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Thread: Aam janta ke sawal...

  1. #1

    Aam janta ke sawal...

    मैं भारत का एक आम आदमी हूँ , में न तो हमारे प्रधानमंत्री जी की तरह बहुत अधिक पढ़ा लिखा हूँ न ज्ञानी , पर मुझे भी भारत की कुछ आम समस्याए दिखाई देती हैं फिर हमारे नेताओं को क्यों नहीं , ये आम समस्याए नीचे लिखी हैं , आप इसे पड़ कर बताये क्या मै सही हूँ और हू तो ये बंद क्यों नहीं किया जा रहा :-

    १)मेट्रो रेल और शौपिंग मोल्स को बिजली क्यों दी जा रही है जबकि आम आदमी के घर तक बिजली नहीं पहुची है ( अमेरिका और यूरोप में जब उन्होंने सारे नागरिको के घरों तक बिजली पंहुचा दी, उसके बाद जो ज्यादा बच रही थी उसे दिया अमीरों को दुकाने सजाने, मॉल्स में लगाने, मेट्रो रेल चलाने आदि में ,जब हमारे यहाँ आधे से ज्यादा गांव में बिजली नहीं है यहाँ तक के राजधानी दिल्ली में तक बिजली कई घंटे गुल रहती है, फिर इन विदेशी कंपनियों के मॉल्स को बिजली क्यों जलाने दे रहे हैं २४ घंटे और पहले आम आदमी के और हर किसान के घर पर बिजली पहुचाओ फिर चलाना ये मेट्रो रेल ,गरीब जनता के टैक्स के पैसे का फ़ायदा चंद अमीर उठा रहे हैं )
    २)हम चन्द्रमा से आये पत्थर के टुकड़ों पर रिसर्च करके देश का करोडो का बजट बर्बाद कर रहे हैं , जबकि आज भी भारत में ८० प्रतिशत लोग २० रु प्रति दिन पर गुजारा करते हे ,क्या हमे पहले उनके बारे में नहीं सोचना चाहिए.
    ३) भारत के राष्टपति ,प्रधानमंत्री और नेताओं के बच्चे उन्ही सरकारी विद्यालयों में पड़ने चाहिए जिसमे एक गरीब किसान के पड़ते हैं , जब ये नेता सरकारी विद्यालय खोलते हे तब कहते हैं, इसमें हम सारी सुविधाए देंगे तो अपने बच्चो को क्यों पड़ने विदेश भेजते हैं, मतलब उनका कहा यही झूठ हो गया , नियम बनना चाहिए के हर सरकारी मुलाजिम का और नेता का बेटा सरकारी स्कूल में ही पड़ेगा ,जिनमे अमीर और गरीब सब से सामान व्यव्हार हो .
    ४)सबका इलाज एक ही अस्पताल में क्यों नहीं होता , जब ये नेता अपने भोपुओं में चिल्लाते फिरते हे के भारत में दुनिया के सबसे अच्छे डाक्टर्स हैं तो फिर अपने घुटने तक का इलाज करने लन्दन और अमेरिका क्यों जाते हे , सबको एक ही अस्पताल में इलाज करवाना चाहिए गरीब हो या अमीर , और खास कर के सरकारी लोग और नेता सिर्फ सरकारी अस्पताल में ही इलाज कराये खुद का भी और उनके बच्चो का भी, जो सरकारी अस्पताल उन्होंने बनवाए हे जनता के पैसे से उनमे .
    ५)इनकम टैक्स के छापें नेताओं के घर भी पड़ने चाहिए .
    ६)जब देश में कई जगह भुखमरी है और खाने की चीज़े नहीं है, तो अनाज विदेश क्यों एक्सपोर्ट करते हैं पहले देश का पेट भरो फिर विदेशियों का .
    ७)आलू की चिप्स(रुफ्फ्लेस आदि ) , टमाटर की चटनी (केचप ), ऐडीदास ,रीबोक (जूते) आदि, जो शुन्य तकनीकी सामान हैं, जो भारत की जनता आसानी से बना सकती है उन्हें विदेशों से मांगने की क्या जरुरत है , अगर ये सब भारत में ही बने तो कितने लोगो को रोज़गार मिलेगा .
    ८)अगर किसानो की जमीनों पर कम्पनियाँ खोल दोगे इंजीनियरिंग कॉलेज खोल दोगे विदेशी कंपनियों के प्लांट लगवा दोगे और इन लुटेरे बिल्डर्स को बेच दोगे तो एक दिन देश में खाने के लिए अन्न नहीं मिलेगा , खाने के लिए रोटी की ज़रूरत होती है कंप्यूटर या डॉलर की नहीं फिर लैपटॉप आयेगा ५ रुपये में और रोटी आयेगी १ लाख में .
    ९)हमारे यहाँ के बच्चे इंजीनियरिंग की आई.आई.टी आदि तकनीकी की पडाई उनकी मात्रभाषा में क्यों नहीं पड़ सकते जबकि जापान, जर्मनी ,फ्रांस आदि देश तकनिकी में काफी उत्तम हैं और अपनी मात्रभाषा में हर विषय पड़ते हैं .
    १०)हमारे या २० करोड से ज्यादा बेरोजगार भाई बहिन हैं और सरकार रोज़गार ग्यारंटी योजना चलती है १०० रुपये प्रति दिन मिलेगा मजदूरी करो, उनका क्या जो इंजीनियरिंग और पी.एच.डी आदि की डिग्री लिए बैठे हैं , अगर कोई बेरोजगार इंसान तड़प तड़प कर भूखा मर के आत्महत्या करले तो सरकार को उससे कोई मतलब नहीं है पर अगर वही इंसान मेहनत करके जैंसे तैसे खून पसीना एक करके अपना व्यवसाय डाल ले तो सरकारी लोग भिखारिओं की तरह उससे अनेक प्रकार के टेक्स की भीख मांगने क्यों आ जाते हैं , अगर आप हमारे दुःख में साथ नहीं थे आपने व्यवसाय ज़माने में कोई मदद नहीं की फिर आपका क्या हक बनता है बाद में टैक्स मांगने का .( जबकि विदेशी कंपनियों को जो की देश का पैसा लूट रही हैं सरकार उदारीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों के कर मुक्त कर देती है और मदद करती है )
    ११)अगर आई.टी.सी. जैंसी सिगरेट बनाने वाली कंपनी सिगरेट का कागज बनाने और प्रचार के बेनर बनाने के लिए देश के लाखों पेड काट सकती हैं ,उस सिगरेट को बनाने जिससे कैंसर होता है तो हमारे देश का एक गरीब आदिवासी जिसे अपना पेट पालना है लकड़ी बेचकर अगर एक पेड भी काट लेता है तो उस पर इंडियन फारेस्ट एक्ट क्यों लग जाता है , क्यों होती है उसे जेल अपने बच्चों का पेट भरने के जुर्म में .

  2. The Following User Says Thank You to jaatdesi For This Useful Post:

    ravinderjeet (March 26th, 2012)

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