चंडीगढ़।हरियाणा की खाप पंचायतों एवं अखिल भारतीय जाट महासभा ने विवाह की उम्र घटाने को लेकर नई बहस छेड़ दी है। सर्व जातीय खाप पंचायतों ने इस बारे में अब महापंचायत का ऐलान किया है। राच्य में लगातार घिनौने कृत्य बढ़ने से यह प्रस्ताव उभरा है लेकिन इसे चिकित्सा विशेषज्ञों ने तो सिरे से नकार दिया है। हिंदू मैरिज एक्ट में यह लड़के की उम्र 21 एवं लड़की उम्र 18 है। खाप पंचायतें इसे 18 व 16 कराने की प्रस्ताव को केन्द्र तक पहुंचाने जा रही है। उनका मानना है कि
ऐसा करने से बलात्कार की घटनाओं में कमी आएगी। बकौल खाप पंचायत यह सामाजिक बुराई अश्लील साहित्य, अश्लील फिल्में, टीवी पर अश्लील कार्यक्रमों से आ रही है। साथ ही शादी की उम्र भी कानून ज्यादा है। ऐसे में हरियाणा का महिला आयोग, कानूनविद तो इसे पक्ष में नजर आए लेकिन चिकित्स तंत्र इस प्रस्ताव को सिरे से नकार रहा है।
क्या कहा खाप नेताओं ने
हरियाणा की 96 खापों के प्रवक्ता सुबेसिंह समैण ने कहा है कि खाप 16 वर्ष लड़की एवं 18 वर्ष लड़के की उम्र में विवाह को वैध बनाने की मांग करेंगी। महापंचायत बुलाकर प्रस्ताव पास कर केन्द्र व राज्य सरकार को भेजा जाएगा। उत्तरी भारत की प्रसिद्ध खाप सर्व खाप पंचायत महम चौबीसी के प्रधान रणधीर सिंह ने कहा है कि 16 ही क्या 15 वर्ष में लड़की जवान है और लड़का जवान है तो विवाह में क्या बुराई। हम इसकी मांग केन्द्र से करंेगे। अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष ओपी मान ने कहा है कि हमने यह प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें शादी की उम्र 18 व 21 से घटाने की मांग की जा रही है। सभी जातिवर्ग को इस मांग में जुड़ा है।
बच्चों के लिए द्यातक
उत्तरी भारत के प्रसिद्ध मुकट अस्पताल के विशेषज्ञ एवं समाजशास्त्री डॉ.रविइंदर सिंह का कहना है कि उम्र घटना तो बिल्कुल गलत। शारीरिक रूप से परिपूर्ण नहीं होती है। हालांकि 16 की उम्र में बच्चा भी हो सकता है लेकिन प्रेगनेंसी कैसे संभालेंगी। उसका तो बचपन छिन जाएगा। साथ ही सामाजिक तौर पर देंखे तो गृहस्थ जीवन कैसे संभालेंगी। लड़के भ मैंटली 18 की उम्र में सामाजिक रूप से तैयार नहीं होती। बलात्कार की घटनाएं रोकने के लिए काउंसलिंग हो,सैक्स एजुकेशन पर ध्यान दें उम्र घटाना समाधान नहीं।
हरियाणा महिला आयोग सर्वे के पक्ष में
हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष सुशीला शर्मा ने कहा है कि वाकई यह बहस का विषय है और इस बारे में युवाआंे से ही देश में सर्वे करा कर पूछना चाहिए। जहां तक आयोग की राय का सवाल हैं,हम खाप पंचायतों से इस बारे में चर्चा कर मामले को आगे ले जाएंगे। यह मुद्दा उन्होंने उठाया है तो इसके पीछे कुछ ना कुछ समाजहित का कारण जरूर रहा होगा।
कानूनी मत, हो सकता है संशोधन
मनदीप श्योराण,एडवोकेट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि संसद पारित कर दे। मुस्लिम पर्सन लॉ में किसी भी उम्र की बच्ची का विवाह उसका पिता कर सकता है। 15वर्ष की उम्र में तो हर मुस्लिम लड़की को अपना अधिकार हो जाता है। ऐसे में संसद चाहे तो हिंदू मैरिज एक्ट में भी बदलाव हो सकता है।
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