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Thread: Holidays Holidays and Holidays ….?

  1. #1

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    Holidays Holidays and Holidays ….?
    छुट्टियों के बहाने……?
    भारतवर्ष छुट्टियों से भरा पडा है……हमें बस छुट्टी करने का बहाना भर चाहिये….यहाँ किसी का जन्मदिन हो तो छुट्टी……किसी का मरण दिन हो तो छुट्टी………यहाँ देवी देवताओं के नाम पर छुट्टी……त्योहारों पर छुट्टी….धर्म के नाम पर छुट्टी…..सरकार ने कुछ गलत कर दिया तो छुट्टी…… सरकार से जाने अनजाने में कुछ बढिया काम हो गया तो छुट्टी……..(वैसे सरकार से अच्छे काम भुल-चुक से ही होते है)……..आज कोई साथ है इसलिये छुट्टी ओर आज अकेले हैं तो इस गम़ में छुट्टी……कहीं बाढ आई हुई है तो छुट्टी ओर कहीं सूखा या आकाल पड गया तो छुट्टी…….बीवी , सहेली या सहेला ने घणा प्यार दे दिया तो छुट्टी (खुशी में) ओर अगर दुत्तकार दिया तो ग़म मे छुट्टी…:o… किसे जाट की भैंस ने काट्डा दे दिया तो भी छुट्टी ……आफ़िस मे किसी ने फ़ट्कार दिया तो शर्म के मारे छुट्टी ओर अगर किसी ने घणी शाबाशी या तारिफ़ कर दी ते फ़ूल के हो गये कुप्पा इस बात पे छुट्टी….:D...कोए मेहमान आ गया तो उसकी खातिरदारी करने के लिये छुट्टी ओर किसी के मेहमान बन कर गये फ़िर तो है ही छुट्टी……कुछ तो हमारे देश में राष्ट्रीय छुटियां हैं, कुछ राज्य की ओर कुछ हमने अपने अपने फ़ायदे ओर सहुलियत के हिसाब से बना ली हैं….. इन छुट्टियों पर हमने आपना मौलिक अधिकार बना लिया है……प्रजातंत्र का भरपुर फ़ायदा उठाना तो कोई हमसे सिखें ।
    क्या हमने कभी सोचा है कि एक साल के 365 दिनों मे से हम काम कितने दिन काम करते हैं……ओर कितने दिन चाही या अनचाही छुट्टियां मनाते हैं ।

    अज़ीब देश है जी आपणा भी….कोई यहां बीडी से ही जिग़र में आग जला देता है…..:eek:.... ( बीडी जलाई ले जिग़र मा पिया…..जिग़र मा बडी आग है……तणं तू तूं….तणं तू तूं…? ) तो कोई गणेश जी की मूर्ति को ही दूध पिला देता है…….। पढ लिख़ लेने के बावजूद भी हम आजतक अंधविश्व्वाश से उभर नही पाये हैं…….आज भी झाड फ़ूंक ओर टूनें टोटकों मे उलझे रहते हैं ।
    सबसे बढिया काम तो ये जाटलैंड कर रहा है जो 24x7 बस चलता ही रहता है ओर विभिन्न तर्क वितर्क ओर आचारों विचारों का आदान प्रदान निशुल्क बांटे जा रहा है …..जैसे नये घर के उपर हांडी पर बने एक काले से थोबडे आले ने लट्का दिया करे ना……जिसकी गज भर की लाम्बी सी लाल रंग की जीभ निकली रहती है…. नज़र तोडने के लिये……मैं तो कहता हूँ कि…. एक काला टीका लगा दो इस जाटलैंड को भी…… बुरी नज़रों से बचाने के लिये ।
    समस्त जाटलैंड वासी बधाई के पात्र है जो 24x7 बिना कोई छुट्टी का बहाना ढूंढे जाटलैंड को आबाद रख़ते हैं……जाटलैंड वो मुश्क है जो हमें हमेशा खुश्बु देता रहता है ओर Log In करते ही हमारे चेहरों पर खुशी की मुस्कान बिख़ेर देता है…….

    आते जाते जहाँ चोपाल मे राम राम ओर दुआ स्लाम होती है…..
    प्यार, मोहब्बत, दोस्ती ओर भाई-चारे की क्या खूब मिलान होती है….

