कई बे इस्से माणस मन्ने मिल ज्यां सें जो आपने आप नु सबतें आछा जाट बतावें और आपनी बोली का भी भोत ज्ञान बतावें पर उन मुंह चिक्ड्या के बोलें , जब उन् पे उनके-ए बोले सबदां का शाब्दिक अरथ बूझें तो कयाएं का भी बेरा ना पांदा उन् ने | आजकाल घने बालक बाहे पढ़ें सें उन् ने भी शब्दां के अरथ का कोणी बेरा | में आप सब को हरयाणवी बोली के आम बोले जावण आले सब्द या भोत ही कम बोले जाणे वाले सबदां एर उनके अरथां का परिचय करवाउंगा | दुसरे भाई भी आपना योगदान दे सकें सें |
"केरा"--- यो शबद आम बोल्या जावे स |
वाक्य में परयोग-- आपां नु चाल पड़ना चाहिए केरा ?
अपभरंश ---- क्या राय हे ?= के रया हे = केरा
इस परकार "क्या राय हे" बिगड़ के केरा बण ग्या