:rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
पगड़ी संभाल जट्टा |
मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |
jaatdesi (January 13th, 2012), jchoudhary (September 19th, 2012)
कढढी
समय :- या गर्मियां में खाई जाया करे | इह का एक कारण ते यु ए अक या ताशिर की सिली हो स ,दुसरा पहलम गर्मियां में साग सब्जी कम हो जाया करदी ते इह तें काम चला लिया करदे |
सामग्री :- बेसन,दही या शीत ,गन्ठे, माड़ा सा देशी घी |
मात्रा :- एक पांच माणसआँ के कुन्बे की खातर लगभग ३०० ग्राम बेसण|तीन चार गन्ठे ,आधा कोली दही के फेर आधा लीटर शीत |
बणाने की विधि :- पहलम बेसन्न अर दही/शीत ने बढ़िया ढ़ालाँ मिल्या ल्यो | फेर उह ने नूण मिर्च मिला के खदअड़ -बदअड़ होवे ईतने गरम कर ल्यो |फेर आछे से गन्ठे ले के ने अर उन् ने हलके से भूंद ल्यो तेल में | अर उन् ने रंधी होड़ हांडी में मिला दयो | कड्डही त्यार | कई इह में हरी या लाल साबत मिर्च भी गेरया करें |फेर इह में ताती-ताती में देशी घी मिल्या के खावे ,मजा आवे |
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हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
पगड़ी संभाल जट्टा |
मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |
ashe (September 26th, 2012), bhupindersingh (October 24th, 2011), cooljat (October 23rd, 2011), jchoudhary (September 19th, 2012), malikdeepak1 (October 24th, 2011), Moar (October 23rd, 2011), sukhbirhooda (October 23rd, 2011), vishalsunsunwal (October 24th, 2011)
cooljat (October 23rd, 2011), ravinderjeet (October 24th, 2011)
Attention seekers and attention getters are two different class of people.
Arvindc (October 24th, 2011), ashe (September 26th, 2012), malikdeepak1 (October 25th, 2011), Maniisha (October 29th, 2011), Moar (October 25th, 2011), ravinderjeet (October 24th, 2011)
बेषण का हलुआ समय :- कदे भी बना के खा ल्यो |पर यु गरम ताशीर का हो स | खेर (जुकाम ) होर्या हो ते यु दुवाई का भी काम कार्या करे |
सामग्री :- बेषण ,न्यारे -नयारे ढाल के मेवे बादाम पिसते (ड्राई फ्रूट्स ),चीनी ,देशी घी |
मात्रा :- एक माणस की खातर लगभग २०० ग्राम बेसण|१०० ग्राम चीनी (चीनी आपणी पसंद के अनुसार थोड़ी के घणी भी गेरी जा सके स ) १०० ग्राम घी देशी ,पांच-दश गिरी सारे ढाल के मेवे (ड्राई फ्रूट्स )की |
बणाने की विधि :- पहलम बेषण ने भूंद ल्यो देशी घी गेर के ने ,हल्का -हल्का लाल हो जाना चाहिए ,फेर इह में चीनी की चाशनी गेर दयो अर अर फेर माड़ा सा करड़ा होवे इतने हलांदे जाओ | फेर उप्पर तें मेवे बुर्का दयो अर माड़ी वार ढक के ने धर दयो |
विशेष :- या प्रकिरिया धीमी आंच पे करनी चाहिए, ते सुवाद बनेगा हलुआ |
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हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
पगड़ी संभाल जट्टा |
मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |
bhupindersingh (October 24th, 2011), cooljat (October 24th, 2011), deependra (October 24th, 2011), malikdeepak1 (October 24th, 2011), Moar (October 25th, 2011), vishalsunsunwal (October 24th, 2011)
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deependra (October 24th, 2011)
छड्याँ की खीचड़ी
( इह की खोज मन्ने करी थी अर यु नाम भी मन्ने दिया था अर फेर मेरे घणे छड़े दोस्ताँ ताहीं भी बताई थी सब ने राजी हो के बनाई अर खाई )
समय :- यु पकवान कददे खाया जा सके स | |
सामग्री :- बासी रोटी ,बासी दाल ,बासी सब्जी ,ब्रेड ,घी |
मात्रा :- इह में मात्रा-मुत्रा किम्मे ना होंदी जो बचर्या हो उह ने सब ने समेट ल्यो
बणाने की विधि :- पहलम कढाई चढ्या ल्यो | अर उह में बची होड़ दाल ,सब्जी गेर ल्यो उनमान सी का पानी और घाल ल्यो फेर उह में ब्रेड रोटी जो भी बासी बचर्या हो उह ने मचूर के ने गेर ल्यो | जब सारा सौदा खदअड़ -बदअड़ करण लाग्ज्या ते उह में एक लोंदा घी का गेर ल्यो अर बढ़िया ढालआँ मिला ल्यो अर माड़ी सी सीली कर के खा ल्यो ,भोत सुवाद लागेगी | जब खाणा बाणान ने जी ना करदा ते बासी खाण का सामान बगआण की थां खीचड़ी बणा के खा ले
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हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
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पगड़ी संभाल जट्टा |
मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |
bhupindersingh (October 24th, 2011), jaatdesi (January 13th, 2012), malikdeepak1 (September 27th, 2012), Moar (October 25th, 2011), sjakhars (October 25th, 2011), vijaykajla1 (October 24th, 2011), vishalsunsunwal (October 25th, 2011)
Kheer arr Gajarpaak ki vidhi to main sai..we reh gi..Jitender Maan kimme ger bhai koye vidhi..nyu e kadhai chada rakhi sai wa
Last edited by vicky84; October 24th, 2011 at 04:59 PM.