    जाटलैंड वो सितारा है जो लोगो को मन्जिल का पता ओर…..भटकों को सहारा देता है

    अंत मे…..माफ़ करना…..मुझे डर लग रहा है कहीं समस्त जाटलैंड वाशी मिलकर मेरी छुट्टी करने का बहाना ना ढूंढ्ने लग जायें…..? ओर फ़िर मैं कहता फ़िरूं………मुसाफ़िर हूँ मैं तो……..गले से लगा लो…..?
    मेरी जिन्दगी.....मेरा अन्दाज
    Work as a Labour.....Live as a King.
    कर भला हो भला.....अंत भले का भला
    To do better make changes where necessary and find other avenues.
    ALL POWER IS WITHIN YOU. YOU CAN DO ANYTHING AND EVERYTHING. BELIEVE IN THAT.
    अपने तो अपने होते हैं.....बाकी सब सपने होते हैं ।

  2. #2

    Unhappy

    Bhai ji ke baat se aaj. aap bhi khush ho ke chhutti len ke chakkar me lage.:D
    Le lyo bhai ji aap bhi jee sa. hahahahahaahaah.....

    Jokes apart but its true that in India we have more holidays than working days and they are increasing day by day. If there is proposal to reduce them a bit a big uproar starts. Employees threaten to go on strike, one more holiday :eek:. Here in Saudi Arabia they have only 8 holidays yearly.

    sachi baat to ya hai bhaiji ki koi kaam karna chawe hi na. sab ya hi sochen ki unko office/factory jana hi na pade aur mahine ki mahine salary ghar aajya. ab batao iska ilaj ke ho.
    जाट महान
    ----------
    बेगानों में वफ़ा की तलाश ना कर ‘साहिल’,
    तेरे तो अपने भी अक्सर बेवफा निकलते हैं l

  3. #3
    bahut aache bhai ji,,,
    kya baat hai,, nichod saa kaad diya baat ka swaad aa gaya,,,
    Yash Beniwal
    Life is a challenge accept it !
    JAI KILKI TAULL !!!!!!!!!!!!

  4. #4

    bahut Achhyaa likhyaa Narwal sahb.......

    arr ibb aapki chhuti naa hove ek mint ki bhi............. fass ge aap te........ bahut hi badhiyaa likhyaa hai sahb.....

  5. #5
    Quote Originally Posted by jakhar77 View Post
    Bhai ji ke baat se aaj. aap bhi khush ho ke chhutti len ke chakkar me lage.:D
    Le lyo bhai ji aap bhi jee sa. hahahahahaahaah.....

    Jokes apart but its true that in India we have more holidays than working days and they are increasing day by day. If there is proposal to reduce them a bit a big uproar starts. Employees threaten to go on strike, one more holiday :eek:. Here in Saudi Arabia they have only 8 holidays yearly.

    sachi baat to ya hai bhaiji ki koi kaam karna chawe hi na. sab ya hi sochen ki unko office/factory jana hi na pade aur mahine ki mahine salary ghar aajya. ab batao iska ilaj ke ho.
    भाई जी ...आप साउदी में क्युं दिन काले कर रहे हो जी......आ जाओ आपने देश......ले ल्यो यहां की छुट्टियों के मजे...:p..यहां जितनी आजादी दुनियां के किसे देश मे न मिले जी आप ने....सही प्रजान्त्र है यहां......किसी को कुछ भी कहने का अधिकार सिर्फ़ यहां पर है....यहां करे कोई ओर भरे कोई .......काम करने वाले यहां गधे की तरह लदे रहते हैं काम ओर फ़र्ज के लिये.....ओर कामचोर ऐश करते है ......?

    आपके यहां सिर्फ़ 8 छुट्टियां.....हे भगवान.....?

