सूत्र को पसंद करने वाले भाइयो को मेरा धन्यवाद
उम्मीद है आपका सहयोग आगे भी इसी तरह मिलता रहेगा
सूत्र को पसंद करने वाले भाइयो को मेरा धन्यवाद
उम्मीद है आपका सहयोग आगे भी इसी तरह मिलता रहेगा
सुनो गौर तै आज सुनाऊ कथा म्हारी घर आली की ,
मशीन बना के धर राखी हम नै म्हारी घर आली की !
तडके उठ बेचारी व तै सबकी टहल बजावे सै
जब होवे सै टेम स्कूल का बालकां नै नुहावे सै
... दूजे पासे चा चड़ा राखी न्युने भी लखावै सै
सांग कसुता काढ राख्या सै हम नै माहरी घर आली का !
जद पानी का टेम होया करे तै पानी भी भरया करे
पानी भरे और गेल्यान कपडे भी धोया करे
दिन भर वा चले मशीन ज्यू ना रात नै भी सोया करे
फेर भी घर की मालिक नाम धरया माहरी आली का
बेचारी नै दो घडी खाट पै बैठन का उसान नही सै
माँ कहरी सै तनै इब तक बुहारया ठान नही सै
बापू कहरया तनै न क्यान्हे की भी जाण नही सै
छोरा भी उड़ान लग गया मखोल माहरी घर आली का
सर ऊपर धरया भरोटा गाळ कड़ी बतलावे सै
साथन अपनी नै दुःख सुख की बतावे सै
तार ते भरोटा सर तै पानी भैन्सां नै भी प्यावे सै
इस मीठी मीठी नोंक झोंक मैं भाइयो जी लाग गया माहरी घर आली का
Last edited by sombirnaamdev; September 30th, 2012 at 11:35 PM.
amit_sheoran (October 14th, 2012), jaatdesi (November 9th, 2012), Mishti (October 14th, 2012), ravinderjeet (October 14th, 2012), rskankara (January 13th, 2013), sukhbirhooda (February 10th, 2013), Sure (October 3rd, 2012)
आंख्यां के मांह आँख घाल के देख बेरा सब पाट ज्यागा !
खोट करया जूनसे नै कुण सा आज नाट ज्यागा !!
याद तन्नै इब कोण करादे दिन पाछले जो हंस खेल के बिताये,
इब कोण इसा पाग्या जो हां एक दम तै दिए तन्नै भुलाये ,
एक दम तै हम ने भूलगी बैरन कर दिए जम्मा पराये ,
ठंडी सी हवा को झोका कोए याद पुराणी तै आँट ज्यागा !
किस्ती कह्द्यून दर्द आपणे कोए यार ना रह्या ,
यो दर्द जुदाई आला तै इब जाता ना सह्या ,
जान मरण मैं आग़ी मेरी कती फंदे मैं फहया ,
टुकड़े टुकड़े हो गया कालजा बता इसने कुण सा आज सांट ज्याग्या !
मरे होए कै के मारे बैरन मैं तो पहल्यां ऐ मरया धरया सूं,
कड़े महंगा मोती था मैं आज तनै जम्मा कोडी दाम करया सूं ,
तेरे पाछे लाग के बैरन बिन आयी मौत मरया सूं,
या बनी खता दोनुआ पै मैं देखूं कोण सा आज नाट ज्यागा !
तेरी बाट मैं बैठ्या दिल हर दम भितरते रोये जा सै ,
ना आस आण की तेरी फेर भी यो तन्नै ही टोहे जा सै ,
मैं जागूं रातया नै तू सुख की नींद सोये जा सै ,
इसा कुसा ना लिए जाण''''' नामदेव नै'''' जो थुक के फेर चाट ज्यागा !
लेखक सोमबीर सिंह सरोया
mob no 9321083377
amit_sheoran (October 14th, 2012), jaatdesi (November 9th, 2012), ravinderjeet (October 14th, 2012), rskankara (January 13th, 2013), sukhbirhooda (February 10th, 2013)
sombirnaamdev (October 22nd, 2012), sukhbirhooda (February 10th, 2013)
सूत्र को पसंद करने और पढ़ने के लिए सभी जाटलैंड सदस्यों का धन्यवाद ,
सोमबीर सिंह सरोया की तरफ से
तेरी भोली भोली सूरत मेरे कालजे के मंह खटके सै
तेरे प्यार का मारया यो मेरा कालजा भटके सै !
जिस दिन नजर पड़ी मैं तेरा होके रहग्या ,
हांडू सुं दिन रात तेरे पाछे ना क्याहें जोगा रह्ग्या
दो घडी आ बैठ पास मेरे क्यों धोरे खड़ी मटकै सै !
