Page 2 of 4 FirstFirst 1 2 3 4 LastLast
Results 21 to 40 of 66

Thread: mahaare desi jattu khel

  1. #21
    शक्कर भीजी
    खेल का नाम --इह खेल का नाम एक कविता सी गाया करदे उह के कारण पड्या स और किते किस्से और नाँ तें भी खेल्दे होंगे |
    खेल का सामान --- किम्मे भी नि |
    खेल का परकार :-
    यु खेल एक तरफ़ा हो स अर दो-दो ज्नायाँ की टीम बन्या करे, एक टीम के काण आवेगी अर बाकी सारी टीम खेलेंगे |
    काण -----
    -
    इह में आइस -पाइस की ढाल ,आदया-पादद्या---------कह के ने काण दिया करें |
    बखत ---
    यु खेल गर्मियां की रात में घणा खेल्या जाया करे |
    नेम (नियम )-- इह खेल में कितने भी बालक खेल सके सें | सब एक दुसरे की गेल्याँ जोड़ी बणा लेंगे |जिह जोड़ी के काण आवेगी उह मां तें एक जण कोड़ा हो के ने किहे रूंख के साहरे अर क: किहे भींत के सहारे खड्या हो जा गा | जोड़ी मां तें दुसरा पकड़न खातर भाजेगा दूसरी टीम(जोड़ी ) की गेल्याँ |किस्से भी जोड़ी मां तें एक जणा बी पकड़ा गया तो उह जोड़ी के काण आ जा गी | जब वो किहे की गेल्याँ भाजे गा तो बाकी घोड़ी (काण आला छोरा जो घोड़ी बन्न के खड्या स )के उप्पर मझक लेवेंगे |जोड़ी आला छोरा आपनी घोड़ी के लव धोरे-के-ए हंडे जा गा ,आपणी घोड़ी ने लद्दन्न तें बचाण खातर | या तले छ्पी होड़ कविता घोड़ी के उप्पर बेठ्निया गावेगा अर ख़तम होंदी-ए उतर जावेगा ,ज्युकर दुसरा भी उह पे बैठ सके | कई उत बालक सहज सहज गाया करदे घणी वार बेठन के मारे ,पर जा दुसरे बाट में खड़े हों तो वे भी ताव्ले गा के ने उह ने तार देंगे , आप बेठन्न के मारे |जा घोड़ी हार (थक ) जा तो जो छोरा पकड़दा हंडे से जोड़ी आला वो घोड़ी बन जा गा |अर घोड़ी बन्या होड़ फेर पकड़न भाजेगा |

    कविता :-
    शक्कर भीजी
    शक्कर भीजी
    भिज्या गुड अर तेल
    तेरा जोड़िया भाजता हंडे
    भुंडी बणगी तेरी गेल
    इतने काण ना उतरे थारी
    तू घोड़ी बण म्हारी |
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  2. The Following 4 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    Moar (August 29th, 2011), sukhbirhooda (January 30th, 2013), sunillore (August 15th, 2012), vishalsunsunwal (October 9th, 2011)

  3. #22
    बीती- डंडा
    खेल का नाम --इह खेल का नाम इह के खेल के समान के कारण पड्या स |
    खेल का सामान --- एक बित्ती आर एक लगभग डेढ़ फूट का का डंडा |
    खेल का परकार :-
    यु खेल दो जथ्थ्याँ (टीम ) का खेल हो स | यु खेल ,कई इतिहासकार आजकाल की किरकेट का आदिम रूप मान्ने सें | नई खोजाँ तें बेरा पाट्टया स अक इंग्लेंड में किरकेट पूर्वी यूरोप और पश्चमी एशिया के लोग ले कर गए थे |