    सही कहा जाख़र जी आप ने.....यहाँ लोगों को बिना कुछ किये बहुत कुछ चाहिये ।
    अपना देश जो भी आज तरक्की कर रहा है....वो unplanned है..अगर हर काम यहां ईमानदारी ओर प्लानिग से होने लग जाये तो अपने देश का हाथ पकड्निया कोऎ ना मिले....?
    मेरी जिन्दगी.....मेरा अन्दाज
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    कर भला हो भला.....अंत भले का भला
    To do better make changes where necessary and find other avenues.
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    अपने तो अपने होते हैं.....बाकी सब सपने होते हैं ।

  6. #6

    Post

    Quote Originally Posted by virendernarwal View Post
    अपना देश जो भी आज तरक्की कर रहा है....वो unplanned है..अगर हर काम यहां ईमानदारी ओर प्लानिग से होने लग जाये तो अपने देश का हाथ पकड्निया कोऎ ना मिले....?
    Ekdum sahi kaha bhaiji, planning se tarakki dekhni hai to japan, germany ki dekho ji, WW II ke baad in dono deshan ki kya haalat thi wo sab jaante honge aur aaj wo viksit desh hain. wahan ke log kitni mehnat karte hain. ek german ya japanese se poochho aap.
    agar kaam ke prati imandari na ho to safalta na milti. hum log office jate hain aur sochte hain kab shaam ke 5 baje aur jail se chhooten. ye na sochte ki 8 hrs kaam karne ki salary milti hai utna kaam to karen. in 8 hrs me 2 hrs ram ram shyam shyam karne ke, 2 hrs chai peene ke aur baki ka time doosron ki burai karne beetata hai ji. waise yahan aadmi khud ke prati hi imandar nahi hai to doosri imandari ki to sochna hi bekar hai.
    ek baat aur yahan jo kaam karta hai usko log pagal kahte hain ji, bolte hain isko milega ji rashtrapati padak :D ab ke karya ja inka??
    जाट महान
    ----------
    बेगानों में वफ़ा की तलाश ना कर ‘साहिल’,
    तेरे तो अपने भी अक्सर बेवफा निकलते हैं l

  7. #7
    Quote Originally Posted by jakhar77 View Post
    :eek:. Here in Saudi Arabia they have only 8 holidays yearly.
    भई, मुझे तो लगता नहीं कि सऊदी अरब में सारे साल में कुल आठ ही छुट्टी होती हों । वहां के लोग जितनी छुट्टी करते हैं, शायद ही और कोई करता हो । औरतों को नौकरी वगैरा पर जाने की एक तरह से रोक है, ड्राइविंग वे कर नहीं सकतीं, बस घर में बैठी रहें । सो, आधी आबादी की तो वैसे ही छुट्टी कर दी । साल में एक महीने (रमजान) में तो छुट्टी ही छुट्टी है, बस रात को थोड़ा काम होता है । स्कूलों में भी दो महीने छुट्टी रहती है ।

    पर यह बात शायद दूसरे देश वालों पर लागू न होती हो जो वहां काम करते हैं । अमीर शेखों ने अच्छा फार्मूला ढ़ूंढ़ लिया है - खुद छुट्टी करो और बाहर से आये लोगों को छुट्टी मत दो ।

    वैसे भारत में भी साल में कुल सौलह छुट्टी होती हैं (सरकारी कार्यालयों में) । लोगों द्वारा ली जाने वाली निजी छुट्टियां अलग हैं । जो अपने काम धंधे के खुद मालिक हैं, वे चाहे जितनी मर्जी छुट्टी कर लें - यह सब पर लागू होता है, सिर्फ भारत पर ही नहीं ।

    थोड़े से मनोरंजन के लिए Humor फोरम में यह धागा पढ़ें : Chhutti .
    .
    तमसो मा ज्योतिर्गमय

  8. #8

    holiday

    bhai ji bahut khoob likha,aise hi kadve sach likhte raho,achha tatha hakikat se aut prot hai ji aap ki ye baat.

  9. #9

    नेतागण ओर सरकारी बाबु (सरकार के जमांई)

