धमोरा की बेटी बनी सेना में अधिकारी
झुंझुनू,22 अप्रैल। भारतीय थल सेना बोर्ड द्वारा भर्ती प्रक्रिया से दो बार गुजरने के बाद वरियता सूचि में शामिल नहीं होने से निराश नवीना शेखावत ने हार नहीं मानी और तीसरी बार पहले से अधिक उत्साह से तैयारी में जुटी एवं इस बार उसका सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हो गया। ओ.टी.ए.चैन्नई में 11 माह के प्रषिक्षण के बाद नवीना को 557 सेना सर्विस कोर में पदस्थापित कर दिया गया है।
लेफ्टिनेंट नवीना शेखावत मूलत: झुझुनूं जिले के धमोरा गावं की रहने वाली है तथा उसके पिता मनोहर सिंह शेखावत जोधपुर में सेना अभियन्ता सेवा विभाग में कार्यरत हैं। इस कारण उनका परिवार जोधपुर में ही रहता है। नवीना का कहना है कि स्कूल के दिनों से ही मैं सेना के बारे में पढ़ती थी तब मेरे मन में विचार आने लगा कि मुझे सेना में जाना हैं । मेरे माता पिता ने भी मेरे इस फैसले में मेरा हौसला बढाया और मुझे कभी निराश नहीं होने दिया ।
मैं कालेज के समय से ही एन.सी.सी. से जुड़ गयी। मैंने एन.सी.सी. मेें पैरासेलिंग ड्रील,सूटिंग एवं मैंने 9 घंटे 40 मिनट माईक्रोलाइट विमान उड़ा कर रिकार्ड कायम किया । मैंने नेशनल सांइस ओलम्पियाड में भी भाग लिया । 2006 में बैंगलोर में आयोजित वायु सैनिक कैम्प में जब राजस्थान कंटीजेंट को 30 वर्षो बाद प्रथम स्थान प्राप्त करवाकर मैनें रिकार्ड बनाया उस समय मुझे जीवन में सबसे बड़ी खुशी का अहसास हुआ जो मुझे हमेशा याद रहेगी, क्योंकि लंबे अर्से के बाद हमेें कोई उपलब्धि प्राप्त हुई थी । मेरी कड़ी लगन व दृढ़ इच्छा शक्ति का ही परिणाम था कि मैं सेना में स्थान प्राप्त कर सकी । मेरा तो यही मानना है कि जितना कठिन संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी ।