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Thread: आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया

  1. #1

    आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया

    आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया

    सारे लाहणे वो पल मै तार गया
    आपणी लाडो के चा पुगाणे मन मै मार गया
    पैरा मै रुल्गी पगड़ी अर इज्जत तार तार
    आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया

    दोस्तो या कविता सै तार तार होंदे आज के रिश्त्या पै . नोजवान तो गलती कर एक कनै हो ज्या सै पर माँ बाप पै उस गलती की के बीतै या कती नी सोचदे . इसे ही कुछ सवाल लेके पेश है या कविता ''आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया ''

    आपणी इज्जत की गेल खुभैत कररया सै
    ताऊ सुरता आज पंचैत कररया सै
    थ्याई माणसां तै भर री सै
    अर खाट भी चर्चा कर री सै
    खड्या हो कै एक पंचायती बोल्या
    अर पंचायती रोले का राज खोल्या
    ताऊ सुरता की छोरी रामफल गेल भाजगी
    जिसतै म्हारे सारे गाम की इज्जत लाजगी
    पंचैत मै खुसर फुसर चाल पड़ी
    सारया की खंडके बंधी नाड़ हाल पड़ी
    एक बोल्या फेर इसमे रामफल का के खोट सै
    ताड़ी एक हाथ ना बजती दोनुवा की ज़ोट सै
    दूसरा बोल्या फेर दोनुवा नै मजा चखा दयो
    गाम के रिश्ते के हो सै दोनुवा नै बता दयो
    फेर एक और खड्या होलिया
    अपणे सिर पै तै तार कै तोलिया
    बोल्या दोनुवा नै मारे पाछै कुणसा सुख हो ज्यागा
    एकला छोरा सै रामफल माँ बाप नै दुख हो ज्यागा
    सुरता बोल्या एकला सै तो मनै के आंट सै
    लागै सै छोरे इसमै तेरी भी सांट गांठ सै
    छोरा बोल्या ताऊ सांट गांठ तो तेरी छोरी करगी
    जो तेरे खंडके नै अर मुछा नै छात पै धरगी
    तू जद नी बोल्या जद ओ रामफल यार बणाया
    गाम की गाम मै तेरी छोरी नै भरतार बणाया
    सुरता का रंग लाल होगया
    अर पंचायत मै बवाल होगया
    लोग एक दुसरे की आँख्यां मै देख देखकै हाँसै थे
    बात बात पै हुंगारे भर भरकै खांसै थे
    ताऊ सुरता उनकी हरकता नै खूब पीछानै था
    एक एक आदमी की ओकात नै आछी तरियां जानै था
    रै ये वाए लोग थे जो कदे उसका झूठा खाया करदे
    बोलणा तो दूर की बात कदे नाड़ नी ठाया करदे
    आज भरी पंचैत मै इज्जत की बिरान माटी होरी थी
    किस तै कहंदा सुरता करण आली खुद की छोरी थी