    छुट्टियां मनाने की नीव हम बच्चपन से डाल देते हैं अपने बच्चों में भी…..? छुट्टी का नाम सुनते ही छोटे हो या बडे सबके चेहरे खुशी से चमक जाते हैं।
    छुट्टियों में भी राजनीति होती है…..कोई अपनी पार्टी या अपने विचारों से मेल खाता है तो कर देते मुख्यमंत्री छुट्टी घोषित …..पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव के निध्न पर कर्नाटक मे कोई छुट्टी नही हुई थी…..लेकिन…………पिछ्ले सोमवार जब पूर्व प्रधानमन्त्री चन्द्रशेखर का निध्न हुआ तो कर्नाटक सरकार की तरफ़ से सब स्कूल, कालेज, बैंक ओर सरकारी दफ़तरों मे एक दिन की छुट्टी घोषित कर दी गई…….एक दिन की छुट्टी से राष्ट्र को कितनी हानि ओर नुकसान हुआ होगा…….इसकी किसी को कोई परवाह नही है…….? क्या आप जानना चाहेंगे के सब लोगों ने क्या किया होगा……किसी ने पिकनीक मनाई होगी तो कोई खरिदारी के लिये किसे शोपिंग माल में गया होगा, किसी ने बढिया फ़िल्म देखी होगी ओर किसे ने अच्छे रेस्तरां मे लंच या डिनर खाया होगा…….शोक मनाने का ढंग कितना अनुठा है…..?

    हमने जब बच्चों को पुछा कि आज किस बात की छुट्टी है…..जवाब मिला…कोई गुजर गया है……? क्या ये अच्छा नही होता कि स्कूल के बच्चे भी एक स्पेशल क्लास लेते उनकी सख्सियत जानने के लिये…?
    ओर क्या ये अच्छा नही होता कि दिंवगत की याद में उनके मान सम्मान ओर आत्मा की शान्ति के लिये सरकारी बाबु कुछ ओर घंटे काम करते……?

    मालूम नही….हमरे नेतागण ओर सरकारी बाबु (सरकार के जमांई) कब इस बात को समझेंगे ओर इस पर अमल करेंगे…….?
    मेरी जिन्दगी.....मेरा अन्दाज
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  10. #10

    gud hai bhai ji

    100 batta 100 aali baat sei .... arr jo waaa aapne kahi nae akkk.... 2-4 ghantey phaltu kaam karan aaaliii ,,,, bhai ji kyu din mei khwaaab dekkhho soo ,,, iss desh mei chuttti maadi si kammm ho jya yaaa aae baddi baat sei

  11. #11

    Former PM V.P.Singh

    Quote Originally Posted by VirenderNarwal View Post
    कुछ तो हमारे देश में राष्ट्रीय छुटियां हैं, कुछ राज्य की ओर कुछ हमने अपने अपने फ़ायदे ओर सहुलियत के हिसाब से बना ली हैं….. इन छुट्टियों पर हमने आपना मौलिक अधिकार बना लिया है……प्रजातंत्र का भरपुर फ़ायदा उठाना तो कोई हमसे सिखें ।
    क्या हमने कभी सोचा है कि एक साल के 365 दिनों मे से हम काम कितने दिन काम करते हैं……ओर कितने दिन चाही या अनचाही छुट्टियां मनाते हैं ।
    Quote Originally Posted by VirenderNarwal View Post
    छुट्टियों में भी राजनीति होती है…..कोई अपनी पार्टी या अपने विचारों से मेल खाता है तो कर देते मुख्यमंत्री छुट्टी घोषित …..पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव के निध्न पर कर्नाटक मे कोई छुट्टी नही हुई थी…..लेकिन…………पिछ्ले सोमवार जब पूर्व प्रधानमन्त्री चन्द्रशेखर का निध्न हुआ तो कर्नाटक सरकार की तरफ़ से सब स्कूल, कालेज, बैंक ओर सरकारी दफ़तरों मे एक दिन की छुट्टी घोषित कर दी गई…….एक दिन की छुट्टी से राष्ट्र को कितनी हानि ओर नुकसान हुआ होगा…….इसकी किसी को कोई परवाह नही है…….? क्या आप जानना चाहेंगे के सब लोगों ने क्या किया होगा……किसी ने पिकनीक मनाई होगी तो कोई खरिदारी के लिये किसे शोपिंग माल में गया होगा, किसी ने बढिया फ़िल्म देखी होगी ओर किसे ने अच्छे रेस्तरां मे लंच या डिनर खाया होगा…….शोक मनाने का ढंग कितना अनुठा है…..?

    हमने जब बच्चों को पुछा कि आज किस बात की छुट्टी है…..जवाब मिला…कोई गुजर गया है……? क्या ये अच्छा नही होता कि स्कूल के बच्चे भी एक स्पेशल क्लास लेते उनकी सख्सियत जानने के लिये…?
    ओर क्या ये अच्छा नही होता कि दिंवगत की याद में उनके मान सम्मान ओर आत्मा की शान्ति के लिये सरकारी बाबु कुछ ओर घंटे काम करते……?

