Results 1 to 20 of 57

Thread: सिर्फ पांच साल और चलेंगे गूगल-फेसबुक?

Hybrid View

Previous Post Previous Post   Next Post Next Post
  1. #1

    सिर्फ पांच साल और चलेंगे गूगल-फेसबुक?

    क्या आपने गूगल या फेसबुक के बिना इंटरनेट की कल्पना की है? प्रतिष्ठित अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक पांच सालों में गूगल और फेसबुक पूरी तरह से गायब हो सकती हैं। एरिक जैकसन ने अपने लेख में इसके कारण बताए हैं।


    1. साल 2010 के बाद बनी सोशल कंपनियां दुनिया के बारे में बिलकुल अलग राय रखती हैं। ये कंपनियां, उदाहरण के तौर पर इंस्टाग्राम, इंटरनेट के बजाय मोबाइल प्लेटफार्म को अपने कंटेट के लिए प्राइमरी प्लेटफार्म मानती हैं। वेब पर लांच करने के बजाय ये नई कंपनियां यकीन रखती हैं कि उनकी मोबाइल एप्लीकेशन को लोग इंटरनेट के स्थान पर इस्तेमाल करना शुरु कर देंगे। इस अवधारणा के अनुसार हमें कभी भी वेब 3.0 नहीं मिलेगा क्योंकि तब तक इंटरनेट समाप्त हो चुका होगा।


    2. वहीं वेब 1.0 (1994 से 2001 के बीच अस्तित्व में आई कंपनियां जिनमें नेटस्केप, याहू, एओएल, गूगल, अमेजन और ईबे शामिल हैं) और वेब 2.0 कंपनियां (2002 से 2009 के बीच अस्तित्व में आई कंपनियां जिनमें फेसबुक, लिंक्डइन, ग्रुपऑन आदि शामिल हैं) अभी भी इस नए बदलाव के साथ खुद को बदलने को लेकर आश्वस्त नहीं है। फेसबुक सोशल मीडिया कंपनियों में सबसे आगे है और बहुत जल्द ही वो अपना आईपीओ लांच कर रही है। हो सकता है कि उसकी मौजूदा बाजार कीमत 140 बिलियन डॉलर के आंकड़े को भी पार कर जाए। लेकिन फिर भी यह मोबाइल प्लेटफॉर्म पर पिछड़ रही है। इसकी आईफोन और आईपैड एप्लीकेशन इसके डेस्कटॉप वर्जन की ही नकल हैं।

    3. फेसबुक इंटरनेट के जरिए पैसा कमाने के तरीके निकालने की कोशिश कर रही है। साल 2011 में फेसबुक की कुल आय सिर्फ 3.7 बिलियन डॉलर ही थी। वहीं 2011 की अंतिम तिमाही के मुकाबले 2012 की पहली तिमाही में भी फेसबुक की आय में कमी आई है। और सबसे बड़ी चुनौती यह भी है कि फेसबुक के पास अपनी मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए पैसा कमाने का अभी कोई तरीका भी नहीं है।

    4. वेब 1.0 कंपनियां सोशल मीडिया में नाकाम साबित हुई हैं। इससे मोबाइल प्लेटफार्म पर फेसबुक की सफलता को लेकर भी संदेह है। गूगल अपनी गूगल+ सेवा का हश्र देख ही चुकी है। वहीं परिस्थितियों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ मानते हैं कि मौजूदा आपरेटिंग वातावरण और कंपनियों के मूल उत्पादों में असंतुलन के कारण कंपनियों पर 'पिछड़ने का दायित्व' भी बढ़ रहा है। इस सिद्धांत से मौजूदा टेक्नोलॉजी दुनिया की दुर्दशा को समझा जा सकता है।

    अब सवाल उठता है कि क्या फिर गूगल, फेसबुक, अमेजन और याहू जैसी कंपनियां बेमानी हो जाएंगी? हालांकि ये कंपनियां अभी भी लगातार बढ़ रही हैं और अभी भी इनमें बहुत प्रतिभाशाली लोग जुड़े हैं। लेकिन नए बदलावों (जैसे पहले सोशल, अब मोबाइल और आने वाले वक्त में कुछ और) में पुरानी तकनीकें प्रचलन से बाहर हो जाती हैं।