    रै व़ा छोरी जिस के कहणे ओ पल मै पुगाये करदा
    गेल रोंदा गेल हासदा अर गेल्याए गाये करदा
    मासूम सी दिखण आली छोरी आज सारा कीमे उजाड़गी
    बचपन मै मुछां तै खेलण आली आज उननै जड़ तैए पाड़गी
    फेर एक छोरा बोल्या ताऊ कयूँ इतना कठ कर रया सै
    अर सबर कर ले इसे मै कयूँ गात का मठ कर रया सै
    सुरता पंचैत कानी लखाया
    पर उसका हिमायती कोए नी पाया
    खड्या होकै बोल्या रै क्यूकर सबर कर लयू
    इस तै आछा तो कुए मै पड़ कै म़र लयू
    रै बियाह तै तीन दिन पहलया जिस की छोरी चली जा सै
    उस बाप की पगड़ी सारे बाजार छली जा सै
    रै के इसे दिन खातर लोग छोरियां नै चाहवै सै
    सयाणे सै वै लोग जो छोरीया नै पेट मै मरवावै सै
    जे मै भी आपणी छोरी नै पेट मै मरवा खडदा
    तो यू दिन मनै कदे भी नी देखना पड़दा
    रै व़ा के छोरी जो अपणे बाप की पगड़ी नै रुलवा दे
    अपणे गाम की चोगरदे नै हाँसी करवा दे
    ना सूरते न्यू रामफल का बाप बोल्या
    अर खंगार कर कै आपणा सूखा गला छोल्या
    रै पेट मै मारे तै यो रोला नी झुकया करदा
    बाल पाडे तै कदे मुर्दा का वजन नी मुकया करदा
    रै गलती आपणी ए सै आप बालका नै नी सीखा पाए
    अर सही संस्कारा का उन नै रह नी दिखा पाए
    एकला सै तो के होया मै घर मै नी बड़ण द्यूंगा
    रामफल अर उस छोरी नै बार नै नी खडण द्यूंगा
    सुरता बोल्या रै मेरा इतने मै क्यूकर सर ज्यागा
    मनै तो जिब सबर आवै जद तेरा छोरा मर ज्यागा
    रै आये बेठे रिश्तेदारा तै मै के मुह दिखाउंगा
    जिस दिन थयागे मै दोनुवा नै पाणी पियाउंगा
    थयाई मै चोगरदे नै सी सा सुप थी
    इस बात पै पूरी पंचैत चुप थी
    फेर बोल्या सुन ल्यो ए जे कोए छोरी सुणदी हो
    आपणे बाप की रे रे माटी करण के सपने बुणदी हो
    जिन्दे जी आपणी खुशिया कै आग ना लायीयो
    अर आपणे बाप की पगड़ी कै कदे दाग ना लायीयो
    या बड़ बड़ करदा सुरता घर नै चाल पड्या
    सुण कै उसकी बात सारया का कालजा हाल पड्या
    आगले दिन बखत सारे गाम की हासी खा गया
    ताऊ सुरता घरा जांदे रात ए नै फासी खा गया
    बेचारा सुरता बस इतने मै ए सार गया
    अक आज एक बाप आपणी बेटी तै हार गया

    copy paste from FB -
    पटबीज़णा
    चालना राही का, चाहे फेर क्यूं ना हो । बैठना भाइयाँ का, चाहे बैर क्यूं ना हो ।।




  2. The Following 16 Users Say Thank You to kuldeeppunia25 For This Useful Post:

    Arveend (June 23rd, 2012), deshi-jat (June 23rd, 2012), DrRajpalSingh (July 9th, 2012), JSRana (June 23rd, 2012), narenderkharb (June 23rd, 2012), narvir (June 23rd, 2012), rana1 (June 23rd, 2012), ravinderjeet (July 10th, 2012), reenu (June 25th, 2012), SandeepSirohi (October 16th, 2012), sanjeev_balyan (June 23rd, 2012), satyenderdeswal (June 23rd, 2012), sukhbirhooda (June 25th, 2012), sunillore (June 23rd, 2012), Sure (July 10th, 2012), vikasJAT (July 10th, 2012)

  3. #2
    Quote Originally Posted by kuldeeppunia25 View Post
    आज -----------
    पटबीज़णा
    कुलदीप भाई ,
    माहरे कुछ मेंबरा (देखता ही होगा रोज)
    पे ना तो पढ़ी जा या और न समझ मे आवे ,
    उन खातेर इसने अङ्ग्रेज़ी मे अनुवाद कर के बता
    The never-ending task : Self Improvement

  4. The Following User Says Thank You to sanjeev_balyan For This Useful Post:

    premsukhdidel (June 23rd, 2012)

  5. #3
    Very good and inspiring poem , Thanks for sharing.
    Jatt mauja karda e, rab re thod koi na rakhin

  6. #4
    भाई कुलदीप, तेरी कविता पढ़के
    मन बोझिल होगया,
    जाणे अंजाणे, सुरते के दुःख में शामिल होगया !
    कहानी या जाणी पिछानी से,
    या ते चेत जाओ , नहीं ते या मुशीबत काईयाँ पे और आणी से !
    बहुत अच्छा लिख्या भाई ! शाबाश , लाग्या रह!