    मालूम नही….हमरे नेतागण ओर सरकारी बाबु (सरकार के जमांई) कब इस बात को समझेंगे ओर इस पर अमल करेंगे…….?

    Mandal and Kamndal founder and former Prime Minister V P Singh died after battling blood cancer for over 17 years. With the help of Ch.Devi Lal he challenged Left, BJP and Congress and form his government. If Ch. Devi Lal come forward at that time and accepts the post of Prime Ministership instead of as Deputy Post, it may we never face mandal and lot of young lives can be saved and we also can say proudly that history repeated, a JAT again become Prime Minister of India.
    Government again declared holiday in the repect of former Prime Minister. May God rest his soul in peace !
    मेरी जिन्दगी.....मेरा अन्दाज
    Work as a Labour.....Live as a King.
    कर भला हो भला.....अंत भले का भला
    To do better make changes where necessary and find other avenues.
    ALL POWER IS WITHIN YOU. YOU CAN DO ANYTHING AND EVERYTHING. BELIEVE IN THAT.
    अपने तो अपने होते हैं.....बाकी सब सपने होते हैं ।

  12. #12
    Quote Originally Posted by VirenderNarwal View Post
    Mandal and Kamndal founder and former Prime Minister V P Singh died after battling blood cancer for over 17 years. With the help of Ch.Devi Lal he challenged Left, BJP and Congress and form his government. If Ch. Devi Lal come forward at that time and accepts the post of Prime Ministership instead of as Deputy Post, it may we never face mandal and lot of young lives can be saved and we also can say proudly that history repeated, a JAT again become Prime Minister of India.
    Government again declared holiday in the repect of former Prime Minister. May God rest his soul in peace !
    i've myself seen, with my own eyes students immolating themselves at AIIMS/S'jung crossing. in my list of most hated politicians he >>> VP singh was the one.
    .
    .
    .
    may his soul lie in peace.
    ! ... be BOLD in what you stand for !
    !! ... i've the simplest tastes, i'm always satisfied with the best !!
    !!! ... be yourself, everyone else is already taken !!!

  13. #13
    Bahar ke chutti na hoti???

    hafte mein do to pukki

    ghana gham ho gya to chutti

    jada pad gya to chutti(himpat)

    christmas pe 15 din ki chutti

    15 din chutti karna compulsary sarkari kanoon

    hisab dekhya ja to baat ek e hai
    Dream is not what you see while sleeping. Dream is that which won't let you sleep

  14. #14

    Question

    arre yu kye chep diya tony bhai ne, dukaan thoda hi lag rahi hai yahan
    :rockSANDY = JAT

    JAI :rockKIL:DLKI :rock TAULL !!!!!

    "JAHAN JAAT VAHAN THAATH" :p

  15. #15
    Email Verification Pending
    Login to view details.
    Narwal bhaisaab ka bahut puraana aiwam majjedaar thread.... enjoyed reading it then and once again now..

    PS: Mods... I would request you to please delete TONI's post.... this is the work we expect you folks to do for us since our posts are moderated.........I am sure above one is not sensible post...lekin fir bhi paddi hai.......and yes, please approve my post as well... (You may delete this PS text if needed....thamm ne karna to thaa e... thaari marji bhai....)

  16. #16
    Ache bhalle thread ka gudd-gobar kar diya hai:okitni achi baat chal rahi thi chhuttiyan....lambi chutti-chotti chhutti, aadhi chutti-poori chhutti[QUOTE=simplejat;193016]http://stores.nextag.com/AddTech/pro...oduct=35955231

