यो तागा इतिहास पे बहस करण खातर शुरू कोणी कर्या था | आप बहस करण खातर हिस्ट्री खंड में जा सकते हो | आप की जानकारी के लिए ---- ९ वि सदी से पहले ठाकुरों का और १२ वि सदी से पहले (माऊंट आबू का मशहूर यग्य) राजपूतों का कही भी जीकर नहीं मिलता | वास्तव में राजपूत कई सारी जातियों का समूह हे , और इनमे आपस में नीच उंच की भावना बहूत हे | आपस में लड़ाई में वे एक दुसरे की ओरिजनल जाती को गाली भी देते हैं | जो पहले राजपूत बना वो ऊंचा और बाद में राजपूत बना वो नीचा | ताजा उधाहरण हे डोग्राओं का , इन् को महाराजा रणजीत सिंह ने अपनी सेना में भारती किया था पहाड़ी रास्ते दीखाने बताने के लिए | ये गडरिये होते थे | बाद में इनको पहाड़ों की रियासत बख्सी गई थी | पिछले ५०-६० साल से ये अपने को डोगरा राजपूत लिखने लग गए | जाट मध्या एशिया से नहीं आये पर गए तो हैं | ५००० साल से भारत में और २-३००० हजार साल से मध्य एशिया ,अरबस्तान और यूरोप में जीकर मिलता हे |
हिन्दू कोई धरम नहीं हे | ये एक जीवन पद्धति हे | झूठे देवी देवताओं ने और बारह्म्नो ने हमेशा जट्टों का सत्या नाश ही किया हे| आज भी कर रहे हैं | अपने दुश्मनों को पहचानना सीखो |