    5. हम अभी जिस तकनीकी दुनिया में रह रहे हैं उसका लगातार विकास हो रहा है। याहू का बाजार 2000 के मुकाबले सिकुड़ रहा है। यह चर्चा जोरों पर है कि कैसे गूगल भी मुश्किल दौर से गुजर रही है। जब उसका डेस्कटाप सर्च व्यापार (गूगल की अधिकतर आय इसी से होती है) कम होने लगेगा तब उसके पास क्या विकल्प होंगे क्योंकि इंटरनेट यूजर ने मोबाइल पर अलग-अलग तरीकों से जानकारी खोजना शुरु कर दिया है।

    क्या अमेजन भी लगातार कमजोर होगी? इसमें कोई शक नहीं है कि अमेजन अभी भी लगातार बढ़ रही है लेकिन जब मोबाइल प्लेटफार्म पर लोगों के पास सामान खरीदने के अन्य सुविधाजनक विकल्प होंगे तब निश्चित ही अमेजन की चिंता बढ़ जाएगी। फेसबुक के सामने भी यही चुनौती होगी। हमशी मैकेंजी ने हाल ही में कहा है कि मुझे नहीं लगता कि फेसबुक मोबाइल प्लेटफार्म पर आने के लिए खुद में बदलाव करके न्यूजफीड, मैसेजिंग, फोटो, और एड्रस बुक के लिए अलग-अलग एप्लीकेशन लांच कर पाएगी क्योंकि ऐसा करके उसका मूल रूप पूरी तरह से बदल जाएगा।

    सवाल यह है कि फेसबुक किस गति से मोबाइल प्लेटफार्म पर चेंज करेगा? अनुमानों के मुताबिक उसकी गति भी ऐसे ही होगी जैसे गूगल की सोशल होने के दौरान थी। फेसबुक का सबसे बड़ा डर यही है कि कहीं मोबाइल के दौर में वो पिछड़ न जाए।

    एप्पल के उदाहरण से इसे समझा जा सकता है। एप्पल मूलरूप से हार्डवेयर कंपनी है लेकिन फिर भी वो मोबाइल बाजार में कामयाब रही क्योंकि उसने अपना ऑपरेटिंग सिस्टम लांच कर दिया। शायद यही कारण है कि अन्य कंपनियां भी एप्पल का अनुसरण करने की सोच रही हैं। रिपोर्टों के मुताबिक फेसबुक और बायडू अपना मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम लांच करने पर काम कर रही हैं।


    अगले 5-8 सालों में इंटरनेट जगत में बहुत बदलाव होंगे। ऐसा भी हो सकता है कि गूगल और फेसबुक अपने आज के आकार के मुकाबले सिमट जाएं या पूरी तरह से गायब ही हो जाएं।
    यूं तो इन कंपनियों के पास वेब से मोबाइल पर शिफ्ट होने के लिए तमाम पैसा और साधन होंगे लेकिन इतिहास के उदाहरण बताते हैं कि वो ऐसा कर नहीं पाएंगी। माना जाता है कि गूगल के कार्यकारी अध्यक्ष एरिक श्मिद्त भी भविष्य में सभी एंड्रायड उपभोक्ताओं से दस डॉलर प्रतिमाह वसूलने का विचार रखते हैं ताकि भविष्य में कंपनी के आर्थिक फायदों को सुनिश्चित किया जा सके।
    चालना राही का, चाहे फेर क्यूं ना हो । बैठना भाइयाँ का, चाहे बैर क्यूं ना हो ।।




  2. The Following 12 Users Say Thank You to kuldeeppunia25 For This Useful Post:

    deependra (May 9th, 2012), navdeepkhatkar (May 16th, 2013), nrao (April 21st, 2013), rajpaldular (April 26th, 2013), ravinderjeet (May 7th, 2012), SandeepSirohi (October 8th, 2012), satyenderdeswal (April 20th, 2013), sombirrathi (August 8th, 2012), sukhbirhooda (May 10th, 2012), sunillore (June 23rd, 2012), vdhillon (November 5th, 2014), yogeshdahiya007 (July 2nd, 2012)

  3. #2
    Kya mobile versus Face book:future perspective per koi sodh kiya gaya hai; Agar han to us sodh ke results kya sandesh dete hain.
    History is best when created, better when re-constructed and worst when invented.