तेरा ही ख्याल रहे जा सै हरदम ना चित तै दूर होरी तू
प्रेम प्यार तै बोल बावली क्यों बीज बीघन के बोरी तू
आख्या आली तेग कटारी मेरी घेटी ऊपर लटके सै !
काला सूट गाड के चाली जणू नागिन सी चाले सै
इस घूँघट भीतर जणू कई तुफानां नै पाले सै
कमर के ऊपर काली चोटी नागिन की जूं लटके सै !
देख के मस्तानी चाल तेरी मेरा हाल दूसरा हो ज्यागा
तेरी गैल लाग के बैरन मेरा घर के मन सही गुजारा हो ज्यागा
उस ''' डाया आले "" की बाह पकड़ ले क्यों जगाह जगाह पै भटके सै
लेखक ......सोमबीर """".नामदेव''''
गाँव...... डाया
जिला...... हिसार ( हरियाणा )
मोब नो. .....9321083377
amit_sheoran (November 2nd, 2012), desijat (November 2nd, 2012), jaatdesi (November 9th, 2012), ravinderjeet (November 3rd, 2012), rskankara (January 13th, 2013), sukhbirhooda (February 10th, 2013)
जुल्फों की कैद से अपनी मुझको आजादी दे दे
प्यार वाली उम्र कैद से तू मुझ को छुटकारा दे दे!
अपने इन हाथों से दबाकर गला मेरा आज
ता उम्र के ग़मों से मेरे तू दूर किनारा कर दें
जो हो सके हंस के बोल दो मीठे बोल
वरना छोड़ के दिलासों को सीधा सा जवाब करार दे दे !
धकेल दे जहन्नुम में तू साथी आज मुझको
या ले कर साथ अपने ...जन्नत का तू नजारा दे दे !
इरादा क्या है तेरा ना मालूम मुझे
कुछ तो अपने इरादों का इशारा दे दे !
ना कर अपंग इश्क को जुदाई की मार से
टूटे हुए इस दिल को ऐ ''' नामदेव ''' तू सहारा दे दे
सोमबीर सिंह सरोया
गाँव ...डाया .जिला .....हिस्सार ( हरियाणा )
मोब न .,,, 9321083377
jaatdesi (November 9th, 2012), rskankara (January 13th, 2013), sukhbirhooda (February 10th, 2013)
बस राहन दे दरदां नै क्यूँ और उखाड़े सै ,
जुदाई आली आग मैं क्यूँ फेर तै साडे सै
किम्मे याद कर मरजानी तू मेरी बफावाँ नै
क्यूकर बिसार मैं द्यूं तेरी जफावाँ नै
मेरे प्यार आली ठंडी गरम हवावां नै
पड़ी राहन दे पड़ी दबी किताबां नै क्यूँ धुल नै झाडे सै !
हो ली सै हद भतेरी एतबार और के होवे सै
एक दिन मैं भी रोया था आज क्यों पड़ के पाहयाँ रोवै सै
सब कुछ अपने हाथ खो के मन्ने कित टोहवे सै
जिस की गैल चली गयी थी क्यों उसकी राह मैं कांटे बोवे सै
जिसके जी जो आव वो कहके आज चालज्या
नहीं जखम की कोई दावा ज्यू फोड़े मे खाज चाल्ज्या
काढ के ख्याल दिल तै मेरा घर अपने आज चाल्ज्या
मन्ने मरे होए नै तू क्यूँ आके ज्यादा और सतावे सै !
तू तै बेशक भूल बिसरगी पर मैं ना भूल पाया
सपनेया आली सेज मैं आज तक मै ना झूल पाया
तेरे प्यार आले नशे मैं ना कड़े आज तलक टूल पाया
सँभाल के धरे हुए ख़त ''''नामदेव ''' आज क्यूँ अपने हाथां तै फाड़े सै
सोमबीर सिंह सरोया
गाँव ...डाया
जिला .....हिस्सार ( हरियाणा )
मोब न .,,, 9321083377
jaatdesi (November 9th, 2012), ravinderjeet (November 9th, 2012), rskankara (January 13th, 2013), sukhbirhooda (February 10th, 2013)
सूत्र को पसंद करने वाले भाइयो को मेरा धन्यवाद
उम्मीद है आपका सहयोग आगे भी इसी तरह मिलता रहेगा
आँखों से आँखे एक बार तू मिला तो सही
जाम आँखों से एक बार मस्ती के तू पिला तो सही !