    सत्यपाल

  7. The Following 6 Users Say Thank You to spdeshwal For This Useful Post:

    narenderkharb (June 23rd, 2012), rana1 (June 23rd, 2012), ravinderjeet (July 10th, 2012), reenu (June 25th, 2012), sukhbirhooda (June 25th, 2012), Sure (July 10th, 2012)

  8. #5
    भाई कुलदीप, बहुत मर्मदायक कविता काढ कै लाया | पढ़ते पढ़ते सूरते के साथ अपना मन भी उदास होगया |
    Remember, we all stumble, every one of us.
    That's why it's a comfort to go hand in hand.
    :D

  9. The Following 2 Users Say Thank You to JSRana For This Useful Post:

    ravinderjeet (July 10th, 2012), Sure (July 10th, 2012)

  10. #6
    भाई बहुत बढिया कविता है ..............!!
    .
    Arvind Dahiya: A positive thought

  11. #7
    tragic !!!!!!!!!!!!!!!

    but why it is based on a gal

    as mentioned in few lines- tali dono hath se bajti hai

    what about that guy

    but yar kuch bhi hai - so sad






    Quote Originally Posted by kuldeeppunia25 View Post
    आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया

    सारे लाहणे वो पल मै तार गया
    आपणी लाडो के चा पुगाणे मन मै मार गया
    पैरा मै रुल्गी पगड़ी अर इज्जत तार तार
    आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया

    दोस्तो या कविता सै तार तार होंदे आज के रिश्त्या पै . नोजवान तो गलती कर एक कनै हो ज्या सै पर माँ बाप पै उस गलती की के बीतै या कती नी सोचदे . इसे ही कुछ सवाल लेके पेश है या कविता ''आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया ''

    आपणी इज्जत की गेल खुभैत कररया सै
    ताऊ सुरता आज पंचैत कररया सै
    थ्याई माणसां तै भर री सै
    अर खाट भी चर्चा कर री सै
    खड्या हो कै एक पंचायती बोल्या
    अर पंचायती रोले का राज खोल्या
    ताऊ सुरता की छोरी रामफल गेल भाजगी
    जिसतै म्हारे सारे गाम की इज्जत लाजगी
    पंचैत मै खुसर फुसर चाल पड़ी
    सारया की खंडके बंधी नाड़ हाल पड़ी
    एक बोल्या फेर इसमे रामफल का के खोट सै
    ताड़ी एक हाथ ना बजती दोनुवा की ज़ोट सै
    दूसरा बोल्या फेर दोनुवा नै मजा चखा दयो
    गाम के रिश्ते के हो सै दोनुवा नै बता दयो
    फेर एक और खड्या होलिया
    अपणे सिर पै तै तार कै तोलिया
    बोल्या दोनुवा नै मारे पाछै कुणसा सुख हो ज्यागा
    एकला छोरा सै रामफल माँ बाप नै दुख हो ज्यागा
    सुरता बोल्या एकला सै तो मनै के आंट सै
    लागै सै छोरे इसमै तेरी भी सांट गांठ सै
    छोरा बोल्या ताऊ सांट गांठ तो तेरी छोरी करगी
    जो तेरे खंडके नै अर मुछा नै छात पै धरगी
    तू जद नी बोल्या जद ओ रामफल यार बणाया
    गाम की गाम मै तेरी छोरी नै भरतार बणाया
    सुरता का रंग लाल होगया
    अर पंचायत मै बवाल होगया
    लोग एक दुसरे की आँख्यां मै देख देखकै हाँसै थे
    बात बात पै हुंगारे भर भरकै खांसै थे
    ताऊ सुरता उनकी हरकता नै खूब पीछानै था
    एक एक आदमी की ओकात नै आछी तरियां जानै था
    रै ये वाए लोग थे जो कदे उसका झूठा खाया करदे
    बोलणा तो दूर की बात कदे नाड़ नी ठाया करदे
    आज भरी पंचैत मै इज्जत की बिरान माटी होरी थी
    किस तै कहंदा सुरता करण आली खुद की छोरी थी