Maniisha (October 29th, 2011)
खीर आर् गाजरपाक तो कती आसान सै|
खीर
एक किलो ढूध मैं एक कटोरी चावल आर् चिनी (जरुरत से) घाल की मंदी आँच पै रांधी जावो| आधे घन्टे बाद खा की देख लो| ज् चावल ना रंधे हों तो और रांध लो आर् ज् चीनी कम लाग तो और गेर लो|
किस् धोरे dry fruits पड़े हों तो उन् भी कूट की साथ्य गेर लो| किसमिस आर् इलायची बढियां सवाद ल्या दी सं|
Last edited by Arvindc; October 24th, 2011 at 06:33 PM.
deependra (October 24th, 2011), Maniisha (October 29th, 2011), Moar (October 25th, 2011), ravinderjeet (October 24th, 2011), vicky84 (October 25th, 2011), vishalsunsunwal (October 25th, 2011)
गाजर का हलवा
समय :- यु पकवान कददे भी खाया जा सके स | पर जाड्डयाँ में बढ़िया रह स क्यूँ की एक ते गाजर सस्ती होवें सें अर दूध भी भतेरा मिल जा गा |इह की ताशीर भी गरम हो स|
सामग्री :- एक धडी गाजर , ५ किल्लो दूध, सूखे मेवे एक किल्लो सारे मिल्मां |ढाई किल्लो चीनी (चीनी आपनी पसंद के हिसाब तें थोड़ी घणी करी जा सके स )एक किल्लो देशी घी |
बणाने की विधि :- पहलम कददू कश माहं के गाजरां ने कश ल्यो फेर कढाई चढ्या ल्यो |उह में दूध उबाल्णा शुरू कर दयो अर फेर कशी होड़ गाजर गेर दयो | जब दूध में गाजर दाहूँ उबल ज्यां अर करडी हों लाग्ज्याँ जब उह में घी गेर दयो अर फेर घी में पकाओ जब सुथरी ढाल पाक ज्यां ते फेर उह में चीनी की चाशनी गेर दयो अर दाहूँ घोट दयो | तडके-तड़क नाश्ते में खाओ अर रात नु सोन्दी हाण दूध गेल्याँ खा के सो जाओ |
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हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
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मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |
ashe (September 26th, 2012), bhupindersingh (October 24th, 2011), deependra (October 24th, 2011), jchoudhary (September 20th, 2012), Moar (October 25th, 2011), vicky84 (October 25th, 2011), vikasJAT (September 26th, 2012), vishalsunsunwal (October 25th, 2011)
भाई रविंदर,
मेरे हिसाब से गजरपाक आर् गाजर का हलवा, न्यारी-न्यारी चीज हूँ स्|
आर् भाई मन तो यो घी गेरोड़ा कती बढ़िया नही लाग्या कर| ढूध बढ़िया हो उस्में घी नूय हो ज्या स्| बाकि पसंद अपनी - अपनी| पर या चीनी की चाशनी तो मन कदे गेरदे ना सुने| सीधी चीनी न ए जोक् दिया करें|
कुछ और ध्यान देने वाली बातें:
- गाजर पाक आली मोटी-मोटी गाजर हूँ स्| आर् उन् न मोटा मोटा घिया कस करो| नहीं तो वो गजरपाक की बजाय गाजर का हलवा बन ज्या गा|
- मज़ा जदे आव स् जब ढूध आर् गाजर का अनुपात बराबर हो|
- चीनी जब गेरनी चाहिए जब गाजर थोड़ा-थोड़ा घी छोडन लाग ज्याँ|
Moar (October 25th, 2011), ravinderjeet (October 24th, 2011)
ठीक कही आपने अरविन्द जी |
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पगड़ी संभाल जट्टा |
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Moar (October 25th, 2011)
ravinderjeet (October 25th, 2011)
Wah bhai Arvind arr Ravinder..Jaama muhh mai paani aa gaya
anilsangwan (October 25th, 2011), Maniisha (October 29th, 2011)
anilsangwan (October 25th, 2011), deshi-jat (October 25th, 2011), malikdeepak1 (October 25th, 2011)