Results 1 to 11 of 11

Thread: बरेली का जाट म्यूजियम :::-- हर एक धरोहर से होता 

  1. #1

    बरेली का जाट म्यूजियम :::-- हर एक धरोहर से होता 

    बरेली के जाट म्यूजियम में रखी एक-एक धरोहर गौरवमयी इतिहास समेटे है, जिन्हें देखकर सिर गर्व से तन जाता है और सीना चौड़ा। यहां रेजीमेंट की स्थापना से लेकर अब तक की अनेक बेशकीमती धरोहर सहेज कर रखी गई हैं, जिनमें दुश्मनों के छक्के छुड़ा कर छीनी चीजें भी शामिल हैं। जापानियों से छीनी तोप, बीएमडब्ल्यू मशीन गन, तलवारें और राइफलें भी यहां जाट वीरों का गौरव बढ़ा रही हैं। तो पाकिस्तानी बंदूके शौर्य गाथा बयान कर रही हैं। दुश्मनों से छीने गए झंडे भी यहां पर सुरक्षित हैं। १८०३ से लेकर के १९५५ के बीच बदले गए रेजिमेंटल बैज और समय के साथ बदली गई यूनिफार्म भी अपने इतिहास से लोगों को जोड़ती है। साथ ही अशोक और महावीर चक्र के साथ तमाम मेडल रेजीमेंट के जवानों की शौर्य गाथाओं के गवाही देते हैं।

    कैस्टर की पलटन से जाट रेजीमेंट तक
    जाट रेजीमेंट का इतिहास १७८५ से आरंभ होता है। हैनरी डी कोस्ट्रो ने गोदामों की सुरक्षा के लिए इसका गठन किया तब इसे कैस्टर की पलटन के नाम से जाना गया। १८५९ में इसे नियमित पैदल सेना में देकर अलीपुर रेजीमेंट का नाम दिया गया। १८६१ में इसका नाम बदल कर २२ रेजीमेंट बंगाल नेटिव इन्फेंट्री नाम दिया गया। इसी वर्ष इसका नाम बदल कर २२ रेजीमेंट बंगाल नेटिव इन्फेंट्री किया गया। १८८५ में पूरी भारतीय सेना से नेटिव शब्द हटा दिया गया। १९०२ में इस रेजीमेंट को १७ रायल बंगाल रेजीमेंट के साथ मुसलमान रेजीमेंट में बदल दिया गया और इसे १८ मुसलमान राजपूत पलटन नाम दिया गया १९२२ में भारतीय सेना का पुनर्गठन किया गया इसमें इसको ९वीं जाट रेजीमेंट में शामिल किया गया और चौथी बटालियन ९वीं जाट रेजीमेंट नाम दिया गया। २४ अगस्त १९२३ में सेना मुख्यालय के आदेश पर इसे भंग कर दिया गया और १८वीं इन्फेंट्री बटालियन के इतिहास को बरकरार रखने के लिए १०वीं ट्रेनिंग बटालियन ९ जाट रेजीमेंट में सम्मिलित कर दिया गया। दूसरे महायुद्ध के दौरान इसका नाम फिर बदला गया और नाम दिया गया जाट रेजीमेंट सेंटर।

    जंग मराठों से लेकर कारगिल तक
    ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन और आजाद भारत में इस रेजीमेंट की तरफ से कई लड़ाइयां लड़ीं गईं जिसमें जाटों ने वीरता के नए मुकाम हासिल किए। १८०३ में इसके जवानों ने मराठा और पिंडारियों से लोहा लिया तो १८२३ में बर्मा की फौज से आसाम में टक्कर ली। १८३९ में अंग्रेजों ने इस बटालियन के जवानों को काबुल विजय के लिए भेजा। जहां इन्होंने कुछ घंटों की लड़ाई के बाद ही गजनी के किले पर कब्जा कर लिया। इस फतह के बाद लेफ्टिनेंट स्टाकर, कमाडिंग अफसर और मेजर टैंकाक को आर्डर आफ दुर्रानी अंबायर पदक दिया गया और पलटन के सभी जवानों को ब्रिटिश बार मेटल मिला। १८४५ में सिखों के खिलाफ फिरोजशाह की लड़ाई में हिस्सा लिया। चीन से १८५८ और १९०० में युद्ध शामिल है। रेजीमेंट के जवान ने प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बगदाद, फ्रांस, बर्मा, मलाया में दुश्मन सेना के छक्के छुड़ाए। आजादी के बाद जाट जवानों ने पाकिस्तान और चीन की फौज से लोहा लिया और कारगिल में भी दुश्मनों के दांत खट्टे किए।