    काण ------इह में बित्ती ने दोनु जत्थ्याँ का एक-एक छोरा कान पर तें गेर के ने देखेंगे खाते के उप्पर ,इह किरिया नु कान सलाई कह्या करें ,जिह की बत्ती पहलम खाते में पड़ जा गी वो पहलम घाल घालेगा |आर दुसरा जत्था काण पुगावेगा |
    बखत ---
    यु खेल साबत साल खेला जाया करदा दिन के बखत |
    नेम (नियम )--
    इह खेल में खिलाड़ियां नु हाथ कह्या करें ,यानी जितने खिलाड़ी उतने हाथ (विकेट )|पहलम घाल आले जत्थे में तें उन् का कप्तान फेसला कर के ने एक जाणे ने बित्ती की घाल गेरन खान्दावेगा |बित्ती खाते के उप्पर आडी धरी जावेगी (खाता=एक धरती में खोदया होड़ एक बिलांध लाम्बा अर डंडे की मोटाई जितना चौड़ा पिल्ला )| अर खेलनिया बालक उह खाते में डंडा दे के ने सामी खड़े विरोधी पक्ष आले बालकां कानी डंडे के ताण बगावेगा |सामी विरोधी पक्स आले बालक इह ढाल खड़े हो जंगे अक ८-१० फूट तें ले के ने अर ४०-५० फूट की दुरी ताहि बित्ती किते भी पड़ेगी तो वे उहने गुप्प (केच) सकें | खिलाड़ी आपने खाली हाथां अर चाहे तो दोनु हाथां में खेस या चादर ले के ने भी गुप्प सकें सें |जा बित्ती गुप्पी गई तो हाथ ख़तम यानी विकेट गिर गया | जा सामी खड़े खिलाड़ी के दोनु हाथ फेलाए पाछे उस तें बाहर के बित्ती चाली गई ते भी हाथ ख़तम |(यानी वाइड)पर पह्लाड़ी चाल खिलाड़ी पहलम देखि कह के ने चाल सके स ||जा धरती में बित्ती जा पड़ी ते उड़े-ए तें वे खाते में बागा के मारें गे | डंडा खाते पे आड़ा धरा जा गा | जा बित्ती डंडे के जा लागी ते वो हाथ ख़तम अर जा खाते में घल गी ते सारे हाथ ख़तम यानी पूरी टीम आऊट | अर जे ना ते डंडे के लागी अर ना खाते में घली तो खेलानिया बालक जित बी वा बित्ती पड़ी स उड़े-ए जा के ने उह बित्ती के एक कान्ने पे डंडा मार के ने उछाले गा अर फेर उह-ए डंडे तें हवा में-ए उह बित्ती के खींच के ने डंडा मारेगा अर इतने नु-ए उछाल उछाल के ने उह बित्ती ने दूर ताहि ले जा गा अर जब भी वो उछली होई बत्ती के डंडा मारण तें चूक गा उड़े-ए तें फेर खाते ताहि डंडे तें नापते आवेंगे अर जितने डंडे होए(डंडे = हाथ ) उतनी बे वो खिलाड़ी बित्ती ने डंडे पे उछाल के उतनी बित्ती (बित्ती=रण )बनावेगा | जे बे बित्ती पड़ जा गी उतने उह के हाथ ख़तम होंदे जांगे| कुल कितनी बित्ती बनाई वे हर खिलाड़ी की जुड़दी जंगी अर फेर सारी टीम की जुड़ जांगी| इतने सारे खिलाड़ी पह्लादी टीम के आऊट नि हो जांदे |फेर नु-ए दूसरी टीम खेलेगी | आखिरी बित्ती (रण ) गिनी जाँगी ,जिह जत्थे की घनी होंगी वो जित्त्या मान्या जा गा |
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  4. The Following 6 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    malikdeepak1 (August 23rd, 2011), Moar (August 29th, 2011), reenu (September 27th, 2012), sukhbirhooda (January 30th, 2013), sunillore (August 15th, 2012), vishalsunsunwal (October 9th, 2011)

  5. #23
    लुकम -लुकाँ/ आइस -पाइस
    खेल का नाम --इह खेल का नाम लुकने तें आर टोहने तें पड्या स |आइस -पाइस संस्कृत के शब्द पस्य (देखना ) तें बनया स |
    खेल का सामान ---
    किम्मे भी कोणी |
    खेल का परकार :-
    यु एक तरफ़ा खेल स | एक जाने के काण आवेगी आर बाकी लुकेंगे |

