हरयाणा का नाम डुबो दिया |
एक अखबार ने बिना नाम छापें या खबर दी स , अक लखनु में , कझाखस्तान में होवण आली एशियाई कुस्ती प्रतियोगिता खातर जो केम्प लाग्र्या था , उह में एक कोच , जो की हरयाणा का था , ने उह्की पहलवान शिष्या ,वा भी हरयाणा की थी , के कमरे में बड के ने धिन्ग्ताना करण की कोशिश करी | छोरी के रोला मचाएं पाछे दूसरी पहलवान छोरियां ने आ के ने वो भजाया | वो कोच परतियोगिता में जावण आले दस्ते माह तें काढ दिया स, अर उह घटना की जांच अजय माकन करवाण लाग्र्या स |
पहली बात ते या स अक जा बात साची स ते उह गुरु ने भोत भुंडा काम करया स , जिह के कारण उह छोरी के भविष्य और वर्तमान खराब हो सके थे | गुरु बाप तें भी बाध होया करे , अर इह बन्दे ने नामाफी जोगा काम करया स | हो सके ते समाज ने इह ताहीं घणी भुंडी सजा देणी चाहिए | अर जा समाज तें , अर कानून तें बच जा , ते उह छोरी के घराल्याँ ने ते वो कती नि छोड़णा चाहिए |
इह घटना का एक और पख हो सके स | कई बे छोरी फेदा ठाण खातर पहलम ते खुद इह ढाल की हर्कत्याँ पे ( अडवानस्स )किम्मे ना बोलें, अर जब काम लिकड़ जा ते आगले ने फंशा भी सकें सें | जिह की भी गलती स , उह तें पहली नजर में ते खेल बदनाम होया स , अर दुसरा , भले घर आले आपणी छोरियां ने इह ढाल के गुरु के भरोशे छोडें कोणी |
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