  4. #3
    Facebook- yes it might most probably go away but Google will still be there until Internet remains. The fundamental usage of both the the portals are very different, people will continue to consume search and Google innovates itself with people where as Facebook only exists until a better social media platform takes over.
    सच्चे शब्दों में सच के अहसास लिखेंगे ...
    वक्त पढे जिसको कुछ इतना खास लिखेंगे...
    गीत गजल हम पर लिखेंगे लिखने वाले...
    हमने कलम उठाइ, तो इतिहास लिखेंगे...!!

  5. The Following 5 Users Say Thank You to desijat For This Useful Post:

    amankadian (August 24th, 2014), navdeepkhatkar (May 16th, 2013), rsdalal (April 28th, 2013), vikasJAT (May 5th, 2013), vvk1987 (April 27th, 2013)

  6. #4
    "Facebook only exists until a better social media platform takes over."

    In agreement - Google Plus did try same however failed to attract masses . I remember many were curious signining up on Google Beta version initially now all back to FB

  7. The Following User Says Thank You to rekhasmriti For This Useful Post:

    vdhillon (November 5th, 2014)

  8. #5
    Quote Originally Posted by rekhasmriti View Post
    "Facebook only exists until a better social media platform takes over."

    In agreement - Google Plus did try same however failed to attract masses . I remember many were curious signining up on Google Beta version initially now all back to FB
    Google+ is not for chatting and friends talk.

    Google+ is more popular now days than twitter. It's about business activities and professionals

    Google+ has been dominated all press release.

  9. #6
    Quote Originally Posted by desijat View Post
    Facebook- yes it might most probably go away but Google will still be there until Internet remains. The fundamental usage of both the the portals are very different, people will continue to consume search and Google innovates itself with people where as Facebook only exists until a better social media platform takes over.
    Facebook and Google top companies in internet world.

    Facebook and Google has been changed the meaning of marketing. Traditional marketing was too boring, expensive.

    Now It's about Digital world, Share things with million audience within in couple of hours.

    Google earned 38 Billion in 2011 and It's increase in 2012 --50 Billions. It's increasing every year

    Facebook bought whatsaap.

    You are right both website gonna stay forever.

  10. #7
    Quote Originally Posted by DrRajpalSingh View Post
    Kya mobile versus Face book:future perspective per koi sodh kiya gaya hai; Agar han to us sodh ke results kya sandesh dete hain.
    Not sure why would the 2 compete? Mobile is a platform that facebook uses to reach out, it is not a competition. Take the analogy of car and petrol, car uses petrol to run similarly Facebook uses mobile to increase its reach.

    For any and every internet company mobile is the next big thing that is rapidly turning realistic with every passing second.
    सच्चे शब्दों में सच के अहसास लिखेंगे ...
    वक्त पढे जिसको कुछ इतना खास लिखेंगे...
    गीत गजल हम पर लिखेंगे लिखने वाले...
    हमने कलम उठाइ, तो इतिहास लिखेंगे...!!

  11. The Following User Says Thank You to desijat For This Useful Post:

    vvk1987 (April 27th, 2013)

  12. #8
    Is it your analysis? if not, what is the source of this article?
    Quote Originally Posted by kuldeeppunia25 View Post
    क्या आपने गूगल या फेसबुक के बिना इंटरनेट की कल्पना की है? प्रतिष्ठित अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक पांच सालों में गूगल और फेसबुक पूरी तरह से गायब हो सकती हैं। एरिक जैकसन ने अपने लेख में इसके कारण बताए हैं।


    1. साल 2010 के बाद बनी सोशल कंपनियां दुनिया के बारे में बिलकुल अलग राय रखती हैं। ये कंपनियां, उदाहरण के तौर पर इंस्टाग्राम, इंटरनेट के बजाय मोबाइल प्लेटफार्म को अपने कंटेट के लिए प्राइमरी प्लेटफार्म मानती हैं। वेब पर लांच करने के बजाय ये नई कंपनियां यकीन रखती हैं कि उनकी मोबाइल एप्लीकेशन को लोग इंटरनेट के स्थान पर इस्तेमाल करना शुरु कर देंगे। इस अवधारणा के अनुसार हमें कभी भी वेब 3.0 नहीं मिलेगा क्योंकि तब तक इंटरनेट समाप्त हो चुका होगा।