    काण ------
    आद्या-पाद्या किः ने पाद्या कह के ने काण दी जावेगी |
    बखत ---
    यु खेल गर्मियां में आर जाडयाँ में खेला जाया करदा दिन के बखत |
    नेम (नियम )-- जिह के काण आ जा गी वो, किहे भींत के साहरे मुंह ला के ने खड्या हो जा गा अर २० या ३० ताहि गिनती गिणेगा | ईतने सारे बाकी जाणे लुक जाँ गे | जो सब तें पहलम दिखेगा अर काण आले ने उह का नाँ ले के ने जुकर "रवि आइस-पाइस" कह दी ते रवि के काण आ जा गी | पर काण जब आई मानी जा गी जब आखरी खिलाड़ी ताहि वो आइस पाइस कर दे गा | जा बीचाले किहे ने भी धाप्पा (बिना काण आले के देखे उह के हाथ लाँना)ला दिया तो काण पहलाड़े के-ए रह जावेगी | अर ना ते जो पहलम आइस-पाइस कर्या था उह के काण आ जावेगी |
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  6. The Following 8 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    AhlawatSardar (August 23rd, 2011), malikdeepak1 (August 23rd, 2011), Moar (August 29th, 2011), reenu (September 27th, 2012), sukhbirhooda (January 30th, 2013), sunillore (August 15th, 2012), tarzon (December 24th, 2012), vishalsunsunwal (October 9th, 2011)

  7. #24
    बड़-कूँआ
    खेल का नाम --इह खेल का नाम ज्यां ते पद्या स अक इह में एक कूण में बड़ का पेड़ अर कूँआ मान लिया जा स |
    खेल का सामान ---
    दो कांकर एक ढाल की अर दो कांकर दूसरी ढाल की |
    खेल का परकार :-
    यु खेल दो जन्न खेल्या करें | धरती में एक गोल्धारा बना के अर उह में बीचाले जमा का निशाँ बना दिया करें | जुकर चार खाने बण ज्यां अर फेर एक खाने में बड़-कूँआ का निशान बना दिया करें |

    काण ------ इह में काण कोणी आया करे किहे के बी
    |
    बखत ---
    यु खेल गर्मियां में आर चोमाश्यां में खेला जाया करदा दिन के बखत |
    नेम (नियम )-- पहलम कोए सा भी आपणी कांकर चाले गा ,बीचाले आले खाली निशान पे | सामी जिह की कांकर धरी स वो उप्पर के कूदा के उह की कांकर खा ले गा ,न्यू कर के ,के ते एक जाणे की दोनु कांकर खाई जाँ , अर के फेर दोनु कांकर रुंध ( ब्लोक) जाँ अर उह ने खाली थां ना मिले चालन ने , तो भी उह की हार मानी जा गी | आखिर में कितनी भी-ए बाजी होंजा हर बाजी के हारानिया पे एक लिंडा चढ़ेगा |अर आखिर में जिह कानी घने लिंडे रह जंगे वो हार्या माना जा गा |
    जिह ओड ने बड़ कूँआ स उह ओड के कांकर कोणी चाली जावे |

    Last edited by ravinderjeet; August 31st, 2011 at 06:06 PM.
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  8. The Following 2 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    sukhbirhooda (January 30th, 2013), vishalsunsunwal (October 9th, 2011)

  9. #25
    ख़त्ता
    खेल का नाम --इह खेल का नाम ज्यां ते पड्या स अक इह में एक लगभग दो मीटर का गोल्धारा सा बना लिया करें उह ने ख़त्ता कह्या करें |
    खेल का सामान ---एक खुलिया अर एक गिंडू |
    खेल का परकार :-
    यु खेल दो जन्न खेल्या करें | धरती में एक गोल्धारा बना के अर उह में बीचाले एक जाणा खुलिया ले के ने खड्या हो जा गा |अर दुसरा गिंडू ने उप्प्रां ने बगावे गा जिह के काण आवेगी वो

    काण ------
    इह में काण घंखरी बे लांडे ढीकड़े तें दिया करें |
    बखत ---
    यु खेल गर्मियां में आर चोमाश्यां में खेला जाया करदा दिन के बखत |
    नेम (नियम )--
    जिह के काण आरी स वो गिंडू ने उप्प्राहन बगावेगा ,ज्युकर खाते के उप्पर जा सके अर जा पड़े तो खाते के मांह पड़े ,इब्ब जो खाते के माहं खड्या स वो खुलिया तें उह गिंडू के उप्पर तें-ए टोरा मारेगा | जा लाग ग्या ते ठीक काण आला फेर भाज के ने था के ने लायावेगा अर फेर बगावेगा अर जा ना लाग्या अर गोल्धारे के महाँ आण पड्या ते खत्ते आले के काण आज्या गी | अर जा खत्ते आला की खुलिया अर वो भी जा खत्ते तें बाहर हो गे अर काण आले ने भाज के ने खत्ते में बड ग्या तो भी काण उतर जा गी |
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  10. The Following 3 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    sukhbirhooda (January 30th, 2013), sunillore (August 15th, 2012), vishalsunsunwal (October 9th, 2011)

