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Thread: एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मì

  1. #1

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मì

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    एक चिड़े की चिड़िया मरगी, दूजी लाया ब्या के !!
    देख सोंप के बच्चों ने , वा बैठ गयी गम खा के !!
    चिड़ा घर ते चला गया , फेर समझा और बुझा के !!
    उस पापन ने वो दोनों बच्चे , तले गेर दिए ठा के !!
    चोंच मार के घायल कर दिए , चिड़िया ने जुलम गुजार दिए !!

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    मैं मर जा तो मेरे पिया तू , दूजा ब्या करवायिए ना !!
    चाहे इन्दर की हूर मिले , पर बीर दूसरी लाईये ना !!
    दो बेटे तेरे दिए राम ने , और tanne कुछ चायिए ना !!
    रूप - बसंत की जोड़ी ने तू , कदे भी धमकायिये ना !!
    उढ़ा पराह और नुहा धूवा के , कर उनका श्रृंगार दिए !!

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    याणे से की माँ मर जावे , धक्के खाते फिरा करे !!
    कोई घुड़का दे कोई धमका दे , दुःख विपदा में घिरा करे !!
    नों करोड़ का लाल रेत में , बिन जोहरी के ज़रा करे !!
    पाप की नैया अधम डूब जा , धर्म के बेड़े तिरा करे !!
    मरी हुई ने मन्ने याद करे तो , ला छाती के पुचकार दिए !!

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    मेरा फ़र्ज़ से समझावन का ,ना चलती तदबीर पिया !!
    रोया भी ना जाता मेरे , गया सुख नैन का नीर पिया !!
    मेरी करनी मेरे आगे आगी , आगे तेरी तक़दीर पिया !!
    लख्मीचंद तू मान कहे की , आ लिया समय आखिर पिया !!
    मांगे राम ते इतनी कह के , रानी ने पैर पसार दिए !!

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!
    Navdeep Khatkar
    मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षण भर जीवन, मेरा परिचय

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  3. #2
    Quote Originally Posted by navdeepkhatkar View Post
    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    एक चिड़े की चिड़िया मरगी, दूजी लाया ब्या के !!
    देख सोंप के बच्चों ने , वा बैठ गयी गम खा के !!
    चिड़ा घर ते चला गया , फेर समझा और बुझा के !!
    उस पापन ने वो दोनों बच्चे , तले गेर दिए ठा के !!
    चोंच मार के घायल कर दिए , चिड़िया ने जुलम गुजार दिए !!

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    मैं मर जा तो मेरे पिया तू , दूजा ब्या करवायिए ना !!
    चाहे इन्दर की हूर मिले , पर बीर दूसरी लाईये ना !!
    दो बेटे तेरे दिए राम ने , और tanne कुछ चायिए ना !!
    रूप - बसंत की जोड़ी ने तू , कदे भी धमकायिये ना !!
    उढ़ा पराह और नुहा धूवा के , कर उनका श्रृंगार दिए !!

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    याणे से की माँ मर जावे , धक्के खाते फिरा करे !!
    कोई घुड़का दे कोई धमका दे , दुःख विपदा में घिरा करे !!
    नों करोड़ का लाल रेत में , बिन जोहरी के ज़रा करे !!
    पाप की नैया अधम डूब जा , धर्म के बेड़े तिरा करे !!
    मरी हुई ने मन्ने याद करे तो , ला छाती के पुचकार दिए !!

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    मेरा फ़र्ज़ से समझावन का ,ना चलती तदबीर पिया !!
    रोया भी ना जाता मेरे , गया सुख नैन का नीर पिया !!
    मेरी करनी मेरे आगे आगी , आगे तेरी तक़दीर पिया !!
    लख्मीचंद तू मान कहे की , आ लिया समय आखिर पिया !!
    मांगे राम ते इतनी कह के , रानी ने पैर पसार दिए !!