  17. #17

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    Holidays Holidays and Holidays ….?
    छुट्टियों के बहाने……?
    भारतवर्ष छुट्टियों से भरा पडा है……हमें बस छुट्टी करने का बहाना भर चाहिये….यहाँ किसी का जन्मदिन हो तो छुट्टी……किसी का मरण दिन हो तो छुट्टी………यहाँ देवी देवताओं के नाम पर छुट्टी……त्योहारों पर छुट्टी….धर्म के नाम पर छुट्टी…..सरकार ने कुछ गलत कर दिया तो छुट्टी…… सरकार से जाने अनजाने में कुछ बढिया काम हो गया तो छुट्टी……..(वैसे सरकार से अच्छे काम भुल-चुक से ही होते है)……..आज कोई साथ है इसलिये छुट्टी ओर आज अकेले हैं तो इस गम़ में छुट्टी……कहीं बाढ आई हुई है तो छुट्टी ओर कहीं सूखा या आकाल पड गया तो छुट्टी…….बीवी , सहेली या सहेला ने घणा प्यार दे दिया तो छुट्टी (खुशी में) ओर अगर दुत्तकार दिया तो ग़म मे छुट्टी…:o… किसे जाट की भैंस ने काट्डा दे दिया तो भी छुट्टी ……आफ़िस मे किसी ने फ़ट्कार दिया तो शर्म के मारे छुट्टी ओर अगर किसी ने घणी शाबाशी या तारिफ़ कर दी ते फ़ूल के हो गये कुप्पा इस बात पे छुट्टी….:D...कोए मेहमान आ गया तो उसकी खातिरदारी करने के लिये छुट्टी ओर किसी के मेहमान बन कर गये फ़िर तो है ही छुट्टी……कुछ तो हमारे देश में राष्ट्रीय छुटियां हैं, कुछ राज्य की ओर कुछ हमने अपने अपने फ़ायदे ओर सहुलियत के हिसाब से बना ली हैं….. इन छुट्टियों पर हमने आपना मौलिक अधिकार बना लिया है……प्रजातंत्र का भरपुर फ़ायदा उठाना तो कोई हमसे सिखें ।
    क्या हमने कभी सोचा है कि एक साल के 365 दिनों मे से हम काम कितने दिन काम करते हैं……ओर कितने दिन चाही या अनचाही छुट्टियां मनाते हैं ।

    अज़ीब देश है जी आपणा भी….कोई यहां बीडी से ही जिग़र में आग जला देता है…..:eek:.... ( बीडी जलाई ले जिग़र मा पिया…..जिग़र मा बडी आग है……तणं तू तूं….तणं तू तूं…? ) तो कोई गणेश जी की मूर्ति को ही दूध पिला देता है…….। पढ लिख़ लेने के बावजूद भी हम आजतक अंधविश्व्वाश से उभर नही पाये हैं…….आज भी झाड फ़ूंक ओर टूनें टोटकों मे उलझे रहते हैं ।
    सबसे बढिया काम तो ये जाटलैंड कर रहा है जो 24x7 बस चलता ही रहता है ओर विभिन्न तर्क वितर्क ओर आचारों विचारों का आदान प्रदान निशुल्क बांटे जा रहा है …..जैसे नये घर के उपर हांडी पर बने एक काले से थोबडे आले ने लट्का दिया करे ना……जिसकी गज भर की लाम्बी सी लाल रंग की जीभ निकली रहती है…. नज़र तोडने के लिये……मैं तो कहता हूँ कि…. एक काला टीका लगा दो इस जाटलैंड को भी…… बुरी नज़रों से बचाने के लिये ।
    समस्त जाटलैंड वासी बधाई के पात्र है जो 24x7 बिना कोई छुट्टी का बहाना ढूंढे जाटलैंड को आबाद रख़ते हैं……जाटलैंड वो मुश्क है जो हमें हमेशा खुश्बु देता रहता है ओर Log In करते ही हमारे चेहरों पर खुशी की मुस्कान बिख़ेर देता है…….

    आते जाते जहाँ चोपाल मे राम राम ओर दुआ स्लाम होती है…..
    प्यार, मोहब्बत, दोस्ती ओर भाई-चारे की क्या खूब मिलान होती है….

    जाटलैंड वो सितारा है जो लोगो को मन्जिल का पता ओर…..भटकों को सहारा देता है

    अंत मे…..माफ़ करना…..मुझे डर लग रहा है कहीं समस्त जाटलैंड वाशी मिलकर मेरी छुट्टी करने का बहाना ना ढूंढ्ने लग जायें…..? ओर फ़िर मैं कहता फ़िरूं………मुसाफ़िर हूँ मैं तो……..गले से लगा लो…..?
    Sir,
    I beg to differ, but do you really think that this thread can be started under "social responsibility".
    Ravi Choudhary
    Share knowledge, its a way to achive immortality

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