  11. #26
    नौ कंकरियाँ
    खेल का नाम --इह खेल का नाम ज्यां ते पड्या स अक इह में दो त्रिकोण के आकार की आकृति सर तें जुडी होड़ हो सें आर एक जाने के ९ कंकर बांडे आवें सें खेलन खातर |
    खेल का सामान --- धरती पेखींची होड़ लकीर अर दो रंगा की क: न्यारी-न्यारी आकार की कांकर |
    खेल का परकार :-
    यु खेल दो जन्न खेल्या करें | धरती में दो सर तें जुड़े होड़ त्रिकोण बना के अर उन् में दो बांगी लकीर खींच के( दोनु त्रिकोंनां में) जो ९ जोइन्ट बनंगे उन् पे आपणे -आपणे कांकर धर लेंगे | बिचाले एक इंटरसेक्ट पोआइन्त जित दोनी त्रिकोंनां के सर जुड़ रे सें वो खाली रह जावेगा |ज्युकर रवि रूंढ़े की कांकर होंगी क ,ख,ग ,घ ,प फ ,य ,र ,ल ;(अ) खाली पोआइन्त होगा सरुआत में अर राकेश खूंढ़े की कांकर होंगी ट,ठ, ड,ढ ,ण ,त,व् ,स ,ह |

    काण ------
    इह में काण कोंनी आया करे किहे के भी |
    बखत ---
    यु खेल गर्मियां में आर चोमाश्यां में खेला जाया करदा दिन के बखत |
    नेम (नियम )--पहलम कोयेसा भी चाल चालेगा अर बिचाले आले खाली थां पे आपणी कांकर धर दे गा , सामी आला उह कांकर के सामी सीधी रेखा में जो कांकर धरी से वो चाले गा | यानी पहलम आली कांकर के उप्पर के कुदानी स | इह किरिया ने कांकर खाना कह्या करें | जब दुसरा चाल चाले गा तो जिह कांकर के उप्पर के कुदावे गा उह का आगला घर भी खाली रहना चाहिए जित दुसरे की कांकर जा के (खाएं पाछे ) धरी जा गी | नुए पह्ल्डा फेर इह की कांकर के उप्पर के कूदा के खावेगा | जा एक तें घणे थां खाली मिले जाँ सें कुदान खातर ते कोए सा भी एक बे चाल चालें पाछे कितनी-ए भी कांकर खा सके स | जिह की कांकर आखिर में बच जा गी वो जित्त्या मान्या जा गा |







    Last edited by ravinderjeet; September 4th, 2011 at 11:35 AM.
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  12. The Following 5 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    anilsangwan (September 7th, 2011), malikdeepak1 (September 4th, 2011), sukhbirhooda (January 30th, 2013), sunillore (August 15th, 2012), vishalsunsunwal (October 9th, 2011)

  13. #27
    Quote Originally Posted by ravinderjeet View Post
    लुकम -लुकाँ/ आइस -पाइस
    खेल का नाम --इह खेल का नाम लुकने तें आर टोहने तें पड्या स |आइस -पाइस संस्कृत के शब्द पस्य (देखना ) तें बनया स |
    खेल का सामान ---
    किम्मे भी कोणी |
    खेल का परकार :-
    यु एक तरफ़ा खेल स | एक जाने के काण आवेगी आर बाकी लुकेंगे |

    काण ------
    आद्या-पाद्या किः ने पाद्या कह के ने काण दी जावेगी |
    बखत ---
    यु खेल गर्मियां में आर जाडयाँ में खेला जाया करदा दिन के बखत |
    नेम (नियम )-- जिह के काण आ जा गी वो, किहे भींत के साहरे मुंह ला के ने खड्या हो जा गा अर २० या ३० ताहि गिनती गिणेगा | ईतने सारे बाकी जाणे लुक जाँ गे | जो सब तें पहलम दिखेगा अर काण आले ने उह का नाँ ले के ने जुकर "रवि आइस-पाइस" कह दी ते रवि के काण आ जा गी | पर काण जब आई मानी जा गी जब आखरी खिलाड़ी ताहि वो आइस पाइस कर दे गा | जा बीचाले किहे ने भी धाप्पा (बिना काण आले के देखे उह के हाथ लाँना)ला दिया तो काण पहलाड़े के-ए रह जावेगी | अर ना ते जो पहलम आइस-पाइस कर्या था उह के काण आ जावेगी |
    आई - सपाइस का असली नाम "I spy"

    Dhanyawad!
    Attention seekers and attention getters are two different class of people.

