मालिक (नौकर से) - "मैंने तुम्हें घर के सारे मच्छर मारने को कहा था।"
नौकर- "मालिक, मैंने तो सारे मच्छर मार दिए थे।"
मालिक - "तो फिर ये मरे क्यूं नहीं, देखो मेरे कानों में अभी भी कैसे भिनभिना रहे हैं।"
नौकर - "मालिक, दरअसल ये वे मच्छर नहीं हैं, ये तो उन मरे हुए मच्छरों की विधवाएं हैं, जो आपके कानों में जाकर रो रही हैं।"