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    बहुत पुराणी बात याद दिवा दी भाई नवदीप | बहौत बढ़िया |
    धन्यवाद् |
    Last edited by JSRana; January 19th, 2012 at 01:54 PM.
    Remember, we all stumble, every one of us.
    That's why it's a comfort to go hand in hand.
    :D

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    sukhbirhooda (January 29th, 2012)

  5. #3
    राणा साब धन्यवाद की तो कोई बात नहीं ! मैं तो खुद कई दिन से इस रागनी को ढूंड रहा था ! गूगल भी किया कही भी ल्य्रिक्स नहीं मिले तो आखिर में आज सुनते सुनते खुद ही लिखने पड़े ! कई दिनों बाद बड़ा अछा महसूस हो रहा है कुछ ढंग का चेप के

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    ravinderjeet (January 19th, 2012)

  7. #4
    Quote Originally Posted by navdeepkhatkar View Post
    राणा साब धन्यवाद की तो कोई बात नहीं ! मैं तो खुद कई दिन से इस रागनी को ढूंड रहा था ! गूगल भी किया कही भी ल्य्रिक्स नहीं मिले तो आखिर में आज सुनते सुनते खुद ही लिखने पड़े ! कई दिनों बाद बड़ा अछा महसूस हो रहा है कुछ ढंग का चेप के
    भाई नवदीप अच्छी बातें पढ़ के अच्छा तो लगता ही है और आपने मेरे बचपन की याद ताज़ा कर दी | हमारे साथ भी कुछ ऐसा ही होने का संभावना थी पर परिवार वालों की दूर दृष्टि और ऊपर वाले की कृपा से सब ठीक हो गया | इस लिए इस भजन /रागनी से ज्यादा ही लगाव सा है |
    Remember, we all stumble, every one of us.
    That's why it's a comfort to go hand in hand.
    :D

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    navdeepkhatkar (January 19th, 2012), sukhbirhooda (January 29th, 2012)

  9. #5
    बहुत बढ़िया भाई साहब

    Quote Originally Posted by navdeepkhatkar View Post
    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    एक चिड़े की चिड़िया मरगी, दूजी लाया ब्या के !!
    देख सोंप के बच्चों ने , वा बैठ गयी गम खा के !!
    चिड़ा घर ते चला गया , फेर समझा और बुझा के !!
    उस पापन ने वो दोनों बच्चे , तले गेर दिए ठा के !!
    चोंच मार के घायल कर दिए , चिड़िया ने जुलम गुजार दिए !!

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    मैं मर जा तो मेरे पिया तू , दूजा ब्या करवायिए ना !!
    चाहे इन्दर की हूर मिले , पर बीर दूसरी लाईये ना !!
    दो बेटे तेरे दिए राम ने , और tanne कुछ चायिए ना !!
    रूप - बसंत की जोड़ी ने तू , कदे भी धमकायिये ना !!
    उढ़ा पराह और नुहा धूवा के , कर उनका श्रृंगार दिए !!

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    याणे से की माँ मर जावे , धक्के खाते फिरा करे !!
    कोई घुड़का दे कोई धमका दे , दुःख विपदा में घिरा करे !!
    नों करोड़ का लाल रेत में , बिन जोहरी के ज़रा करे !!
    पाप की नैया अधम डूब जा , धर्म के बेड़े तिरा करे !!
    मरी हुई ने मन्ने याद करे तो , ला छाती के पुचकार दिए !!

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    मेरा फ़र्ज़ से समझावन का ,ना चलती तदबीर पिया !!
    रोया भी ना जाता मेरे , गया सुख नैन का नीर पिया !!
    मेरी करनी मेरे आगे आगी , आगे तेरी तक़दीर पिया !!
    लख्मीचंद तू मान कहे की , आ लिया समय आखिर पिया !!
    मांगे राम ते इतनी कह के , रानी ने पैर पसार दिए !!

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!
    Your talent is God's gift to you. What you do with it is your gift back to God.

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  11. #6
    Quote Originally Posted by JSRana View Post
    भाई नवदीप अच्छी बातें पढ़ के अच्छा तो लगता ही है और आपने मेरे बचपन की याद ताज़ा कर दी | हमारे साथ भी कुछ ऐसा ही होने का संभावना थी पर परिवार वालों की दूर दृष्टि और ऊपर वाले की कृपा से सब ठीक हो गया | इस लिए इस भजन /रागनी से ज्यादा ही लगाव सा है |
    अच्छा तो ये बात थी .. ! चलो जो होता ह अछा ही होता ह ! परमात्मा की कृपा आप पर बनी रहे !
    ये रागनी किस्सा रूप - बसंत से है जी ! ये किस्सा नवीन ( my better half ) कई दिन से सुनने की ईच्छुक थी! तो टोह्नी पड़ गयी
    Navdeep Khatkar
    मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षण भर जीवन, मेरा परिचय