    रै व़ा छोरी जिस के कहणे ओ पल मै पुगाये करदा
    गेल रोंदा गेल हासदा अर गेल्याए गाये करदा
    मासूम सी दिखण आली छोरी आज सारा कीमे उजाड़गी
    बचपन मै मुछां तै खेलण आली आज उननै जड़ तैए पाड़गी
    फेर एक छोरा बोल्या ताऊ कयूँ इतना कठ कर रया सै
    अर सबर कर ले इसे मै कयूँ गात का मठ कर रया सै
    सुरता पंचैत कानी लखाया
    पर उसका हिमायती कोए नी पाया
    खड्या होकै बोल्या रै क्यूकर सबर कर लयू
    इस तै आछा तो कुए मै पड़ कै म़र लयू
    रै बियाह तै तीन दिन पहलया जिस की छोरी चली जा सै
    उस बाप की पगड़ी सारे बाजार छली जा सै
    रै के इसे दिन खातर लोग छोरियां नै चाहवै सै
    सयाणे सै वै लोग जो छोरीया नै पेट मै मरवावै सै
    जे मै भी आपणी छोरी नै पेट मै मरवा खडदा
    तो यू दिन मनै कदे भी नी देखना पड़दा
    रै व़ा के छोरी जो अपणे बाप की पगड़ी नै रुलवा दे
    अपणे गाम की चोगरदे नै हाँसी करवा दे
    ना सूरते न्यू रामफल का बाप बोल्या
    अर खंगार कर कै आपणा सूखा गला छोल्या
    रै पेट मै मारे तै यो रोला नी झुकया करदा
    बाल पाडे तै कदे मुर्दा का वजन नी मुकया करदा
    रै गलती आपणी ए सै आप बालका नै नी सीखा पाए
    अर सही संस्कारा का उन नै रह नी दिखा पाए
    एकला सै तो के होया मै घर मै नी बड़ण द्यूंगा
    रामफल अर उस छोरी नै बार नै नी खडण द्यूंगा
    सुरता बोल्या रै मेरा इतने मै क्यूकर सर ज्यागा
    मनै तो जिब सबर आवै जद तेरा छोरा मर ज्यागा
    रै आये बेठे रिश्तेदारा तै मै के मुह दिखाउंगा
    जिस दिन थयागे मै दोनुवा नै पाणी पियाउंगा
    थयाई मै चोगरदे नै सी सा सुप थी
    इस बात पै पूरी पंचैत चुप थी
    फेर बोल्या सुन ल्यो ए जे कोए छोरी सुणदी हो
    आपणे बाप की रे रे माटी करण के सपने बुणदी हो
    जिन्दे जी आपणी खुशिया कै आग ना लायीयो
    अर आपणे बाप की पगड़ी कै कदे दाग ना लायीयो
    या बड़ बड़ करदा सुरता घर नै चाल पड्या
    सुण कै उसकी बात सारया का कालजा हाल पड्या
    आगले दिन बखत सारे गाम की हासी खा गया
    ताऊ सुरता घरा जांदे रात ए नै फासी खा गया
    बेचारा सुरता बस इतने मै ए सार गया
    अक आज एक बाप आपणी बेटी तै हार गया

    copy paste from FB -
    पटबीज़णा

  12. #8
    Truly heart touching but is this is the solution, i just know one thing if its abt me then also its the same result but the question remains same why , may be because i live in a society where many of jat married inter caste or because i live with liberal thoughts but truth will not change im Jat by Blood if its with me then i also choose same but cant say y my heart not fully agreed with my decision and feel the moment when u have a weapon in your hands, stained with blood of ur own daughter or Son and just try to feel their face in front of your eyes is this really that much easier. please those who like it also think abt that its not a request its just a statement of a person who is also a father may b that can solve problem of both Surta and his daughter

