcha hai.
    kahte hain ki "An Apple a day keeps doctor away.
    India and Israel (Hindus & Jews) are true friends in this World. Both are Long Live and yes also both have survived and surviving under adverse conditions.

  4. #4
    Email Verification Pending
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    apple is not nutrition rich unlike some other foods. Apple has fiber though.
    Banana may be a better fruit then apple.
    One thing I heard is that in India and china fruits/vegetables are being grown with waste water.

  5. #5
    Email Verification Pending
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    badam, pista, kaju, akhrot are not fruits. They are nuts.

  6. #6
    Quote Originally Posted by amans View Post
    apple is not nutrition rich unlike some other foods. Apple has fiber though.
    Banana may be a better fruit then apple.
    One thing I heard is that in India and china fruits/vegetables are being grown with waste water.
    Quote Originally Posted by amans View Post
    badam, pista, kaju, akhrot are not fruits. They are nuts.

    Amazed u know everything

  7. #7

    Arrow

    Quote Originally Posted by rajpaldular View Post
    प्रोटीन से भरपूर सूखे मेवों में फाइबर, फाइटो न्यूट्रियंट्स एवं एन्टी ऑक्सीडेण्ट्स जैसे विटामिन ई एवं सेलेनियम की बहुलता होती है। मेवे में वसा भी अधिक होती है, परन्तु ज्यादातर मोनोअन सैच्युरेटेड और पॉली अनसैच्युरेटेड [ओमेगा-3], जो एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल को कम करती है। सूखे मेवे बहुत शक्तिवर्द्धक होते हैं। ये मस्तिष्क एवं शरीर के टॉनिक हैं, जो उन्हें स्वस्थ एवं पुष्ट बनाते हैं। ये कई सामान्य रोगों के उपचार में भी सहायक होते हैं।

    यदि 1.5 ओन्स [35 ग्राम] मेवो- जिसमें सैच्यूरेट्ड फैट एवं कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है- का प्रतिदिन सेवन किया जाए, तो ह्वदय रोग का खतरा कम हो सकता है। अघ्ययन से पता चला है कि जिन महिलाओं ने सप्ताह में चार बार मेवे को अपने आहार में सम्मिलित किया, तो उनमें ह्वदय रोग से मरने की संभावना 40 प्रतिशत कम हो गई।

    वहीं दूसरी ओर शारीरिक श्रम न करने वाले आराम तलब व्यक्तियों द्वारा मेवे का अधिक मात्रा में सेवन मोटापा बढ़ाता है और अतिरिक्त चर्बी चढ़ने से उन्हें कई प्रकार के रोग लग जाते हैं। अधिकतर मेवे की प्रकृति गरम होती है और ठंडे मौसम में इनका सेवन लाभप्रद होता है। इसके अलावा ज्यादा मेवा खाने से पाचन क्रिया भी बिगड़ सकती है।

    बादाम

    * सूखे मेवे में सर्वश्रेष्ठ बादाम विटामिन की प्रचुरता के कारण कैल्शियम का उच्च स्रोत है।
    * बादाम में मोनोअनसैचुरेटड फैट्स व कैलोरीज अधिक होती है।
    * शारीरिक कमजोरी होने पर बादाम भिगोकर खाने से बलवृद्धि होती है तथा शरीर में स्फूर्ति आती है।
    * मस्तिष्क की सक्रियता एवं याददाश्त बढ़ाने में बादाम सहायक है।
    * कब्ज के रोगियों के लिए भी बादाम उपयोगी है।
    * किडनी व लीवर की व्याधियों में भी यह लाभप्रद है।
    * इसके सेवन से शरीर में रक्त और चर्बी की वृद्धि होती है।
    * यह ह्वदय रोग की संभावना को घटाता है तथा रक्त में कॉलेस्ट्राल लेवन को भी कम कर सकता है।
    * बादाम सौन्दर्य वृद्धि में प्रयुक्त किया जाता है जो चेहरे की कान्ति को बढ़ाता है।

    पिस्ता

    * पिस्ते में पोटेशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आइरन जैसे मिनरल प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो कि बॉडी के फ्ल्यूड बैलेंस को नियंत्रित करने तथा हडि्डयों व दांतों की रचना करने में सहायक होते हैं।
    * पिस्ता मस्तिष्क की दुर्बलता को दूर करता है।
    * प्रोटीन का उच्च स्रोत पिस्ता शरीर के लिए शक्तिवर्द्धक है।
    * अन्य सूखे मेवे की अपेक्षा पिस्ते में कैलॉरी की मात्रा तथा सेचुरेटेड फैट कम होता है। साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल फ्री एवं उच्च रेशेयुक्त होता है।
    * उच्च मोनोअन सैचुरेट्ड फैट होने के कारण यह रक्त के कॉलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है। फलस्वरूप ह्वदय रोग के खतरे को भी कम करता है।