    2. वहीं वेब 1.0 (1994 से 2001 के बीच अस्तित्व में आई कंपनियां जिनमें नेटस्केप, याहू, एओएल, गूगल, अमेजन और ईबे शामिल हैं) और वेब 2.0 कंपनियां (2002 से 2009 के बीच अस्तित्व में आई कंपनियां जिनमें फेसबुक, लिंक्डइन, ग्रुपऑन आदि शामिल हैं) अभी भी इस नए बदलाव के साथ खुद को बदलने को लेकर आश्वस्त नहीं है। फेसबुक सोशल मीडिया कंपनियों में सबसे आगे है और बहुत जल्द ही वो अपना आईपीओ लांच कर रही है। हो सकता है कि उसकी मौजूदा बाजार कीमत 140 बिलियन डॉलर के आंकड़े को भी पार कर जाए। लेकिन फिर भी यह मोबाइल प्लेटफॉर्म पर पिछड़ रही है। इसकी आईफोन और आईपैड एप्लीकेशन इसके डेस्कटॉप वर्जन की ही नकल हैं।

    3. फेसबुक इंटरनेट के जरिए पैसा कमाने के तरीके निकालने की कोशिश कर रही है। साल 2011 में फेसबुक की कुल आय सिर्फ 3.7 बिलियन डॉलर ही थी। वहीं 2011 की अंतिम तिमाही के मुकाबले 2012 की पहली तिमाही में भी फेसबुक की आय में कमी आई है। और सबसे बड़ी चुनौती यह भी है कि फेसबुक के पास अपनी मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए पैसा कमाने का अभी कोई तरीका भी नहीं है।

    4. वेब 1.0 कंपनियां सोशल मीडिया में नाकाम साबित हुई हैं। इससे मोबाइल प्लेटफार्म पर फेसबुक की सफलता को लेकर भी संदेह है। गूगल अपनी गूगल+ सेवा का हश्र देख ही चुकी है। वहीं परिस्थितियों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ मानते हैं कि मौजूदा आपरेटिंग वातावरण और कंपनियों के मूल उत्पादों में असंतुलन के कारण कंपनियों पर 'पिछड़ने का दायित्व' भी बढ़ रहा है। इस सिद्धांत से मौजूदा टेक्नोलॉजी दुनिया की दुर्दशा को समझा जा सकता है।

    अब सवाल उठता है कि क्या फिर गूगल, फेसबुक, अमेजन और याहू जैसी कंपनियां बेमानी हो जाएंगी? हालांकि ये कंपनियां अभी भी लगातार बढ़ रही हैं और अभी भी इनमें बहुत प्रतिभाशाली लोग जुड़े हैं। लेकिन नए बदलावों (जैसे पहले सोशल, अब मोबाइल और आने वाले वक्त में कुछ और) में पुरानी तकनीकें प्रचलन से बाहर हो जाती हैं।

    5. हम अभी जिस तकनीकी दुनिया में रह रहे हैं उसका लगातार विकास हो रहा है। याहू का बाजार 2000 के मुकाबले सिकुड़ रहा है। यह चर्चा जोरों पर है कि कैसे गूगल भी मुश्किल दौर से गुजर रही है। जब उसका डेस्कटाप सर्च व्यापार (गूगल की अधिकतर आय इसी से होती है) कम होने लगेगा तब उसके पास क्या विकल्प होंगे क्योंकि इंटरनेट यूजर ने मोबाइल पर अलग-अलग तरीकों से जानकारी खोजना शुरु कर दिया है।

    क्या अमेजन भी लगातार कमजोर होगी? इसमें कोई शक नहीं है कि अमेजन अभी भी लगातार बढ़ रही है लेकिन जब मोबाइल प्लेटफार्म पर लोगों के पास सामान खरीदने के अन्य सुविधाजनक विकल्प होंगे तब निश्चित ही अमेजन की चिंता बढ़ जाएगी। फेसबुक के सामने भी यही चुनौती होगी। हमशी मैकेंजी ने हाल ही में कहा है कि मुझे नहीं लगता कि फेसबुक मोबाइल प्लेटफार्म पर आने के लिए खुद में बदलाव करके न्यूजफीड, मैसेजिंग, फोटो, और एड्रस बुक के लिए अलग-अलग एप्लीकेशन लांच कर पाएगी क्योंकि ऐसा करके उसका मूल रूप पूरी तरह से बदल जाएगा।