  14. #28
    ढइ नडा - पोई
    (Gamble Game)

    ढइ नडा means 'to search'. पोई means गोबर.

    Two people can play this game. Each one brings a chunk of gobar which is then mixed together and a pebble is hidden in this mix. Mix again so no one knows where the pebble is. The gobar is then divided into 2 equal parts (one for each player) and whoever gets the pebble gets all the gobar (and wins!)

    Dhanyawad!
    Attention seekers and attention getters are two different class of people.

  15. The Following User Says Thank You to urmiladuhan For This Useful Post:

    sunillore (August 15th, 2012)

  16. #29
    उर्मिला जी ये खेल डाक (पोस्ट ) नंबर १७ में पहले ही आ चुका हे | कृपया नए वाले छापें ,दुहराव ना करें | धन्यवाद | ---- सदभावनाओं सहित |

    पोइयाँ
    खेल का नाम --इह खेल का नाम गोबर की पोई बंना के खेल्या करदे ज्यां तें पड्या स |
    खेल का सामान ---
    गोबर अर अंटा क: फेर कांकर |
    खेल का परकार :-
    यु खेल वय्क्तिपरक(इनडवीजुअल ) हो स ,सब आपणे -आपणे खातर खेल्या करें पोई (गोबर ) जित्तन खातर | यु खेल छोरी खेल्या करदी जो गोबर बटोल्या करदी | कई छोरियां बर्गे छोरे भी उन् की गेल खेल लिया करदे |
    काण -----
    -इह में किस्से के भी काण कोणी आया करे |
    बखत ---
    यु खेल साबत साल खेला जाया करदा किस्से भी बखत |
    नेम (नियम )--
    पहलम सारी छोरी एक-एक आन्द्ला गोबर साझे में कट्ठा करेंगी |कोए भी एक छोरी गोबर ने ओसन के अर लांबी सी एक कंध बना देगी अर लुकमा हथेली की ओट उह कंध में किते भी अनटा दाब दे गी | कंध बाणान आली छोरी ,जितनी छोरी खेल में शामिल सें उतनी-ए पोई बनावेगी | सारी छोरी एक-एक पोई ठा लेंगी, अर कंध बाणान आली सारयां में पाछे बची होड़ ठावेगी |जिह के भी वो अंटा लिक्डावेगा वो सारा गोबर उह छोरी का | फेर आगली पारी में भी न्यू-ए होवेगा अर गोल्धारे में बेठी आगली छोरी कंध बनावेगी |



    Quote Originally Posted by urmiladuhan View Post
    ढइ नडा - पोई
    (Gamble Game)

    ढइ नडा means 'to search'. पोई means गोबर.

    Two people can play this game. Each one brings a chunk of gobar which is then mixed together and a pebble is hidden in this mix. Mix again so no one knows where the pebble is. The gobar is then divided into 2 equal parts (one for each player) and whoever gets the pebble gets all the gobar (and wins!)

    Dhanyawad!
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  17. The Following 3 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    sukhbirhooda (January 30th, 2013), sunillore (August 15th, 2012), vishalsunsunwal (October 9th, 2011)

  18. #30
    Quote Originally Posted by ravinderjeet View Post
    उर्मिला जी ये खेल डाक (पोस्ट ) नंबर १७ में पहले ही आ चुका हे | कृपया नए वाले छापें ,दुहराव ना करें | धन्यवाद | ---- सदभावनाओं सहित |