    काजू

    * संपूर्ण प्रोटीन के रूप में काजू एक स्वादिष्ट एवं समृद्ध फल है।
    * थियामिन युक्त काजू पाचन प्रणाली की सक्रियता एवं स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
    * अशक्तता एवं दुर्बलता की स्थिति में यह शक्ति प्रदान करता है।
    * भूख न लगना और निरंतर अवसाद की स्थिति में काजू हितकर होता है।
    * यौवन की वृद्धि एवं वृद्धावस्था के अवरोध के लिए काजू में पाया जाने वाला रिबोफ्लेविन सहायक है।
    * आयरन का महत्वपूर्ण स्त्रोत काजू, लाल रक्त कणों की क्रियाशीलता में भी सहायक है।
    * काजू के एंटी ऑक्सीडेंट्स, कैंसर एवं ह्वदय संबंधी घातक बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं।
    * अधिक मात्रा में काजू का सेवन मोटापा बढ़ाता है।

    मूगफली

    * पौष्टिकता से भरपूर मूंगफली में कैंसर प्रतिरोधी तथा कॉलेस्ट्रॉल कम करने की क्षमता है।
    * इसका संबंध ह्वदय की बीमारियों को घटाने में भी महत्वपूर्ण है।
    * कच्ची मूंगफली रोज खाने से धात्री माताओं के दूध में वृद्धि होती है।
    * यह पाचन शक्ति को बढ़ाती है।
    * मूंगफली या उससे निर्मित खाद्य सामग्री के उपयोग से रक्त स्त्राव की बीमारी में आराम मिलता है।

    अखरोट

    * अखरोट में कोई कोलेस्ट्रॉल नहीं होता तथा यह प्रोटीन व डाइटरी फाइबर का महत्वपूर्ण स्त्रोत है जो शारीरिक विकास के लिए लाभकारी है।
    * इसमें सैच्यूरेट्ड वसा कम तथा पॉली अनसैच्युरेट्ड व मोनोअनसैच्युरेट्ड दोनों वसा अधिक होती है।
    * ओमेगा- 3 की गहनता के कारण अन्य सूखे मेवों में अखरोट की अलग पहचान है। इसका नियमित सेवन हमारे शरीर में खराब कॉलेस्ट्रॉल [एलडीएल] को कम करता है।
    * यदि अखरोट को छिलके सहित खरीदकर ताजा ही खाया जाए, तो ओमेगा-3 व ओमेगा- 6 फैटी एसिड्स के उच्चतम स्रोत प्राप्त हो सकते हैं।
    अखरोट का समुचित मात्रा में नियमित सेवन कार्डियोवस्कुलर बीमारियों को रोकता है।
    * यह मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है।
    * गठिया के रोग में भी अखरोट फायदेमंद है।
    कितनी मात्रा में सेवन करें
    * सामान्यत: 11 से 24 वर्ष की आयु के लिए 25 और 50 ग्राम बादाम खाने की सलाह दी जाती है। किसी भी वयस्क की दैनिक कैलोरी का लगभग पांचवां हिस्सा 100 ग्राम बादाम पूरा करती है। भुना हुआ बादाम खाने के लिए घी/तेल का प्रयोग न करें, फ्राइंग पेन में एक-दो मिनिट के लिए गरम कर लें।
    * सप्ताह में चार बार से ज्यादा 30 पिस्ते [18 ग्राम] से अधिक न खाएं। इसका अधिकतम लाभ पाने के लिए और अपनी खुराक में सोडियम व वसा को कम करने के लिए नमकीन व तेल में भुने पिस्ते न खाएं।
    * मघ्यम आकार के 18 काजू [30 ग्राम] यानी एक सर्विंग, एक सप्ताह में ऎसी तीन सर्विंग से ज्यादा न खाएं, अन्यथा वजन बढ़ेगा। इसके अलावा उच्च कैलोरी के अन्य व्यंजनों को कट कर दें।
    * सप्ताह में पांच बार टेबल स्पून से ज्यादा मूंगफली खाने से वजन बढ़ेगा। इसके बदले उच्च वसा युक्त के खाद्य पदार्थ का सेवन न करें।
    * अन्य मेवों की तरह दूसरे उच्च कैलोरिक फूड के बदले पांच टेबल स्पून अखरोट सप्ताह में एक बार खा सकते हैं।




    bhai ,........
    everything u told us is fantastic...........
    really valuable......
    'll stars now to tak dem .......
    :rock
    "Helping hands are better than Praying Lips"

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