Last edited by bharti; February 21st, 2009 at 09:26 PM. Reason: spelling
Luck by chance good movie my rating 3.5 out of 5
Plant one tree atleast
and pls save water and electricity
hrdhaka (March 18th, 2016)
hrdhaka (March 18th, 2016)
Delhi 6: Nice Movie. 3/5
Strive not to be a success, rather to be of value.
hrdhaka (March 18th, 2016)
Delhi-6 2/5
Abhishek bachhan ne last mein mara dikha dete to ending thodi kam dukhdayee hotee:rock:rock:rock
Delhi aale kaati dhap ke bewkoof dikha rakhe hain
Dream is not what you see while sleeping. Dream is that which won't let you sleep
hrdhaka (March 18th, 2016)
13B what a movie beleive me you cant get better than this in section of suspense thriller and a tadka of horror. Madhvan is superb i must say a must watch flick and please dont watch at home it will decrease the exitement of the movie please go and have i watch of it at theater. Bit similar to the ring but still go and have a look of the movie. My rating 4.25 out of 5.
Plant one tree atleast
and pls save water and electricity
hrdhaka (March 18th, 2016)
Underworld 3 ok ok movie if you have watched earlier 2 parts you can go for this one too. Good direction wive some good special effects My rating 3 out of 5.
Plant one tree atleast
and pls save water and electricity
hrdhaka (March 18th, 2016)
Gulaal: Very good movie from Anurag Kashyap. Can be a bit tough to watch with family.
4/5
Strive not to be a success, rather to be of value.
hrdhaka (March 18th, 2016)
hrdhaka (March 18th, 2016)
Twilight: 3.5/5.0
Nice movie..
hrdhaka (March 18th, 2016)
It simply rocks
Abhay Deol...indulgence...
songs abrupt but brilliant,,,are flowin alongwid movie
-There are no bad people in this world..they are either good or amusing.
...La Vida es Bella....
hrdhaka (March 18th, 2016)
Taarey Zamen parr
kya tha yeh..tried my hardest to like this movie..sat thru almost an hour,still cudnt get myself to remotely like it or be interested,,well,,,ever-eluding patience..didnt pay..
well,,actually..kya movie thii-kisii ne 3 ya chaar stars diye they kya..
one of my aussie gf told its gooooooooood...uff..it was an effffforttt....:o
-There are no bad people in this world..they are either good or amusing.
...La Vida es Bella....
hrdhaka (March 18th, 2016)
hrdhaka (March 18th, 2016)
कुछ लोग सत्ता की अपनी भूख को किस तरह युवाओं के माध्यम से पूरा करने का कुत्सित षड़यंत्र रचते हैं, किस तरह छात्र राजनीती को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया जाता है, किस तरह दबंग लोग अपनी वासना और इच्छाओं की पूर्ति करते हैं और किस तरह एक आप लड़का "क्रांति " करते हुए खुनी बनकर मौत के घाट उतर जाता है और किस तरह सभी के सपने अधूरे ही रह जाते हैं, अगर ये जानना है तो गुलाल देख आइये. निर्देशक अनुराग कश्यप की इस फिल्म का आधार राजपुताना है. फिल्म शुरू होते ही इतनी तेजी से आपके दिलो दिमाग में घुस जाती है की आप इसके ख़तम होने तक पूरी तरह से गुलाल से सरोबार हो जाते हैं. राजस्थान की पृष्ठभूमि पर बनी गुलाल एक बेहतरीन फिल्म है और इसके माध्यम से अनुराग ने एक बार फिर से खुद को साबित करते हुए दिखा दिया की वो सब तरह की फिलम बना सकते हैं और यही नहीं एक मसाला फिल्म से भी वो एक बेहतर सन्देश दे सकते हैं. मुझे लगता है की फिल्म में सभी की ने बेहत अभिनय किया है लेकिन मुझे याद रहेंगे पियूष मिश्रा, के के मेनन , राजा सिंह चौधरी और अभिमन्यु सिंह.