    पोइयाँ
    खेल का नाम --इह खेल का नाम गोबर की पोई बंना के खेल्या करदे ज्यां तें पड्या स |
    खेल का सामान ---
    गोबर अर अंटा क: फेर कांकर |
    खेल का परकार :-
    यु खेल वय्क्तिपरक(इनडवीजुअल ) हो स ,सब आपणे -आपणे खातर खेल्या करें पोई (गोबर ) जित्तन खातर | यु खेल छोरी खेल्या करदी जो गोबर बटोल्या करदी | कई छोरियां बर्गे छोरे भी उन् की गेल खेल लिया करदे |
    काण -----
    -इह में किस्से के भी काण कोणी आया करे |
    बखत ---
    यु खेल साबत साल खेला जाया करदा किस्से भी बखत |
    नेम (नियम )--
    पहलम सारी छोरी एक-एक आन्द्ला गोबर साझे में कट्ठा करेंगी |कोए भी एक छोरी गोबर ने ओसन के अर लांबी सी एक कंध बना देगी अर लुकमा हथेली की ओट उह कंध में किते भी अनटा दाब दे गी | कंध बाणान आली छोरी ,जितनी छोरी खेल में शामिल सें उतनी-ए पोई बनावेगी | सारी छोरी एक-एक पोई ठा लेंगी, अर कंध बाणान आली सारयां में पाछे बची होड़ ठावेगी |जिह के भी वो अंटा लिक्डावेगा वो सारा गोबर उह छोरी का | फेर आगली पारी में भी न्यू-ए होवेगा अर गोल्धारे में बेठी आगली छोरी कंध बनावेगी |
    Ravinder jee, आप का explanation बहुत बढ़िया है - मेरी "not so good" जाटू के लीये माफ़ी चाहती हूँ!

    Dhanyawad!
    Attention seekers and attention getters are two different class of people.

  19. The Following User Says Thank You to urmiladuhan For This Useful Post:

    sukhbirhooda (January 30th, 2013)

  20. #31
    खुलिया
    जमा हॉकी जिसा। देसी हॉकी(कीकर या शीशम की लाकड़ी की बनी हुई)! देसी गिंडु! देसी ग्राउंड! नियम भी वही क्लासिक हॉकी के! खोआ तै ऊपर खुलिया(हॉकी) नहीं ठाणी, उल्टे बल शॉट नहीं खेलना!
    आधा हुनर तो खुलिया टोहन में लाग्या करदा।
    कुल मिला कर कमाल


  21. The Following 6 Users Say Thank You to Bisky For This Useful Post:

    Prikshit (October 10th, 2011), reenu (September 27th, 2012), sanjeev1984 (April 22nd, 2013), sukhbirhooda (January 30th, 2013), sunillore (August 15th, 2012), vishalsunsunwal (October 9th, 2011)

  22. #32
    Quote Originally Posted by Bisky View Post
    खुलिया
    जमा हॉकी जिसा। देसी हॉकी(कीकर या शीशम की लाकड़ी की बनी हुई)! देसी गिंडु! देसी ग्राउंड! नियम भी वही क्लासिक हॉकी के! खोआ तै ऊपर खुलिया(हॉकी) नहीं ठाणी, उल्टे बल शॉट नहीं खेलना!
    आधा हुनर तो खुलिया टोहन में लाग्या करदा।
    कुल मिला कर कमाल

    भाई परदीप ,इस्से खेल तें हाकी बनी स | हाकी का यु पाराचिन अर असली रूप स | इहने "खुलिया खिंडी" कह्या करदे |
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  23. The Following 3 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    sukhbirhooda (January 30th, 2013), sunillore (August 15th, 2012), vishalsunsunwal (October 9th, 2011)

  24. #33

    रविंदर जीत उर्फ़ हरयाने क़ा एन्स्यक्लोपि

    रविंदर भाई आप हरयाणवी संस्कृति के महान ज्ञाता हैं |

    हम सच्चे दिल से आप की प्रशंशा करते हैं और हमारा ज्ञान बढाने के लिए धन्यवाद् देते हैं |
    Remember, we all stumble, every one of us.
    That's why it's a comfort to go hand in hand.
    :D

  25. The Following 3 Users Say Thank You to JSRana For This Useful Post:

    sukhbirhooda (January 30th, 2013), sunillore (August 15th, 2012), vishalsunsunwal (October 9th, 2011)

  26. #34
    Quote Originally Posted by JSRana View Post
    रविंदर भाई आप हरयाणवी संस्कृति के महान ज्ञाता हैं |

    हम सच्चे दिल से आप की प्रशंशा करते हैं और हमारा ज्ञान बढाने के लिए धन्यवाद् देते हैं |
    आप का भोत-भोत धन्यवाद राणा जी , जा हो सके तो आप भी कुछ योगदान करें | ताकि म्हारा भी किम्मे ज्ञान बधे |
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  27. The Following 3 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    sukhbirhooda (January 30th, 2013), sunillore (August 15th, 2012), vishalsunsunwal (October 9th, 2011)

