एक बार एक जाट ट्यूबेल खातर खोदे था पर नीचे पानी नहीं मील्या . उसने दूसरा खोद्या तो उढ़े भी पानी नहीं मील्या . उसकी घरआली बोली किस्से पंडित जी ने पूछ ले अक कीत पानी मिलेगा .
जाट बोल्या , इन पंडता ने के बेरा खेती का , इससे जिद में दो कुंवे और खोद मार्रे , पानी फेर भी नहीं मील्या . सोच्या ले घराली की बात मान ले . उसने पंडित जी न्योत लिए .
पंडित जी भी तीन चार चेले ले के जिमान आगया .
जाट ने के करया एक चेल्यान के तो खीर के उप्पर शक्कर घाल दी और पंडित जी के खीर के निचे शक्कर घाल दी . पंडित जी ने खीर देखि तो बोल्या , जजमान शक्कर तो घाल दयो .
जाट ने एक मारया उसके कान के निचे और बोल्या ताने दो आंगल निचे की शक्कर तो दिखी कोन्या और 150 फट निचे का पानी बतावेगा ..