हाल ही में छठे वेतन आयोग कि सिफीरिशें लागू की गई हैं । इसमें उच्च शिक्षा ही एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें वेतन आयोग के साथ साथ सेवा शर्तों में भी भारी फेरबदल हुआ है । कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं कि अब मूल्यांकन की नई पद्यति दी गई है । जिसमें हर सेवा गतिविधि के अंक दे दिए गये हैं । एक ऐसा ही नया आयाम उभर कर आया है कि विदेशी पत्रिकाओं के अंक बेहद अधिक हैं । जाहिर है ऐसे में सिर्फ विज्ञान व अंग्रेजी विषयों के विद्यार्थी ही लाभ उठा पाएंगे ।
अभी आरक्षण की लड़ाई शुरु ही हुई है कि सामाजिक दुराव के ये साधन पहले ही तैयार किए जा रहे हैं । जाट आखिर व्यवस्था में संघर्ष करे तो कितना करे ।