केंद्रीय नौकरियों में जाट आरक्षण के लिए अलग-अलग संगठनों व बैनर तले उठ रही मांगों के बीच केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह भी इस मामले में सक्रिय हो गए हैं। केंद्र सरकार के सामने इस मामले को उठा चुके अजित भी इसके लिए संवेदनशील व गंभीर आंदोलन की जरूरत तो महसूस कर रहे हैं। लिहाजा उन्होंने जाट बिरादरी की एकजुटता पर जोर दिया है।
केंद्रीय सेवाओं में जाट आरक्षण के सवाल पर अखिल भारतीय जाट मंच के रणवीर सिंह सूप, दादा बलजीत सिंह, सतपाल सिंह व चौधरी ओमप्रकाश मलिक के साथ जाट समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को यहां अजित सिंह से मिलकर उन्हें ज्ञापन दिया। प्रतिनिधिमंडल ने जाट आरक्षण के लिए केंद्र पर दबाव बनाने की उनसे मांग की। अजित सिंह ने कहा कि वह इस मामले को प्रधानमंत्री के सामने रखने के साथ ही केंद्रीय कैबिनेट में भी उठा चुके हैं। फिलहाल सर्वे हो रहा है और मामला राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के विचाराधीन है। उन्होंने भरोसा दिया कि वह इस मामले को सरकार के सामने फिर उठाएंगे।
अजित सिंह ने मिलने आए नेताओं से आरक्षण के लिए आंदोलन की आवश्यकता भी जतायी। इस मौके पर मथुरा से सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि जब नेताओं ने चाहत स्पष्ट कर दी है तो आंदोलन के लिए बढ़-चढ़कर तैयार रहना होगा।
लेकिन प्रश्न साफ है क्या जाट आरक्षण जरूरी है--------और विरादरी एकजुट है?....और क्या जाटों में मैं -मेरी, क्षेत्रीयता, राजनीति नही है... समय है, लोकल राजनीति छोड़ नेता कॉम के लिए भी सोचे.....
कांकरान