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Thread: Praud Shiksha Karyakram

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  1. #1

    Praud Shiksha Karyakram

    प्यारे मित्रो एवं साथियो
    आज एक पुरानी डायरी की खोजबीन करते करते एक पेज पर अनायास ही नजरे रुक गयी |
    उस पेज पर कु६ ऐसा लिखा था कि मन में कई भाव उमड़ से गए तभी आपकी याद आई और सोचा क्यों न आपको भी इस वाकया से रूबरू करवा दू?
    पेज अपर लिखे शब्दों को यहाँ पोस्ट कर रहा हु, पता नही किसने लिखे है और कब परतु अच्छे है, आपके विचार एवं तर्क - वितर्क शुभ आमंत्रित है |

    सरकार ने जैसे ही प्रौढ़ शिक्षा का कार्यक्रम चलाया
    गाँव गाँव शहर शहर स्कूल खोले
    ये खबर सुनते ही बूढों का बचपन लौटा
    हम नही पढेंगे कु६ शरारती बूढ़े बोले
    तब शिक्षा अधिकारी ने कहा कि
    तुम्हे क्या तुम्हारे बाप को भी पढाया जायेगा
    और सम्पूर्ण राष्ट्र को साक्षर बनाया जायेगा
    अरे निरक्षर ही ये दुनिया छोड़ जाओगे
    तो क्या ऊपर जाके भी अंगूठा ही लगाओगे?
    इसलिए कल से गाँव के अन्दर एक पाठशाला खोली जाएगी और
    सबको पढ़ने शहर से एक मैडम आएगी
    मैडम का नाम सुनते ही बूढों के दिल कि धड़कने बढ़ने लगी
    और चालू किस्म के बूढों कि दायीं आँख फडकने लगी
    मुस्कुराते हुए पड़ोसी बूढ़े से बोला कि
    यार बड़ा मज़ा आएगा जब मैडम पढ़ाएगी
    बचपन तो बचपन हमारी जवानी भी लौट आएगी
    इस तरह सारे बूढ़े हसीन सपनो में खो जाने लगे
    और सबको माधुरी दीक्षित के सपने आने लगे
    सज संवर के साठ साल का एक बालाक पढ़ने चला
    तो उसका यह उतावलापन एक औरत को खला
    अपनी पड़ोसन से बोली कि देखो
    इस बूढ़े कि चाल में क्या बांकपन छाया है
    पर पढ़ना जरुरी है यह इसे साठ साल में समझ आया है
    तो सारे बूढ़े बैठे थे लिए क्लास में आशा
    कि तभी क्लास में छा गयी निराशा
    शिक्षा अधिकारी ने घोषणा की कि मैडम नहीं आएगी
    और उसकी जगह नत्थू सरपंच से तुम्हारी पढ़ाई करवाई जाएगी
    नाथू सरपच ने एक बूढ़े से पुछा कि
    बताओ स्त्री के अन्दर छोटी इ कि मात्रा लगेगी या बड़ी ई की?
    तो बुढा बोला की सर सीधी सी बात है
    अगर स्त्री बड़ी उम्र की होगी तो बड़ी ई की मात्रा लगेगी
    और अगर छोटी उम्र की होगी तो छोटी इ की लगेगी
    तो नाथू सरपच बोला की तुम्हे क्लास से भगा दूंगा
    और तुम्हारे माथे से साक्षरता की लाइन मिटा दूंगा
    तो बूढ़े बोले की अगर हमें क्लास से भगा दोगे
    और हमारे माथे से साक्षरता की लाइन मिटा दोगे
    तो तुम्हारे प्रौढ़ शिक्षा के सारे के सारे कार्यक्रम धरे के धरे रह जायेंगे
    यह कहकर के बूढ़े सटक लिए
    और नाथू सरपंच ने हाथ पैर पटक लिए
    तभी नाथू सरपंच ने एक चाय वाले को बुलाया
    चाय लेकर दस साल का एक बालक आया
    वह बोला सर मुझे पढ़ा दीजिये
    और बदले में भले ही चाय के पैसे मत दीजिये
    तो नाथू सरपंच बोला की बेटा इस क्लास में केवल बूढों को ही पढाया जायेगा
    तेरा नंबर तो पचास साल बाद आएगा......तेरा नंबर तो पचास साल बाद आएगा
    इस ज़मीं आसमा से आगे हूँ.... वक़्त के कारवा से आगे हूँ ... मैं कहा हूँ ये खुदा जाने ..... कल जहा था वहा से आगे हूँ .....
    Never discourage anyone who continually makes progress, no matter how slow

  2. The Following 2 Users Say Thank You to kuldeephmh For This Useful Post:

    bhupindersingh (April 29th, 2011), ravinderjeet (April 28th, 2011)

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