  13. #9
    Quote Originally Posted by kuldeeppunia25 View Post
    आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया

    सारे लाहणे वो पल मै तार गया
    आपणी लाडो के चा पुगाणे मन मै मार गया
    पैरा मै रुल्गी पगड़ी अर इज्जत तार तार
    आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया

    दोस्तो या कविता सै तार तार होंदे आज के रिश्त्या पै . नोजवान तो गलती कर एक कनै हो ज्या सै पर माँ बाप पै उस गलती की के बीतै या कती नी सोचदे . इसे ही कुछ सवाल लेके पेश है या कविता ''आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया ''

    आपणी इज्जत की गेल खुभैत कररया सै
    ताऊ सुरता आज पंचैत कररया सै
    थ्याई माणसां तै भर री सै
    अर खाट भी चर्चा कर री सै
    खड्या हो कै एक पंचायती बोल्या
    अर पंचायती रोले का राज खोल्या
    ताऊ सुरता की छोरी रामफल गेल भाजगी
    जिसतै म्हारे सारे गाम की इज्जत लाजगी
    पंचैत मै खुसर फुसर चाल पड़ी
    सारया की खंडके बंधी नाड़ हाल पड़ी
    एक बोल्या फेर इसमे रामफल का के खोट सै
    ताड़ी एक हाथ ना बजती दोनुवा की ज़ोट सै
    दूसरा बोल्या फेर दोनुवा नै मजा चखा दयो
    गाम के रिश्ते के हो सै दोनुवा नै बता दयो
    फेर एक और खड्या होलिया
    अपणे सिर पै तै तार कै तोलिया
    बोल्या दोनुवा नै मारे पाछै कुणसा सुख हो ज्यागा
    एकला छोरा सै रामफल माँ बाप नै दुख हो ज्यागा
    सुरता बोल्या एकला सै तो मनै के आंट सै
    लागै सै छोरे इसमै तेरी भी सांट गांठ सै
    छोरा बोल्या ताऊ सांट गांठ तो तेरी छोरी करगी
    जो तेरे खंडके नै अर मुछा नै छात पै धरगी
    तू जद नी बोल्या जद ओ रामफल यार बणाया
    गाम की गाम मै तेरी छोरी नै भरतार बणाया
    सुरता का रंग लाल होगया
    अर पंचायत मै बवाल होगया
    लोग एक दुसरे की आँख्यां मै देख देखकै हाँसै थे
    बात बात पै हुंगारे भर भरकै खांसै थे
    ताऊ सुरता उनकी हरकता नै खूब पीछानै था
    एक एक आदमी की ओकात नै आछी तरियां जानै था
    रै ये वाए लोग थे जो कदे उसका झूठा खाया करदे
    बोलणा तो दूर की बात कदे नाड़ नी ठाया करदे
    आज भरी पंचैत मै इज्जत की बिरान माटी होरी थी
    किस तै कहंदा सुरता करण आली खुद की छोरी थी

