मुंबई। आखिरकार वही हुआ जिसका डर था और जिसकी धमकी दी गई थी। महाराष्ट्र में नवनिर्वाचित विधानसभा के पहले ही दिन सोमवार को समाजवादी पार्टी के विधायक अबु आजमी में सरेआम थप्पड़ जड़ दिया गया। आजमी का कसूर इतना था कि वे हिंदी में शपथ ले रहे थे जबकि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के विधायकों ने उन्हें मराठी में शपथ लेने की धमकी दी थी।
आजमी ने जैसे ही हिंदी में शपथ लेना आरंभ किया, मनसे विधायक उनकी ओर झपटे और उन्हें पोडियम से दूर हटा दिया। मनसे विधायक रमेश बांजले ने आजमी के सामने रखा माइक्रोफोन ही उखाड़ लिया। मनसे विधायक राम कदम ने उन्हें थप्पड़ मारा और उनके चेहरे व सीने पर वार किया। आजमी खुद को बचाते रहे और पूरा सदन अवाक रहा। विरोध के दौरान ही अबु आजमी ने स्पीकर के पास खड़े होकर हिंदी में शपथ पूरी की और हस्ताक्षर किए।
इससे पहले अबु असीम आजमी ने कहा था कि वह हिंदी में ही शपथ लेंगे। राज ठाकरे और उसके विधायक उन्हें रोक नहीं सकते। राज ठाकरे जाकर संविधान की पढ़ाई करें और कोई जोर-जबरदस्ती नहीं चलेगी।
इस घटना पर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जो भी हुआ वो लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हैं। अपनी भाषा में बोलने का हर व्यक्ति को अधिकार है। जो भी हुआ वो संसदीय गरिमा के खिलाफ है। वहीं कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी खेद व्यक्त करते हुए कहा कि एमएनएस कानून, मर्यादा, शालीनता को ताक पर रखकर राजनीति करती है। ये जो भी किया गया है वो घोर निन्दनीय है। यह हिंदी और संविधान के खिलाफ है। एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी कहते हैं कि हम धमकी देने वाले और ऐसे काम करने वाले राज ठाकरे की बात करना पसंद नहीं करते। राज ठाकरे की हैसियत क्या है ये महाराष्ट्र की जनता ने बता दिया है।
आजमी ने कहा कि संविधान ने उन्हें हिंदी में शपथ लेने का अधिकार दिया है। सदन में जो नेता अंग्रेजी में शपथ ले रहे थे उन्हें नहीं रोका गया लेकिन उनका हिंदी बोलना नागवार गुजरा इसका क्या मतलब है। उन्होंने कहा कि मैं मराठी भाषा का सम्मान करता हूं लेकिन मराठी जानता नहीं हूं इसलिए हिंदी में शपथ ले रहा हूं।
आजमी को थप्पड़ जड़ने वाले विधायक राम कदम ने कहा कि जो आदमी जिस भाषा को समझता है उसे उसी भाषा में समझाना होता है। हमने अपील की कि मराठी में शपथ लो लेकिन उन्होंने नहीं सुना। हम मराठी के सम्मान के लिए लड़े। चार लाइन की शपथ थी वो मराठी सीख सकते थे। हमने अंग्रेजी की शपथ का भी विरोध किया था लेकिन जब तक हम आगे आए वो शपथ पूरी कर चुके थे। अपने ऊपर कार्रवाई के मुद्दे पर राम कदम ने कहा कि वो कोई भी कार्रवाई झेलने के लिए तैयार हैं। ऐसी सौ कार्रवाइयां भी उन्हें उनके कदम से डिगा नहीं सकती।
where such incidents are heading us??
If we are not allowed to speak in our national language?
Is India going for one more partition?
This is diving india, this is start of a division.
Every political duivision starts from cultural divsion. This is not just incident but its an indication to the future of politics in Maharashtra/.
MNS got 12/13 seats on such agenda this shows the acceptability of their agenda and principal (although thr doedn'y exists any) bye marathi speaking public.
This is going to divide the Marathi and non-Marathi speaking population of a cosmopolitan state like Maharashtra.