    सवाल यह है कि फेसबुक किस गति से मोबाइल प्लेटफार्म पर चेंज करेगा? अनुमानों के मुताबिक उसकी गति भी ऐसे ही होगी जैसे गूगल की सोशल होने के दौरान थी। फेसबुक का सबसे बड़ा डर यही है कि कहीं मोबाइल के दौर में वो पिछड़ न जाए।

    एप्पल के उदाहरण से इसे समझा जा सकता है। एप्पल मूलरूप से हार्डवेयर कंपनी है लेकिन फिर भी वो मोबाइल बाजार में कामयाब रही क्योंकि उसने अपना ऑपरेटिंग सिस्टम लांच कर दिया। शायद यही कारण है कि अन्य कंपनियां भी एप्पल का अनुसरण करने की सोच रही हैं। रिपोर्टों के मुताबिक फेसबुक और बायडू अपना मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम लांच करने पर काम कर रही हैं।


    अगले 5-8 सालों में इंटरनेट जगत में बहुत बदलाव होंगे। ऐसा भी हो सकता है कि गूगल और फेसबुक अपने आज के आकार के मुकाबले सिमट जाएं या पूरी तरह से गायब ही हो जाएं।
    यूं तो इन कंपनियों के पास वेब से मोबाइल पर शिफ्ट होने के लिए तमाम पैसा और साधन होंगे लेकिन इतिहास के उदाहरण बताते हैं कि वो ऐसा कर नहीं पाएंगी। माना जाता है कि गूगल के कार्यकारी अध्यक्ष एरिक श्मिद्त भी भविष्य में सभी एंड्रायड उपभोक्ताओं से दस डॉलर प्रतिमाह वसूलने का विचार रखते हैं ताकि भविष्य में कंपनी के आर्थिक फायदों को सुनिश्चित किया जा सके।
    Yoginder Gulia

  13. The Following User Says Thank You to ygulia For This Useful Post:

    navdeepkhatkar (May 16th, 2013)

  14. #9
    Quote Originally Posted by ygulia View Post
    Is it your analysis? if not, what is the source of this article?
    You are right, the source of data/information used by the author of this piece of writing claiming high sounding changes in future, must be shared, to authenticate it.
    History is best when created, better when re-constructed and worst when invented.

  15. #10
    ये लेख अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स की वेबसाइट पर 30/04/2012 प्रकाशित हुआ था और इसे एरिक जैकसन ने लिखा था और इसका लिंक नीचे दे रहा हूँ

    http://www.forbes.com/sites/ericjack...-next-5-years/

    और एक हफ्ते बाद ही Haydn Shaughnessy ने फोर्ब्स की वेबसाइट पर ही एक लेख लिखा "क्यों गायब नहीं होंगे गूगल और फेसबुक" | लिंक नीचे दिया गया है आप दोनों लेखो को पढ़े व स्वयम निष्कर्ष निकाले

    http://www.forbes.com/sites/haydnsha...ve-years-time/


    Quote Originally Posted by DrRajpalSingh View Post
    You are right, the source of data/information used by the author of this piece of writing claiming high sounding changes in future, must be shared, to authenticate it.
    मीठे बोल बोलिये क्योंकि अल्फाजों में जान होती है,
    ये समुंदर के वह मोती हैं जिनसे इंसानों की पहचान होती है।।

  16. The Following 3 Users Say Thank You to sivach For This Useful Post:

    DrRajpalSingh (April 27th, 2013), rekhasmriti (April 27th, 2013), ygulia (April 27th, 2013)

  17. #11
    chaalaa paat jaa gaa bhaai ,je ye band hoge te ,fer haam amrikaa me bethe vikas choudhari gelyaan gutham-guthaan kyukar hovaange.
    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  18. The Following 12 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    amankadian (August 24th, 2014), anilphogat (April 29th, 2013), cooljat (April 28th, 2013), desijat (April 28th, 2013), DrRajpalSingh (April 27th, 2013), navdeepkhatkar (May 16th, 2013), rekhasmriti (April 27th, 2013), rsdalal (April 28th, 2013), sivach (April 27th, 2013), ssgoyat (April 27th, 2013), Sure (April 27th, 2013), vicky84 (April 28th, 2013)