    विक्टोरिया क्रास से अशोक चक्र तक कब्जा
    जाट रेजीमेंट के जवानों ने अपनी वीरता के बल पर सैकड़ों पदक अपने नाम किए हैं। जिसमें विक्टोरिया क्रास और अशोक चक्र से लेकर सेना पदक तक शामिल हैं। रेजीमेंट को एक विक्टोरिया पदक, २ अशोक चक्र, 8 महावीर चक्र, ३९ वीर चक्र, १२ कीर्ति चक्र, ४२ शौर्य चक्र और २४७ सेना पदक हासिल हैं। इसके साथ ही ९७ मेंशन इन डिस्पैचेज मेडल भी हासिल हैं।

    रेजीमेंट की शान
    १. अब्दुल हफीज (विक्टोरिया क्रास)
    २. कर्नल जोजन थामस (अशोक चक्र)
    ३. मेजर दिनेश रघुरमन (अशोक चक्र)
    ४. कैप्टन अनुज नैय्यर (महावीर चक्र)
    ५. लेफ्टिनेंट कर्नल डीई हैडे (महावीर चक्र)
    ६. ब्रिगेडियर जोगिंदर सिंह बख्शी (महावीर चक्र)
    ७. मेजर आशाराम त्यागी (महावीर चक्र)
    ८. कैप्टन कपिल थापा (महावीर चक्र)
    ९. मेजर अजीत सिंह (महावीर चक्र)
    १०. नायक शीशपाल (महावीर चक्र)
    ११. हवलदार फतेह सिंह (महावीर चक्र)

    शौर्य गाथाओं के लिए छोटा पड़ा म्यूजियम
    धरोहरों के लिए अब जाट म्यूजियम छोटा पड़ने लगा है। इसे संजोने के लिए एक और म्यूजियम बनाया जा रहा है। तैयार होने के बाद इस म्यूजियम में आजादी के बाद की स्मृतियों और बहादुरों को याद के के रूप में उपलब्धियां, मेडल रखा जाएगा तो पुराने म्यूजियम में आजादी से पहले की स्मृतियों से जुड़ी वस्तुएं अपनी गौरवगाथा कहेंगी।
    ------------------


    जाट के ठाठ हैं .....

  2. The Following 13 Users Say Thank You to rskankara For This Useful Post:

    agodara (January 2nd, 2014), anilphogat (October 3rd, 2012), BHAGWANSINGHSIR (December 31st, 2013), cooljat (September 28th, 2012), deshi-jat (September 28th, 2012), DrRajpalSingh (December 31st, 2013), gsolanki9063 (May 17th, 2016), lrburdak (September 28th, 2012), MukeshGodara (September 30th, 2012), SandeepSirohi (October 1st, 2012), sangwan461 (June 29th, 2016), shivanidhama (April 2nd, 2014), sukhbirhooda (January 1st, 2014)

  3. #2
    Thanks for nice info. Not a single PARAM VIR CHAKRA out of 21 awarded so far thats bit disappointing

  4. #3
    कृषण, निराश होने की जरूरत नही है, गर्व करिए| हो सकता है लिस्ट में कई और नाम जुडने को हो !!!!!!

    Quote Originally Posted by deshi-jat View Post
    Thanks for nice info. Not a single PARAM VIR CHAKRA out of 21 awarded so far thats bit disappointing
    जाट के ठाठ हैं .....

  5. The Following 4 Users Say Thank You to rskankara For This Useful Post:

    cooljat (September 28th, 2012), deshi-jat (September 28th, 2012), DrRajpalSingh (June 27th, 2016), sukhbirhooda (January 1st, 2014)

  6. #4
    रूप, बात तो सही है, विक्टोरिया क्रोस तो दोनुआ (जाट और जाट रेजिमेंट) नै ले राखे सै. कर्नल होशियार सिंह (परमवीर चक्र विजेता) ग्रेनेडियरस मे थे

    Quote Originally Posted by rskankara View Post
    कृषण, निराश होने की जरूरत नही है, गर्व करिए| हो सकता है लिस्ट में कई और नाम जुडने को हो !!!!!!
    Last edited by deshi-jat; September 28th, 2012 at 08:38 AM.

  7. The Following 3 Users Say Thank You to deshi-jat For This Useful Post:

    anilsangwan (September 28th, 2012), sukhbirhooda (January 1st, 2014), SumitJattan (September 28th, 2012)

  8. #5
    Quote Originally Posted by deshi-jat View Post
    Thanks for nice info. Not a single PARAM VIR CHAKRA out of 21 awarded so far thats bit disappointing
    Bhai Ashok Chakra is not less than PVC in any way. It is just the peace time equivalent of PVC. ar Ashok Chakra to 2-2 le raakhe hain regiment ne.