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  13. #7
    Quote Originally Posted by navdeepkhatkar View Post
    अच्छा तो ये बात थी .. ! चलो जो होता ह अछा ही होता ह ! परमात्मा की कृपा आप पर बनी रहे !
    ये रागनी किस्सा रूप - बसंत से है जी ! ये किस्सा नवीन ( my better half ) कई दिन से सुनने की ईच्छुक थी! तो टोह्नी पड़ गयी
    बढ़िया भाई अर एक पंथ दो काज सिद्ध होगे |
    Remember, we all stumble, every one of us.
    That's why it's a comfort to go hand in hand.
    :D

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    navdeepkhatkar (January 19th, 2012), sukhbirhooda (January 29th, 2012)

  15. #8
    भाई नवदीप ,पंडित लख्मीचंद की या रागनी बचपन में भोत सुणी थी | पर जब इतणा बेरा ना था, अक इह का मर्म के स | पर इब्ब बेरा स,भुक्तभोगी होयें पाछे | पढतें -पढतें भावुक हो ज्या स बन्दा | ओर भावनाओं को शब्दों में बखान नहीं किया जा सकता |
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

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  17. #9
    Quote Originally Posted by ravinderjeet View Post
    भाई नवदीप ,पंडित लख्मीचंद की या रागनी बचपन में भोत सुणी थी | पर जब इतणा बेरा ना था, अक इह का मर्म के स | पर इब्ब बेरा स,भुक्तभोगी होयें पाछे | पढतें -पढतें भावुक हो ज्या स बन्दा | ओर भावनाओं को शब्दों में बखान नहीं किया जा सकता |
    सही कही भाई जी | इस मर्म ने त भुक्त भोगी ए महसूस कर सके स | पर माडा मन ना करो, समय सारे घा भर दे स |
    आखिर जीत धेर्यवान की ए हो स |
    Remember, we all stumble, every one of us.
    That's why it's a comfort to go hand in hand.
    :D

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    navdeepkhatkar (January 19th, 2012), ritu (January 21st, 2012), sjakhars (January 19th, 2012)

  19. #10
    Quote Originally Posted by JSRana View Post
    बढ़िया भाई अर एक पंथ दो काज सिद्ध होगे |
    kaaj to siidh karne pade ji .. k karaa rana ji (naveen rana ) te daar lage h :P:P:P
    Navdeep Khatkar
    मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षण भर जीवन, मेरा परिचय

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    JSRana (January 20th, 2012), sukhbirhooda (January 29th, 2012)

  21. #11
    Quote Originally Posted by navdeepkhatkar View Post
    राणा साब धन्यवाद की तो कोई बात नहीं ! मैं तो खुद कई दिन से इस रागनी को ढूंड रहा था ! गूगल भी किया कही भी ल्य्रिक्स नहीं मिले तो आखिर में आज सुनते सुनते खुद ही लिखने पड़े ! कई दिनों बाद बड़ा अछा महसूस हो रहा है कुछ ढंग का चेप के
    badhiyaaa kiya bhai..kayi dino baad accha mahsus ho rha h kuch dhang ka padh ke.And if your good and better half listens to these archaic yet fresh composition then seriously mate the joint product is wonderful.Cheers!
    Kaise kahein wardi tujhse pyaar nhi,
    Kaise kahein wardi tera intzaar nhi.
    Kuch khataa to Haryana ki maati ki bhi h,
    Ek akele hum hi gunahgaar nhi.
    *****************************************
    Murrah Pride
    - The original drink of Haryana

  22. The Following 3 Users Say Thank You to Saharan1628 For This Useful Post:

    navdeepkhatkar (January 19th, 2012), sjakhars (January 19th, 2012), sukhbirhooda (January 29th, 2012)

  23. #12
    Quote Originally Posted by Saharan1628 View Post
    badhiyaaa kiya bhai..kayi dino baad accha mahsus ho rha h kuch dhang ka padh ke.And if your good and better half listens to these archaic yet fresh composition then seriously mate the joint product is wonderful.Cheers!

    ....
    Navdeep Khatkar
    मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षण भर जीवन, मेरा परिचय

  24. #13

    Thanks for Ragni

    धन्यवाद नवदीप । इस रागनी को मैंने Jatland wiki पर जोड़ दिया है -

    राजकवि दादा लखमी चन्द जी की कविताएं

    http://www.jatland.com/home/%E0%A4%B...A4%8F%E0%A4%82

    .
    तमसो मा ज्योतिर्गमय

  25. The Following 5 Users Say Thank You to dndeswal For This Useful Post:

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  26. #14
    Quote Originally Posted by navdeepkhatkar View Post
    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!

    .
    .
    .
    .