  19. #12
    Bhai sahab chinta na karo, list mein Jatland ka naam nahi hai


    Quote Originally Posted by ravinderjeet View Post
    chaalaa paat jaa gaa bhaai ,je ye band hoge te ,fer haam amrikaa me bethe vikas choudhari gelyaan gutham-guthaan kyukar hovaange.
    सच्चे शब्दों में सच के अहसास लिखेंगे ...
    वक्त पढे जिसको कुछ इतना खास लिखेंगे...
    गीत गजल हम पर लिखेंगे लिखने वाले...
    हमने कलम उठाइ, तो इतिहास लिखेंगे...!!

  20. #13
    Quote Originally Posted by sivach View Post
    ये लेख अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स की वेबसाइट पर 30/04/2012 प्रकाशित हुआ था और इसे एरिक जैकसन ने लिखा था और इसका लिंक नीचे दे रहा हूँ

    http://www.forbes.com/sites/ericjack...-next-5-years/

    और एक हफ्ते बाद ही Haydn Shaughnessy ने फोर्ब्स की वेबसाइट पर ही एक लेख लिखा "क्यों गायब नहीं होंगे गूगल और फेसबुक" | लिंक नीचे दिया गया है आप दोनों लेखो को पढ़े व स्वयम निष्कर्ष निकाले

    http://www.forbes.com/sites/haydnsha...ve-years-time/
    Thanks for providing both the links.

    This makes it clear as both the views have been compared and there seems to be no dooms day for google or facebook in foreseeable future!!!!
    History is best when created, better when re-constructed and worst when invented.

  21. The Following User Says Thank You to DrRajpalSingh For This Useful Post:

    vdhillon (November 5th, 2014)

  22. #14
    Quote Originally Posted by DrRajpalSingh View Post
    Thanks for providing both the links.

    This makes it clear as both the views have been compared and there seems to be no dooms day for google or facebook in foreseeable future!!!!


    IT is a dynamic industry, things don;t stay as it is. its a competitive world. facebook was in trouble last yr when instagram was picking up maket. fb paid hefty money to aquire instagram. IT is abt ideas, and innovation. days r nt far for apple now as shares r sliding n andriod is picking up now. i

    nokia is other example. 6 -7 yrs ago, nokia used to be leader in mobile phones and now see how company is struggling against apple and samsung. similarly blackbary lost a lot of shares and business to apple and samsung. Motorola company which gave the conecept of mobile phones is nowhere in market nowadays.
    Dell is struggling. couple of yrs back dell used to be market leader in manufacturing desktop and laptop. now company is fighting hard for its survival.

    IBM is struglling.IBM thinkpad laptops used to be no 1 in the market and later on it lost to dell. IBM gave its business to lenovo and now lenovo and dell are struggling.

    HP lost a lot of business in a decade or so. there are many examples like that in this ever changing field.

    so i would not be surprised if facebook is replaced by some other social networking company.

    IT is driven by ideas not money or mere existance.
    Last edited by AnkurMalik; April 27th, 2013 at 05:57 PM.

  23. The Following 5 Users Say Thank You to AnkurMalik For This Useful Post:

    anilphogat (April 29th, 2013), rekhasmriti (April 27th, 2013), sivach (April 28th, 2013), sukhbirhooda (April 28th, 2013), ygulia (April 28th, 2013)

  24. #15
    Quote Originally Posted by sivach View Post
    ये लेख अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स की वेबसाइट पर 30/04/2012 प्रकाशित हुआ था और इसे एरिक जैकसन ने लिखा था और इसका लिंक नीचे दे रहा हूँ

    http://www.forbes.com/sites/ericjack...-next-5-years/

    और एक हफ्ते बाद ही Haydn Shaughnessy ने फोर्ब्स की वेबसाइट पर ही एक लेख लिखा "क्यों गायब नहीं होंगे गूगल और फेसबुक" | लिंक नीचे दिया गया है आप दोनों लेखो को पढ़े व स्वयम निष्कर्ष निकाले

    http://www.forbes.com/sites/haydnsha...ve-years-time/


    Dear Jatlanders.

    This guy is a blogger. Blogger always try to find some interesting stories for audience. There is nothing to worry. He just want to attract audience by his blog posts.

