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abhisheklakda
आज दलित जो कुछ भी है वो भारतीय संविधान की वजह से है, पूना पैक्ट वजह से है, आंबेडकर की वजह से है, सर छोटूराम जी की वजह से है, ना की तुम्हारे धरम की वजह से , हिन्दू संविधान मनु स्मृति में लिखा है उसको पढ़ो आपको पता चल जाएगा हिन्दू धरम की सुंदरता, भारत की बहुसंखयक लोगो को हज़ारो सालों तक गुलाम रखने वाले धरम सुंदरता का आप प्रचार कर रहे हो, आज भी दलित मुख्यमंत्री के बाद मंदिर धो देते हो और अब सुंदरता बता रहे हो, स्वामी केशवानंद जी के साथ क्या किया था आपके धरम ने, ये आपका धरम ही था जिसके वजह से जाट कौम को लाहौर कोर्ट में शूद्र घोषित किया गया था , भाई किस धरम की बात कर रहे हो जिस धर्म के मंदिरों में देवदासियां रहती थी, वाह भाई आपका धरम बोहत सुन्दर है, ये सुंदरता आपको मुबारक!
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जाट एक नस्ल है ना की जाति, खुद सर छोटूराम जी भी जाट को कौम कहते थे न कि जाति, जाती हिन्दू धर्म ठेकेदारो द्वारा बनायीं गयी एक घटिया व्यवस्था है, नस्लें शास्वत है, लाखो साल के इवोल्यूशन के नतीजे से बनी है, जबी जातिओं का इतिहास कुछ साल पुराना , कुछ जातीय तो ११ वी सताब्दी में बनी , भगत सिंह यथार्तवाद की बात करते है, यानि विज्ञानवाद को , और यथारतवाद के हिसाब से भी नश्लो को नाकारा नहीं जा सकता, नस्लों को समझने के लिए डार्विन की थ्योरी आपकी मदद कर सकती है !!