हाम दशमी में पढ्या करदे | महारा ड्राइंग का मास्टर रोहतक का एक सरदार ( सिख ) था | ऊ का नाँ भी रविंदर जीत सिंह था | इक्क नाम होणे के कारण कई बे में पीटन तें भी बच जाया करदा, वो हान्स कें छोड़ देंदा अक रविंदर जीत सिंह के रविंदर जीत सिंह कुकर मार सके से | ऊ का स्टूडियो था फोटूआन आली गाल में रोहतक में | वो आधी हान पढ़ान आंदा एर आधी हान आपना स्टूडियो च्लान्दा | वो फट-फट पे आया करदा | एर जब भी आंदा भेन्जियाँ आली तेथन(तीन पहिया आला स्कूटर , गणेशिया भी कह दिया करें ) के पाछे -आगे स्टायेल मारदा आंदा | ऊ का पोर्सन हमेशा पाछे रह्या करदा | एक बे हेड मास्टर ने बुझ ली अक थारे ताहि कितना पढ़ा दिया | हाम ने बता दी | दशमी के बोर्ड एक्स्जाम सर पे आरे एर उने आधा पोर्सन भी कवर कोणी कर राख्या था | आगले दिन वो पढ़ान आया तो हेड मास्टर ने उकी खबर ले ली त्ड्कें-तड़क| तो वो घणा चिड गया | म्हारी क्लास पे पिल पड़्या रोज की रोज घना होम वर्क दे देंदा | वो पूरा तो होन्दा कोणी फेर घणे कसूते डंडे मारदा | एक छोरे की चितली आंगली टूट गी डंडा मारे तें | उने आपने घरां जा बताई | उका भाई बड्डा( वो-ये जो गोगेल खोसया करदा ) २-३ साल पहलम पास आउट हो लिया था एर वो भी इस मास्टर धोर: पढ़ रया था | उने आपने २-३ दोस्त और लिए गल्यान एर आगले दिन वो जब भेन्जियाँ की तेथन के आगे पाछे स्टायल मारदा होया उल्टा रोहतक जावन लाग्रया था तो ऊके आगे रह्डू अड़ा के घेर लिया | एर ऊके आछे घुसंड पाये| उकी पगड़ी कित्ते वो कित्ते | एर उकी फट-फट खोस ली | ४-५ घंटे चला कें एर स्कूल में खडी करदी | फेर वो कई दिन पाछे आया जब ऊके लील ठीक हो लिए | फेर वो बोल बाला पढ़ान लाग्या | एर २-३ मिन्हा पाछे आपनी बदली रोहतक क़र्या ग़ा |