    That's it. Don't take guaranteed these kind of articles.

  25. The Following User Says Thank You to amankadian For This Useful Post:

    vikasJAT (August 25th, 2014)

  26. #16
    Google, Yahoo and Facebook kabhi band ni ho sakte.

    Daily latest updates aa rahi hain or new features add ho rahe hain based on user behavior. Piche 5 saalo se is field me kaam kr rha hu aaj tak to aisa show ni hua ki ye band honge.

    Baki ye article ek bakwas baji h or kuch ni.
    Regards

    VIKAS DHANKHAR





    THE MOST DANGEROUS THING IN THE WORLD IS AN IDEA.:rolleyes:
    THE MOST DANGEROUS PERSON IN THE WORLD IS ONE WITH AN IDEA....!!!!!!
    :rolleyes:

  27. #17
    Quote Originally Posted by kuldeeppunia25 View Post
    क्या आपने गूगल या फेसबुक के बिना इंटरनेट की कल्पना की है? प्रतिष्ठित अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक पांच सालों में गूगल और फेसबुक पूरी तरह से गायब हो सकती हैं। एरिक जैकसन ने अपने लेख में इसके कारण बताए हैं।


    1. साल 2010 के बाद बनी सोशल कंपनियां दुनिया के बारे में बिलकुल अलग राय रखती हैं। ये कंपनियां, उदाहरण के तौर पर इंस्टाग्राम, इंटरनेट के बजाय मोबाइल प्लेटफार्म को अपने कंटेट के लिए प्राइमरी प्लेटफार्म मानती हैं। वेब पर लांच करने के बजाय ये नई कंपनियां यकीन रखती हैं कि उनकी मोबाइल एप्लीकेशन को लोग इंटरनेट के स्थान पर इस्तेमाल करना शुरु कर देंगे। इस अवधारणा के अनुसार हमें कभी भी वेब 3.0 नहीं मिलेगा क्योंकि तब तक इंटरनेट समाप्त हो चुका होगा।


    2. वहीं वेब 1.0 (1994 से 2001 के बीच अस्तित्व में आई कंपनियां जिनमें नेटस्केप, याहू, एओएल, गूगल, अमेजन और ईबे शामिल हैं) और वेब 2.0 कंपनियां (2002 से 2009 के बीच अस्तित्व में आई कंपनियां जिनमें फेसबुक, लिंक्डइन, ग्रुपऑन आदि शामिल हैं) अभी भी इस नए बदलाव के साथ खुद को बदलने को लेकर आश्वस्त नहीं है। फेसबुक सोशल मीडिया कंपनियों में सबसे आगे है और बहुत जल्द ही वो अपना आईपीओ लांच कर रही है। हो सकता है कि उसकी मौजूदा बाजार कीमत 140 बिलियन डॉलर के आंकड़े को भी पार कर जाए। लेकिन फिर भी यह मोबाइल प्लेटफॉर्म पर पिछड़ रही है। इसकी आईफोन और आईपैड एप्लीकेशन इसके डेस्कटॉप वर्जन की ही नकल हैं।

    3. फेसबुक इंटरनेट के जरिए पैसा कमाने के तरीके निकालने की कोशिश कर रही है। साल 2011 में फेसबुक की कुल आय सिर्फ 3.7 बिलियन डॉलर ही थी। वहीं 2011 की अंतिम तिमाही के मुकाबले 2012 की पहली तिमाही में भी फेसबुक की आय में कमी आई है। और सबसे बड़ी चुनौती यह भी है कि फेसबुक के पास अपनी मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए पैसा कमाने का अभी कोई तरीका भी नहीं है।

    4. वेब 1.0 कंपनियां सोशल मीडिया में नाकाम साबित हुई हैं। इससे मोबाइल प्लेटफार्म पर फेसबुक की सफलता को लेकर भी संदेह है। गूगल अपनी गूगल+ सेवा का हश्र देख ही चुकी है। वहीं परिस्थितियों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ मानते हैं कि मौजूदा आपरेटिंग वातावरण और कंपनियों के मूल उत्पादों में असंतुलन के कारण कंपनियों पर 'पिछड़ने का दायित्व' भी बढ़ रहा है। इस सिद्धांत से मौजूदा टेक्नोलॉजी दुनिया की दुर्दशा को समझा जा सकता है।