ये दिल मिलकियत है सिर्फ तुम्हारी
हक इसपे अपना तू जाता तो सही !
तुझको पाने की कोशिश है मैंने दिन रात
पहुंचा हूँ कहा तक इतना मुझको बता तो सही !
क्या छुपा है ऐसा इस दीवानगी में मेरी
बात इतनी समझने को एक बार नजरें मिला तो सही !
तेरे लिए लड़ जाऊंगा पूरी दुनिया से मैं
तू भी तो मेरे साथ आने का हौसला दिखा तो सही !
भूल जाऊंगा दुनिया के सारे गमो सितम
अपना तू मुझको एक बार बना तो सही !
खो जायेगा इन आँखों की गहराई में सदा के लिए
बना के सुरमा तू इस ''' नामदेव '''को आँखों में लगा तो सही !
सोमबीर '''नामदेव '''
मोब नो .9321083377
ravinderjeet (December 29th, 2012), rskankara (January 13th, 2013), sukhbirhooda (February 10th, 2013)
तू नु बता तेरे गेली आन ते मैं नाट्या भी कद था !
आर तू ना आयी तेरे जीसियां का भी मन्ने घाटा भी कद था !!
तू के सोचे दुनिया मैं एक तू ऐ तू बसरी है !
तू ना मिली तो मेरे कोन्सी फसरी है !!
एकला भाजु तेरे पाछे के इसमें के मेरी मजबूरी है !
मेरे बिन तू रह्लेगी ते मेरे कोन्सी जरूरी है !!
रल मिल के नै काम बने ना एक की तान चलै छोरी !
... एकला हाथ नै कोए काम का रल मिल के हाथ धुलै छोरी !!
यो '''डायेवाला '''तनै समझा रह्या से मत खोटी नीयत करे रानी !
छोड़ के प्यार मेरा क्यों बिन आयी मौत मरे रानी !!
सोमबीर '''नामदेव '''
गाँव डाया ... जिला हिस्सार ( हरियाणा )
rskankara (January 13th, 2013), sukhbirhooda (February 10th, 2013)
हरदम तेरे गेल लगया रहूँ तू इसी कितनी क सुथरी सै !
दिन रात खोया रहू तेरे सुपनेयाँ तू के हुर सुरग ते उतरी सै !!
जा तू बेशक ते छोड़ मनै पर बता तू के चाहवे सै !
इतनी कीमती भी ना से तू जितनी भाव खावे सै !!
...
जितना दूर तू छोड़ के मन्नै जावेगी !
उसते कई गुना परे मन्नै खड्या आप ते पावेगी !!
प्रेम प्यार ते बावली क्यों दुनिया सर पे उठारी सै
बिन तेरे बता इस ''''डायेआले ''' के कुनसी फांसी आरी सै
sombir naamdev
9321083377
rskankara (January 13th, 2013), sivach (January 15th, 2013), sukhbirhooda (February 10th, 2013)
के बताऊँ यारो के हाल सै मेरा
इस मंहगाई के मारे बुरा हाल सै मेरा
तेल की मंहगाई तो मार के छोड़ेगी
आर सोनिया माई भारत ने इटली भेज के छोड़ेगी
...
मनमोहन नाम का एक सरदार पाल लिया हमने
गल मैं स्यापा अपने आप घाल लिया हमने
क्यां का सरदार बता सरदार के इसा होवे सै
... सरदार के आगे तो सारी दुनिया पानी ढ़ोवे सै
इस सरदार ने तो सरदारी के बट्टा ला दिया
मुह तै बोलन की बजाय मुह कै ताला ल लिया
दिगी आर शिंदे जिसे कुत्त्याँ आगे टुक के गेर दिया
हमने ऐ आपने घर के अन्दर घेर लिया
रामदेव बिचारे की चालन कोणी देवे
अन्ना ने अनशन पे उठन कोणी देवे
के करले एकला नरेंदर मोदी
भाजपा की साख गडकरी ने खोदी
केजरी वाल तो बिचारा लड़े भी घना सै
ऐकले पे ना फुटे भाड़ बिचारा कल्ला चना सै
यो नामदेव कुन्सा इन कसाई यां नै एकला फस गया
महंगाई आला नाग तो सब नै बराबर डस ग्या
सोमबीर नामदेव ( हरियाने आला )
इस कांग्रेस नै बारह साल में रेल मंत्रालया थ्यागा
भाड़े बधान का सुनहरी मोका हाथ लाग्या
महंगाई की मारी जनता पहले ऐ घनी कूके थी
फेर भी या जालिम सरकार मौका क्याने चुके थी
तेल में पांच रपिये बढ़ा के दो कम कर दिए
जनता पै तरस खान के सो सो स्यान धर दिए
घोटाले बाज मंत्री तो घने घने पाल लिए
इमानदार के सर के ऊपर लाखों इलज़ाम धर दिए
नामदेव कद तक बचेगा इस महंगाई की मार तै
जद कोई ना लड़ सक्या इस इटली आली माई की सरकार तै
सोमबीर नामदेव
9321083377
sivach (February 10th, 2013), sukhbirhooda (February 10th, 2013)
जै आशिक के हाथ लिखनी अपनी तकदीर होंदी
ना राँझा कदे पागल होंदा ना कदे बेवफा हीर होंदी !