    रै व़ा छोरी जिस के कहणे ओ पल मै पुगाये करदा
    गेल रोंदा गेल हासदा अर गेल्याए गाये करदा
    मासूम सी दिखण आली छोरी आज सारा कीमे उजाड़गी
    बचपन मै मुछां तै खेलण आली आज उननै जड़ तैए पाड़गी
    फेर एक छोरा बोल्या ताऊ कयूँ इतना कठ कर रया सै
    अर सबर कर ले इसे मै कयूँ गात का मठ कर रया सै
    सुरता पंचैत कानी लखाया
    पर उसका हिमायती कोए नी पाया
    खड्या होकै बोल्या रै क्यूकर सबर कर लयू
    इस तै आछा तो कुए मै पड़ कै म़र लयू
    रै बियाह तै तीन दिन पहलया जिस की छोरी चली जा सै
    उस बाप की पगड़ी सारे बाजार छली जा सै
    रै के इसे दिन खातर लोग छोरियां नै चाहवै सै
    सयाणे सै वै लोग जो छोरीया नै पेट मै मरवावै सै
    जे मै भी आपणी छोरी नै पेट मै मरवा खडदा
    तो यू दिन मनै कदे भी नी देखना पड़दा
    रै व़ा के छोरी जो अपणे बाप की पगड़ी नै रुलवा दे
    अपणे गाम की चोगरदे नै हाँसी करवा दे
    ना सूरते न्यू रामफल का बाप बोल्या
    अर खंगार कर कै आपणा सूखा गला छोल्या
    रै पेट मै मारे तै यो रोला नी झुकया करदा
    बाल पाडे तै कदे मुर्दा का वजन नी मुकया करदा
    रै गलती आपणी ए सै आप बालका नै नी सीखा पाए
    अर सही संस्कारा का उन नै रह नी दिखा पाए
    एकला सै तो के होया मै घर मै नी बड़ण द्यूंगा
    रामफल अर उस छोरी नै बार नै नी खडण द्यूंगा
    सुरता बोल्या रै मेरा इतने मै क्यूकर सर ज्यागा
    मनै तो जिब सबर आवै जद तेरा छोरा मर ज्यागा
    रै आये बेठे रिश्तेदारा तै मै के मुह दिखाउंगा
    जिस दिन थयागे मै दोनुवा नै पाणी पियाउंगा
    थयाई मै चोगरदे नै सी सा सुप थी
    इस बात पै पूरी पंचैत चुप थी
    फेर बोल्या सुन ल्यो ए जे कोए छोरी सुणदी हो
    आपणे बाप की रे रे माटी करण के सपने बुणदी हो
    जिन्दे जी आपणी खुशिया कै आग ना लायीयो
    अर आपणे बाप की पगड़ी कै कदे दाग ना लायीयो
    या बड़ बड़ करदा सुरता घर नै चाल पड्या
    सुण कै उसकी बात सारया का कालजा हाल पड्या
    आगले दिन बखत सारे गाम की हासी खा गया
    ताऊ सुरता घरा जांदे रात ए नै फासी खा गया
    बेचारा सुरता बस इतने मै ए सार गया
    अक आज एक बाप आपणी बेटी तै हार गया

    copy paste from FB -
    पटबीज़णा
    Really heart rendering tragic , though 'copy paste' yet good selection. Thanks and readers please note carefully the cause and effect relation of the portrait.

  14. #10
    Quote Originally Posted by rekha View Post
    tragic !!!!!!!!!!!!!!!

    but why it is based on a gal

    as mentioned in few lines- tali dono hath se bajti hai

    what about that guy

    but yar kuch bhi hai - so sad
    As a Gal You have a point and I agree with you 90% aise mamlon mein galat Ladka hota hai aur saja ladki walon ko bhugatni padti hai, So Ladki ko atleast ees baat ka aihsas hona chahiye.

    I am with familly of Surta, Padhkar dukh hua, contribution bahut achha laga.
    Last edited by Sure; July 10th, 2012 at 11:07 AM.
    Don't judge each day by the harvest you reap, but by the seeds you plant.
    Everyone in Our life is going to hurt us, sooner or later. But we have to decide. what's more important? The Pain Or The Person.

  15. The Following 2 Users Say Thank You to Sure For This Useful Post:

    JSRana (July 10th, 2012), ravinderjeet (July 10th, 2012)

  16. #11
    thnx for understanding the point i made

    " galat Ladka hota"

    sir g---but sirf ladka kaise galat hota hai

    as per my understanding------both of them at fault equally



    Quote Originally Posted by Sure View Post
    As a Gal You have a point and I agree with you 90% aise mamlon mein galat Ladka hota hai aur saja ladki walon ko bhugatni padti hai, So Ladki ko atleast ees baat ka aihsas hona chahiye.

    I am with familly of Surta, Padhkar dukh hua, contribution bahut achha laga.

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