  28. #35
    Quote Originally Posted by ravinderjeet View Post
    आप का भोत-भोत धन्यवाद राणा जी , जा हो सके तो आप भी कुछ योगदान करें | ताकि म्हारा भी किम्मे ज्ञान बधे |
    Bhai ek khel huya karda "Bijo Bandri" ladki khela kardi. Jameen pe chaturbhuj khanne bana ka.
    eb niyam kayde ta manne koni bera.
    Remember, we all stumble, every one of us.
    That's why it's a comfort to go hand in hand.
    :D

  29. The Following 5 Users Say Thank You to JSRana For This Useful Post:

    Prikshit (October 10th, 2011), reenu (September 27th, 2012), sukhbirhooda (January 30th, 2013), sunillore (August 15th, 2012), VPannu (October 10th, 2011)

  30. #36
    जी बेरा स ,उह के नियमां का ना बेरा मानने , जिब्बे ते छपन तें बचरया स |
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  31. #37

    हरियाणे का सब त खतरनाक खेल |

    एक खेल हो स पत्ता दाब जो हम बालक थे तब भी खेला जाया करदा और आज भी हरियाणे के गाम्मा में खेला जा स |
    तब भी इस न ले क खोसड़े बाजा करदे अर आज भी बाज्जे सं | नु कहेंगे के तू चाल मै आया एक बाज्जी खेल क |
    फेर साँझ ताहीं की छुट्टी |लोगां का नास कर दिया इस ने पर मानदे इब भी कोणी |


    मेरे ख्याल मै नियम कायदे बतावन की जरूरत ते न होनी चाहिए ?...
    Remember, we all stumble, every one of us.
    That's why it's a comfort to go hand in hand.
    :D

  32. #38
    राणा जी ताश खेलणा जट्टां का खेल नहीं स ,पर यु इब्ब सत्यानाश करण लाग रया स गामां में | अर ऩा किहे ने शरम आंदी | पहलम ताश खेलनिए आदमी ने निखट्टू ,निकरमा कहया करदे अर या बात भुंडी मानी जाया करदी | ३-४ साल पहलम मेरे ५-६ मराठी दोस्त सामड(समर गोपाल पुर ) गए थे एक कुलीग के बियाह में यु गाम म्हारा गुहांड पड़े स | उह ने बता दी अक वो बलहारा का गाम स ,वे लागे हाथ म्हारे गाम में भी चक्कर मारण आगे | हाम ते उड़े रहंदे कोणी पर मेरे काका हर तें फेट के चाले गए | अर आड़े मुंबई में आके सारे हरयाणा आल्याँ का भोत मजाक उड़ाया | वे न्यू बोले अक जित जावे उड़े-ए लुगाई ते काम करदी दिखें अर लोग ताश खेल्दे | थारे लोग काम कोणी करया करें के ?
    दूसरी घटना :- मेरे साढू की शिला टाकिज धोरे कोठि स ,इबके में गया ते दो दिन उह धोरे रुक गया | उड़े कई रिटायर्ड बुड्ढे ,(उनमे तें कोए भी आपणे आप ने बुड्ढा मानन ने तयार कोणी था ) कोए मनेजर ,कोए प्रिंसिपल ,कोए मेजोर तें रिटायर्ड हो कें आरे | तडके तड़क उठदे-ए वे सारे (१०-१२ जाणे) होक्का भर के गाल में (सड़क ) बैठ जांदे अर गेल्याँ ताश खेलन लाग जांदे | फेर जब घाम आ जांदा ते कदे कुर्सियां ने नून करदे अर कदे नून | में बोल्या "आप सब कितने साल तें आड़े रहवन लागरे ,जा आप ताश खेलन की थां जा अपणी सड़क पे तम रूंख लाओ ते ये कुर्सी ठाएँ-ठाए ऩा हान्ड़ना पड़े | सारे मेरे कानी मारणे झोटे की ढाल लखाए |
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  33. The Following 2 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    sukhbirhooda (January 30th, 2013), ygulia (September 24th, 2012)

