एक और निष्कासित मंत्री "अहमद खान" जिसे भ्रष्टाचार के मामलों के कारण मायावती की सरकार से निकाल बाहर किया गया था उसे उसका सही स्थान मिल गया है.
जी हाँ ! अहमद खान को भारत की भ्रष्टतम कांग्रेस पार्टी नें आश्रय दिया है. टिकट दिया है उत्तर प्रदेश चुनावों में..!! किन्तु देखिये एक तो भ्रष्टतम कांग्रेस और दूसरा मुसलमान होना - ये दो कारण हैं जिसके कारण किसी भी मीडिया, चैनल, अखबार यहां तक की जनता में भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई.
मुझे स्मरण आता है कि एक व्यक्ति (बाबूसिंह कुशवाहा) को भाजपा में लेने का विरोध पूरा देश ऐसे कर रहा था जैसे भाजपा ने किसी आतंकवादी को टिकट दे दिया हो, किन्तु भ्रष्टतम कांग्रेस का एक सांसद जो एक आतंकवादी के साथ मंच साझा करता है और वही भ्रष्टतम कांग्रेस जब एक दागी को चुनावों में टिकट देती है - जनता भी मूकदर्शक बनीं रहती है ??
यदि किसी के पास कोई उत्तर हो तो मुझे बताना अवश्य.