राजपुताना अतीत के माध्यम से आज के युवाओं को अपने साथ जोड़कर नई क्रांति लाने की तैयारी कर रहा दुकी बना (के के मेनन ) का किरदार वर्तमान राजनेताओं को आइना दिखा देता है. एक जगह दुकी बना कहता है की- के बाद क्या मिला इस देश को, राजपूतों के साथ धोखा हुआ और हालत क्या है की एक दल की सरकार तक नहीं बनती. हालाँकि इस सबके पीछे दुकी का मकसद कोई क्या नहीं है की वो देश या समाज की भलाई की बात सोच रहा है, इस सबके लिए उसका सीधा मकसद एक ऐसी क्रांति पैदा करना चाहता है जिसका फायदा सिर्फ और सिर्फ उसे मिले. राजपुताना राज्य बनने का उसका "दुस्वप्न " पूरा हो जाये. इसके लिए वो बार बार राजपूत धन्ना सेठों को धिक्कारता भी है की वो सत्ता तो चाहते हैं लेकिन इसके लिए बलिदान नहीं देना चाहते. सीधे तौर पर हम कह सकते हैं की दुकी उन्हें यही कहना चाहता है की - भगत सिंह पैदा हो लेकिन पडौसी के घर में. दुक्की के घर में उनके बड़े बना भी हैं, पियूष मिश्रा. हमेशा एक अर्धनारीश्वर के साथ रहने वाले पियूष पूरी फिल्म में एक सूत्रधार की तरह हैं. हमेशा बाजेवालों की ड्रेस दल के रखते हैं और जब तब दुकी और समाज के मुह पर तमाचा भी मारते रहते हैं. अभिनय ही नहीं गीत संगीत के मामले में भी पियूष जी ने कमाल कर दिया है बड़े दिनों बाद ऐसे गाने सुनने को मिले जो सीधे तौर पर फिल्म को जोड़ने का काम करते हैं न की उसके दृश्यों को तोड़ने का, फिल्म का एक गाना सुनकर लगता है की जैसे उन देशों को सच बताने की कोशिश करने की कोशिश की गई है जो दुसरे देशों पर बेवजह आक्रमण करते हैं. गाना ऐसा है की सीधा आपके होठों पर तैरने लगता है.. बोल हैं.. जैसे दूर देश के टावर में घुस जाये रे एरोप्लेन. ( गाना सुंनते 9/11 याद आने लगता है)
हालाँकि फिल्म दिलीप से शुरू होकर उसी पर ख़तम होती है. दिलीप के रूप में राज सिंह ने अच्छा अभिनय किया है. एक आम और डरपोक लड़के से वो किस तरह की क्रान्ति कर देता है देखने लायक है. दिलीप बता देता है की वो नपुंसक नहीं है. आम लड़के की ही तरह वो राजनीती से दूर रहना चाहत अहै और जब एक लड़की , जो सिर्फ उसका इस्तेमाल करने के लिए उससे प्यार करती है, को सच्चा प्यार करने लगता है और इसी चक्कर में कई "खून " भी कर देता है. इसमें दुकी भी शामिल होता है. फिल्म में छात्र राजनीती को काफी अच्चे ढंग से दिखाया गया है. इस मुद्दे पर तिग्मांशु धुलिया की "हासिल " नाम की एक फिल्म पहले आ चुकी है. उसने भी इस मुद्दे को अच्छे से छुआ था. खैर गुलाल से एक बार फिर अनुराग कश्यप ने अपनी प्रतिभा को साबित कर दिय है. फिल्म में कई जगहों पर सो कॉल्ड अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन फिल्म देखते हुए वो न गलत लगती है न अजीब. फिल्म में कई महिला किरदार भी हैं लेकिन इनका ज्यादा असरदार किरदार नहीं. सभी लगभग दबे कुचले से किरदार हैं जिनमे उठने के चाहत है. इसके लिए उनके अपने अपने तरीके हैं. हालांकि गुलाल की कहानी को १० साल पहले लिखा गया था लेकिन फिल्म देखकर लगता है आज कल में ही गीत लिखी गई है यानी १० साल पहले जो चल रहा था वो कतई नहीं बदला. या फिर हम कह सकते हैं की अनुराग ने १० साल पहले ही आज की सोच ली थी. अगर आप भी एक अच्छी फिल्म देखना चाहते हैं, एक ऐसी फिल देखने की सोच रहे हैं जो मासालेदार हो लेकिन थोडा हटके तो जाइये और रंग लीजिये खुद को गुलाल से....
www.suniyezara.blogspot.com
hrdhaka (March 18th, 2016)
hrdhaka (March 18th, 2016)
Thanx god theater par nai dekhi. One of the biggest bandal/bakwaas movies of all time. Crap story crap performance, everything else all but crap crap crap.....
1/5.
Strive not to be a success, rather to be of value.
hrdhaka (March 18th, 2016)
Hey guys yesterday i watched the Mukhbir.
Its really a nice movie.
3.25 out of 5
Plant one tree atleast
and pls save water and electricity
hrdhaka (March 18th, 2016)
hrdhaka (March 18th, 2016)