Bera nahi kise ne pehle phaink raakhya hai ek nahi per pher sun lyo
सच्ची घटना पर आधारित
सुंडू का किते भी ब्याह ना होवै था , एक दिन छो(गुस्सा) मै आके न्यू सोची चाल ब्याह तो जब होगा देखि जागी,, जलेबी तै खा ऐ ल्यूं
हलवाई की दूकान पै गया अर एक किलो जलेबी तुलवा ली अर खा गया,, .. चालन लाग्या ..हलवाई बोल्या ..ल्या रै जलेबियाँ के रपिये दे
सुंडू बल्या रपिये तो कोन्या , हलवाई कै उठ गया छो गेर कै नीचे तसल्ली तै ओसन(पीट) दिया सुंडू ...
सुंडू झाड झूड कै लत्ते(cloth) फेर खड्या होगया ,,
हलवाई बोल्या जा भाज ज्या इब आड़े क्यूँ खड्या सै,, ?
सुंडू :- ल्या फेर इस ऐ रेट मै एक किलो और तोल दे .