    याणे से की माँ मर जावे , धक्के खाते फिरा करे !!
    कोई घुड़का दे कोई धमका दे , दुःख विपदा में घिरा करे !!
    नों करोड़ का लाल रेत में , बिन जोहरी के ज़रा करे !!
    पाप की नैया अधम डूब जा , धर्म के बेड़े तिरा करे !!
    मरी हुई ने मन्ने याद करे तो , ला छाती के पुचकार दिए !!
    .
    .

    एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !
    मैं मर गयी तो मेरे बच्चों ने मत ना दुःख भरतार दिए !!
    tu bhi katee ruaa kai-e mannaiga...................:-(
    1.Meflan-ch jatt di pichaan wakhree (indeed).

    2.Upon knowing the ultimate truth, the foolish become wise, and the wise become silent.

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    amit_sheoran (January 26th, 2012), navdeepkhatkar (January 20th, 2012), ritu (January 21st, 2012), Saharan1628 (January 19th, 2012), sukhbirhooda (January 29th, 2012)

  28. #15
    Quote Originally Posted by mhundpuriamann View Post
    tu bhi katee ruaa kai-e mannaiga...................:-(
    bhaii saab
    apne koi aisa irada nahi tha .. baki ron me to maher bhi kime kasar nahi rahi .. likhie issi h ji Rajkavi lakhmichand ji ne ..
    Navdeep Khatkar
    मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षण भर जीवन, मेरा परिचय

  29. #16
    Quote Originally Posted by dndeswal View Post
    धन्यवाद नवदीप । इस रागनी को मैंने Jatland wiki पर जोड़ दिया है -

    राजकवि दादा लखमी चन्द जी की कविताएं

    http://www.jatland.com/home/राजकवि_द...एं

    .
    that is very nice of u Deshwal ji ..
    Navdeep Khatkar
    मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षण भर जीवन, मेरा परिचय

  30. The Following User Says Thank You to navdeepkhatkar For This Useful Post:

    sukhbirhooda (January 29th, 2012)

  31. #17
    Quote Originally Posted by navdeepkhatkar View Post
    kaaj to siidh karne pade ji .. k karaa rana ji (naveen rana ) te daar lage h :P:P:P
    भाई नवदीप सुद्रढ़ गृहस्थी का मूल मन्त्र यो हे स के मौके अनुसार कदे कोए किस्से ते डर ज्या अर कदे दुसरे त |
    राजा उद्यानपात के किस्से की एक बात याद आगी :
    जब रानी सुनीति आपने पीहर जान लाग्गी तो राजा उद्यानपात ने ये बात कही थी |

    "उम्र पुरानी तेरे बिना जी डामा डोळ रहे जा स |
    बीर मर्द सुख दुःख के साथी ढक्का ढोल रहे जा स |"

    तो भाई ढोल ढक्क्या ए रहन में मज्जा स |
    Remember, we all stumble, every one of us.
    That's why it's a comfort to go hand in hand.
    :D

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  33. #18
    Quote Originally Posted by navdeepkhatkar View Post
    bhaii saab
    apne koi aisa irada nahi tha .. baki ron me to maher bhi kime kasar nahi rahi .. likhie issi h ji Rajkavi lakhmichand ji ne ..
    hmmmm lakhmichand !
    my father is a huge fan of him!
    1.Meflan-ch jatt di pichaan wakhree (indeed).

    2.Upon knowing the ultimate truth, the foolish become wise, and the wise become silent.

  34. #19
    Quote Originally Posted by JSRana View Post
    भाई नवदीप सुद्रढ़ गृहस्थी का मूल मन्त्र यो हे स के मौके अनुसार कदे कोए किस्से ते डर ज्या अर कदे दुसरे त |
    राजा उद्यानपात के किस्से की एक बात याद आगी :
    जब रानी सुनीति आपने पीहर जान लाग्गी तो राजा उद्यानपात ने ये बात कही थी |

    "उम्र पुरानी तेरे बिना जी डामा डोळ रहे जा स |
    बीर मर्द सुख दुःख के साथी ढक्का ढोल रहे जा स |"

    तो भाई ढोल ढक्क्या ए रहन में मज्जा स |
    hmmm yo baat to h ji rana saab .. do pahiye h ji .. katthe chale ja to theek na to rola e se ..
    Navdeep Khatkar
    मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षण भर जीवन, मेरा परिचय

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    JSRana (January 20th, 2012)

  36. #20

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    JSRana (January 21st, 2012), navdeepkhatkar (January 21st, 2012), ravinderjeet (January 22nd, 2012), sukhbirhooda (January 29th, 2012)

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