    अब सवाल उठता है कि क्या फिर गूगल, फेसबुक, अमेजन और याहू जैसी कंपनियां बेमानी हो जाएंगी? हालांकि ये कंपनियां अभी भी लगातार बढ़ रही हैं और अभी भी इनमें बहुत प्रतिभाशाली लोग जुड़े हैं। लेकिन नए बदलावों (जैसे पहले सोशल, अब मोबाइल और आने वाले वक्त में कुछ और) में पुरानी तकनीकें प्रचलन से बाहर हो जाती हैं।

    5. हम अभी जिस तकनीकी दुनिया में रह रहे हैं उसका लगातार विकास हो रहा है। याहू का बाजार 2000 के मुकाबले सिकुड़ रहा है। यह चर्चा जोरों पर है कि कैसे गूगल भी मुश्किल दौर से गुजर रही है। जब उसका डेस्कटाप सर्च व्यापार (गूगल की अधिकतर आय इसी से होती है) कम होने लगेगा तब उसके पास क्या विकल्प होंगे क्योंकि इंटरनेट यूजर ने मोबाइल पर अलग-अलग तरीकों से जानकारी खोजना शुरु कर दिया है।

    क्या अमेजन भी लगातार कमजोर होगी? इसमें कोई शक नहीं है कि अमेजन अभी भी लगातार बढ़ रही है लेकिन जब मोबाइल प्लेटफार्म पर लोगों के पास सामान खरीदने के अन्य सुविधाजनक विकल्प होंगे तब निश्चित ही अमेजन की चिंता बढ़ जाएगी। फेसबुक के सामने भी यही चुनौती होगी। हमशी मैकेंजी ने हाल ही में कहा है कि मुझे नहीं लगता कि फेसबुक मोबाइल प्लेटफार्म पर आने के लिए खुद में बदलाव करके न्यूजफीड, मैसेजिंग, फोटो, और एड्रस बुक के लिए अलग-अलग एप्लीकेशन लांच कर पाएगी क्योंकि ऐसा करके उसका मूल रूप पूरी तरह से बदल जाएगा।

    सवाल यह है कि फेसबुक किस गति से मोबाइल प्लेटफार्म पर चेंज करेगा? अनुमानों के मुताबिक उसकी गति भी ऐसे ही होगी जैसे गूगल की सोशल होने के दौरान थी। फेसबुक का सबसे बड़ा डर यही है कि कहीं मोबाइल के दौर में वो पिछड़ न जाए।

    एप्पल के उदाहरण से इसे समझा जा सकता है। एप्पल मूलरूप से हार्डवेयर कंपनी है लेकिन फिर भी वो मोबाइल बाजार में कामयाब रही क्योंकि उसने अपना ऑपरेटिंग सिस्टम लांच कर दिया। शायद यही कारण है कि अन्य कंपनियां भी एप्पल का अनुसरण करने की सोच रही हैं। रिपोर्टों के मुताबिक फेसबुक और बायडू अपना मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम लांच करने पर काम कर रही हैं।


    अगले 5-8 सालों में इंटरनेट जगत में बहुत बदलाव होंगे। ऐसा भी हो सकता है कि गूगल और फेसबुक अपने आज के आकार के मुकाबले सिमट जाएं या पूरी तरह से गायब ही हो जाएं।
    यूं तो इन कंपनियों के पास वेब से मोबाइल पर शिफ्ट होने के लिए तमाम पैसा और साधन होंगे लेकिन इतिहास के उदाहरण बताते हैं कि वो ऐसा कर नहीं पाएंगी। माना जाता है कि गूगल के कार्यकारी अध्यक्ष एरिक श्मिद्त भी भविष्य में सभी एंड्रायड उपभोक्ताओं से दस डॉलर प्रतिमाह वसूलने का विचार रखते हैं ताकि भविष्य में कंपनी के आर्थिक फायदों को सुनिश्चित किया जा सके।
    I attended a seminar of Google. Matt Cutts and Larry page announced that they're investing billions dollars per year to just improve quality of there services and search terms.

    Even Larry page said Google will take this world on next level within couple of years. They are improving very fast. Google future is bright. Bing, Yahoo search engines can't take place of Google.

Posting Permissions

  • You may not post new threads
  • You may not post replies
  • You may not post attachments
  • You may not edit your posts
  •