जै लेखां तै आशिक लड़ सकदे
उस खुद आली खुदाई मैं बड़ सकदे
अपने हाथ तकदीर अपनी घड सकदे
ना लैला तरसती मजनू नै ना मजनू की माडी तकदीर होंदी
जै प्रेमी लड़ सकदे दुनिया आलेयाँ तै
जै लैला लड़ सकदी घर आलेयाँ तै
हर आशिक टकरा जाता जुदा करण आलेयाँ तै
ना किसे साहिबा नै फेर किसे मिरजे के तोड़ना तीर होंदी !
जै होंदा इनके हाथ मैं तो ना प्रेमी दूर कदे होंदा
जिस श्याम नै तरसी राधा ना वो श्याम दूर कदे होंदा
इस प्रेम की मारी मीरा नै ना पीना जहर कदे होंदा
प्रेम धुन में बावरी राधा बैठी कदे उस जमना जी के तीर होंदी
कितने आशिक दुनिया नै जुदा कर दिए
कितने महबूब इसक मैं माशूक नै खुदा कर दिए
कित्नेयाँ नै प्रेम के कर्जे देकर जान अदा कर दिए
ना दर दर खाक छानता ''''डायेआला ''' तू भी ना फ़क़ीर होंदी
लेखक-; सोमबीर ''''नामदेव ''''डायेआला
sivach (April 8th, 2013)
जो आज मेरी हर बात तन्ने डी डी वन बरगी लागे सै !
कोए बात नही तू भी ते मन्ने उजड़े चमन बरगी लागे सै !!
के हो गया जो आज हम पराये तेरी नजरान में होगे
तू भी ते आज हमने एक बेवफा सनम बरगी लागे सै !
लाख करी कोशिश मिलन की मन्ने तेरे ते फेर भी
तेरी मेरी कहानी फिर ते लिलो चमन बरगी लागे सै !
जाग चुक्या सुं मैं धोखे आली गहरी नींद ते आज
तू आज भी भीतर में पाले हुए बहम बरगी लागे सै !
'''डाये आले '' के ठीक बखत पे अक्ल ला दी तन्ने
जो तेरी बेवफाई भी आज खुदा के रहम बरगी लागे सै !
#सोमबीरनामदेव
र सुनले गंडासे क्यू मेरे जी नै कर दिये रासे
देख के तेरे रूप ने बैरन मेरे उल्टे पड़ गे पासे
तेरे चक्कर मे पडके बदनाम कत्ती हाम होगे
तन्ने दो कोडी के कर दिये मानस थे कत्ती खासे
आन के दरदा आली दुकान तन्ने म्हारी खुला दी
रोना लिख दिया किस्मत मंह कई साल बीत गे हांसे
साफ बता दे बैरन जो भीतर ले के मंह लेरी सै
नामदेव तेरे आगे साफ खड़या सै तू इब भी देरी झांसे
बड़ी दूर सै किनारा तू कोए यार सहारा कर ले नै
नफरत म्ह के पड्या मन्नै जी ते प्यारा करले नै
दुःख सुख का साथी भी कोए होना बहुत जरुरी सै
भूल दुनिया दारी एक दूजे मैं खोना बहुत जरुरी सै
आके यार कि बाहाँ मैं दुनिया तै दूर किनारा करले नै
जो देखेगा राह तेरी तन्ने हमसफ़र तू कदे चाहवेगी
उस मोड़ पे खड़ी हो भला फेर कुणसी और लखावेगी
तू भी तै गैल मेरी आज बखत का इशारा समझले नै
सीधा साधा यो ''नामदेव '' तेरा हरदम ख्याल करेगा
नही आण दे गम नै पास तेरे ख़ुशीया तै झोली भरेगा
ना कर इब वार घनी हाँ का छोटा सा हुंगारा भरले नै
सोमबीर ''नामदेव ''