अनाड़ी ड्रेवर |
रामफल ट्रक चलाया करदा | एक दिन वो दोफारे ढाबे के बाहर ट्रक खड़ा कर क भीतर रोटी खान लगरया था |
रुंडा , खुंडा अर सुंडा अपनी अपनी मोटर साईकलआ प् आये अर ट्रक के पाछे खडी कर क भीतर बड ग्ये |
रामफल न एकला देख क उन ने सोची क्यों न रामफल गेल्या अल्ल्बाद करी जा |
रुंडे न रामफल का गिलास ठा क पानी पी लिया अर एक ओडा न जा क बैठ गया, रामफल कुछ न बोल्या |
खुंडे न रामफल की दाल की कटोरी खिंडा दी अर एक ओडा न जा क बैठ गया, रामफल इब बी कुछ न बोल्या |
सुंड न रामफल की प्लेट मुधी मार दी अर एक ओडा न जा क बैठ गया | रामफल कुछ ना बोल्या अर चुपचाप
उठ क बहार चला गया | ढाबे अल्ला भी उठ क बाहर चला गया |
थोड़ी वार पाछे बाहर त ट्रक स्टार्ट होण की अर धडाम धडाम की आवाज़ आई | जब ढाबे आला भीतर आया
त रुंडा खुंडा अर सुंडा उस त बोले - भाई यो त कीमे न मर्द मानस लिकड़ा, सुसरा छोड़ क भाज गया |
ढाबे अल्ला बोल्या- मर्द मानस के वो त ड्रेवर भी कत्तीए आनाड़ी था |
व बोल्ये - क्यूकर ?
ढाबे अल्ला बोल्या - ट्रक बैक करती हाणा तीन मोटर साइकल फोड़ गया |