  34. #39

    ताश का खेल |

    Quote Originally Posted by ravinderjeet View Post
    राणा जी ताश खेलणा जट्टां का खेल नहीं स ,पर यु इब्ब सत्यानाश करण लाग रया स गामां में | अर ऩा किहे ने शरम आंदी | पहलम ताश खेलनिए आदमी ने निखट्टू ,निकरमा कहया करदे अर या बात भुंडी मानी जाया करदी | ३-४ साल पहलम मेरे ५-६ मराठी दोस्त सामड(समर गोपाल पुर ) गए थे एक कुलीग के बियाह में यु गाम म्हारा गुहांड पड़े स | उह ने बता दी अक वो बलहारा का गाम स ,वे लागे हाथ म्हारे गाम में भी चक्कर मारण आगे | हाम ते उड़े रहंदे कोणी पर मेरे काका हर तें फेट के चाले गए | अर आड़े मुंबई में आके सारे हरयाणा आल्याँ का भोत मजाक उड़ाया | वे न्यू बोले अक जित जावे उड़े-ए लुगाई ते काम करदी दिखें अर लोग ताश खेल्दे | थारे लोग काम कोणी करया करें के ?
    दूसरी घटना :- मेरे साढू की शिला टाकिज धोरे कोठि स ,इबके में गया ते दो दिन उह धोरे रुक गया | उड़े कई रिटायर्ड बुड्ढे ,(उनमे तें कोए भी आपणे आप ने बुड्ढा मानन ने तयार कोणी था ) कोए मनेजर ,कोए प्रिंसिपल ,कोए मेजोर तें रिटायर्ड हो कें आरे | तडके तड़क उठदे-ए वे सारे (१०-१२ जाणे) होक्का भर के गाल में (सड़क ) बैठ जांदे अर गेल्याँ ताश खेलन लाग जांदे | फेर जब घाम आ जांदा ते कदे कुर्सियां ने नून करदे अर कदे नून | में बोल्या "आप सब कितने साल तें आड़े रहवन लागरे ,जा आप ताश खेलन की थां जा अपणी सड़क पे तम रूंख लाओ ते ये कुर्सी ठाएँ-ठाए ऩा हान्ड़ना पड़े | सारे मेरे कानी मारणे झोटे की ढाल लखाए |
    ठीक कहो सो रविंदर जी | गाम में जा के ईसा लागे स अक जन्णु लोग्गा धोरे कोए काम ना स |
    तडके तड़क ताश पीट्न्नी शुरू कर दें सँ | लुगाई बेचारी मर्दा के भी काम करदी फिरां स |


    इस मुद्दे प् भी एक ताग्गा शुरू करवा हो स ?..
    Remember, we all stumble, every one of us.
    That's why it's a comfort to go hand in hand.
    :D

  35. #40
    जोट-चणा |


    जब इस्सा बखत होंदा अक बाहर ना खेल सकदे ते यु खेल खेल्या करदे | इह खेल में एक = चणा अर दो(जोड़ी)=जोट होया करदी | इह में दो जणे खेल्या करें | दोनु आपणी आपणी सलेटी या अंटे (कंचे) या और किम्मे भी इस्सी चीज जो मुट्ठी में आज्या , उस्से तें खेल लिया करदे | हाम घणे ते बित्ती (सलेटी )तें खेल्या करदे | सलेटी लगभग आधे इंच की तोड़ लिया करदे | घणी सारी बित्ती आन्दले में गेर के ने अर हला के , फेर एक हाथ में एक या दो या कितणी -ए भी बित्ती मुट्ठी में भींच लेन्दे अर सामी आला फेर न्यू बतान्दा अक इह में जोट स या चणा | जा वो जोट कहंदा अर फेर मुट्ठी में जोट लिकडदी ,यानी चाहे जितने भी हों जा उनका जोड़ा बन जांदा ते जोट मानी जांदी | वे सारे जितने भी सें , सामी आले के हो जांदे | अर जा चणा लिकडदा , यानी चाहे कितने भी हों , पर जोट ऩा बणे, यानी आखिर में एक रह जा, ते जितने भी मुट्टी में वे चीज मिली ते सामी आले ने उतनी-ए देणी पड़दी | फेर सामी आले की बारी होंदी न्यू-ए मुट्टी भींच के ने बुझ्न की | फेर कई वार पाछे कोय्से एक जणे के वे चीज सांपड जांदी ते वो हार्या मान्या जांदा | जित्ते होड़ पे उधार ले के ने भी खेल निरंतर खेला जा सके से पर फेर उधार ते तारणी पड़ेंगी |
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  36. The Following 2 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    sukhbirhooda (January 30th, 2013), sunillore (August 15th, 2012)

Posting Permissions

  • You may not post new threads
  • You may not post replies
  • You may not post attachments
  • You may not edit your posts
  •