  9. The Following 4 Users Say Thank You to VPannu For This Useful Post:

    anilphogat (October 3rd, 2012), cooljat (September 28th, 2012), DrRajpalSingh (December 31st, 2013), sukhbirhooda (January 1st, 2014)

  10. #6
    Quote Originally Posted by VPannu View Post
    Bhai Ashok Chakra is not less than PVC in any way. It is just the peace time equivalent of PVC. ar Ashok Chakra to 2-2 le raakhe hain regiment ne.
    It is great to learn about this feat of the Jat Regiment.
    History is best when created, better when re-constructed and worst when invented.

  11. The Following User Says Thank You to DrRajpalSingh For This Useful Post:

    sukhbirhooda (January 1st, 2014)

  12. #7
    I think this thread means to say................... "Heritage of Jat regiment".......... In English ""Dharohar" is "Heritage".

    hmmmm,,,,i wonder, if it has something to do with word "Heri". In English alphabet "e" is spelled as "a" as spelled in English word "Apple".

  13. #8
    Quote Originally Posted by maddhan1979 View Post
    I think this thread means to say................... "Heritage of Jat regiment".......... In English "Heritage" is "Dharohar".

    hmmmm,,,,i wonder, if it has something to do with word "Heri". In English alphabet "e" is spelled as "a" as spelled in English word "Apple".

    Or is it the other way round?

  14. #9
    There are some Jats who deserve to be placed in Museum more than anything else.
    I have a fine sense of the ridiculous, but no sense of humor.

  15. #10
    Thanks Kankra Ji for such useful historical information. This content has been added in Wiki here - http://www.jatland.com/home/Bareilly
    Laxman Burdak

  16. The Following User Says Thank You to lrburdak For This Useful Post:

    rskankara (July 3rd, 2016)

  17. #11
    बरेली जाट रेजिमेंट - 23 जाट बटालियन का गठन



    23 जाट बटालियन का गठन


    इंडियन आर्मी की किताब में शुक्रवार 1.7.2016 को एक और सुनहरा पन्ना जुड़ गया। बरेली जाट रेजिमेंट ने शुक्रवार को अपनी एक और बटालियन का गठन किया गया। इस नई जाट बटालियन का नाम 23 जाट बटालियन रखा है। इसमें कुल साढ़े आठ सौ जवान और अफसर हैं। सभी यूनिटों से प्रतिनिधित्व देकर इस पलटन को खड़ा किया गया है। अब तक जाट रेजीमेंट की 22 बटालियन थीं। 22 वीं बटालियन वर्ष 2012 में बनी थी। उसके चार साल बाद एक और पलटन खड़ी करके जाट ने अपने विस्तार का नया इतिहास लिखा है। अभी जाट रेजीमेंट की 19 नियमित, चार रायफल और दो टीए बटालियन थीं। नई 23 जाट भी नियमित बटालियन के रूप में बनाई गई है।

    गौरवशाली इतिहास है रेजिमेंट का: 23 वीं बटालियन के शुभारंभ पर जाट सेंटर की ओर से बड़ा समारोह किया गया। इसमें जाट के कर्नल ऑफ द रेजीमेंट मुख्य अतिथि रहे। इनके अलावा सेना के और भी कई बड़े अफसरों ने समारोह में भाग लिया। पिछले साल जाट रेजीमेंट ने अपनी स्थापना के 220 साल पूरे किए थे। इस मौके पर इसकी 23 वीं बटालियन खड़ी करने का ऐलान किया गया था। उसके बाद से ही बटालियन को विस्तार देने का काम शुरू हो गया। बता दें कि जाट देश की बहुत पुरानी रेजीमेंट है। इसका गौरवशाली इतिहास है। जाट वीरों ने रेजीमेंट की स्थापना के बाद से अब तक अपने अदम्य साहस और शौर्यता से गौरवशाली इतिहास लिखा है। कई लड़ाइयों में दुश्मनों के दांत खट्टे किए हैं। सेंटर में स्थापित जाट म्यूजियम इसका गवाह है, जिसमें कई लड़ाइयों से संबंधित रिकार्ड और दुश्मनों देशों से जंग में छीने गए अस्त्र-शस्त्र भी मौजूद हैं। शहीद जाट वीरों के चित्र और उनकी गौरवगाथा भी म्यूजियम में उपलब्ध हैं।
    Laxman Burdak

  18. The Following 2 Users Say Thank You to lrburdak For This Useful Post:

    Arvindc (July 4th, 2016), rskankara (July 3rd, 2016)

Posting Permissions

  • You may not post new threads
  • You may not post replies
  • You may not post attachments
  • You may not edit your posts
  •