धारे का बलध
धारे धोरे एक श्याना बलध था ,उहने बलध ताहि बोलना सिखा दिया | रलदू ने वो बलध एक दिन धारे गेल्याँ बत्लान्दा देख लिया | रलदू के वो भोत पसंद आया, तो धारे ने वो बलध १०००० रापियाँ में रलदू ताहि बेच दिया | रलदू उह बलध नु आपने घरां ले जा के सब नु दीखान लाग्या अक रे देखो में बोलना बलध ले के आया सु | वो बलध कती ना बोल्या , एर इससे ढाल लखाये गया , अक इह नु कयाहे का ना बेरा | तंग हो के रलदू ने वो बलध उलटा-ए ५००० रपिया में धारे ताहि बेच दिया |रलदू के जांदे-ए बलध धारे ताहि बोल्या "ल्या मेरे ५०० रपिये कमिस्सन के