पंजाब व हरयाणा में पंडित चुप्पी साधे रहते है
क्योकि वे जानते है की बकवास करते ही उनका सत्कार लट्ठ से होगा
हा राजस्थानी जाटो का शोषण व ख़राब हालत ज़रूर तर्क पूर्ण लगता है
क्योंकी वहा राजपूतो और पंडितो की संधि है
व ग्रामीण जाट अपने गौरवशाली इतिहास से अंजान है
इसीलिए धर्म के नाम पर पंडितो की कही किसी भी बकवास पर चुप्पी साध लेते है
भाइयो का अपमान देख दिल दुखता है