जिन्होंने हिंदू धर्म को त्यागा, उनका पतन क्यों हो गया?
सनातन हिंदू धर्म का अस्तित्व सदियों से है और इतना पुराना कोई अन्य धर्म नहीं है। जितने महामानव हिंदू धर्म में पैदा हुए हैं, इतने अन्य किसी धर्म में नहीं हुए हैं। इनमें यदि शिवजी, श्रीराम, श्रीकृष्ण जैसे महामानवों का नाम लिया जाता है तो कुछ तथाकथित आधुनिक बुद्धिजीवियों के मस्तिष्क में खलबली मच जाती है और वे इन्हें काल्पनिक चरित्र बताने लगते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि जिस गीता के ज्ञान का यह पूरा विश्व सम्मान करता है, यदि श्रीकृष्ण नहीं हुए थे तो फिर उस ज्ञान को कौन दे गया? बुद्ध भी तो हिंदू थे। यह सारी दुनिया मानती है कि बुद्ध इस संसार में जन्मे अंतिम महामानव थे। गुरु नानक भी तो हिंदू थे। मध्यकालीन दौर भारत के लिए बहुत संघर्ष भरा था। उस दौर में इस सारे संसार ने महान हिंदू धर्म को नष्ट करने का प्रयास किया। विदेशी ताकतें कुछ भारतीयों को दिग्भ्रमित/विवश करने में सफल भी हो गईं। इन दिग्भ्रमित/विवश भारतीयों ने सनातन हिंदू धर्म को त्याग दिया। इन लोगों को कहा गया था कि हिंदू धर्म तो तरह-तरह की बुराइयों वाला धर्म है। उसे छोड़ दो फिर देखना तुम खुद को कितनी बेहतर स्थिति में पाओगे। क्या हिंदू धर्म किन्हीं विशेष जातियों द्वारा चलाया जा रहा धर्म है? कैसे? हिंदुओं के सबसे बड़े इष्ट (शिवजी, श्रीराम, श्रीकृष्ण) तो सभी क्षत्रिय थे। यहां तक कि बुद्ध और गुरु नानक भी क्षत्रिय थे। जो ऐसा कहते हैं कि हिंदू धर्म किन्हीं विशेष जातियों द्वारा चलाया जा रहा धर्म है तो ये वे ही लोग हैं, जिन्होंने मध्यकालीन दौर में भारतीयों को हिंदू धर्म छोड़ने के लिए दिग्भ्रमित किया था। हिंदू धर्म किसी एक का नहीं है, बल्कि ये तो सबका है।
अब कुछ प्रश्न अनुत्तरित हैं?
-जिन्होंने हिंदू धर्म को छोड़ा, वे पतन को प्राप्त क्यों हो गए? पाकिस्तान के मुसलमानों में कोई राजपूत हैं, कोई जाट है, कोई गुर्जर है। व्यापार में, रहन-सहन में, खेलों में या किसी भी अन्य क्षेत्र में पाकिस्तानियों की स्थिति से सभी वाकिफ हैं। वहां कोई भी ऐसा दिन नहीं जाता, जबकि बम विस्फोटों में निर्दोष न मारे जाते हों? पाकिस्तान को इस दुनिया के सबसे बदहाल मुल्कों में से एक गिना जाता है। उन्हें तो कहा गया था कि वे हिंदू धर्म को छोड़कर बेहतर स्थिति को प्राप्त होंगे, लेकिन वे तो पतन को प्राप्त हो गए। ऐसा क्यों हुआ?
-बांग्लादेश इस दुनिया के सबसे घटिया मुल्कों में से एक है। ऐसा क्यों है?
-भारत में भी तो गैर-हिंदू किसी भी क्षेत्र में हिंदुओं का कोई मुकाबला नहीं करते। ऐसा क्यों है?
दरअसल इस दुनिया को चलाने वाली अदृश्य शक्ति या यूं कहें कि ईश्वर हमेशा उसका साथ देता है, जो अपनी जगह बिलकुल सही होता है। दुःख-परेशानियां जीवन का हिस्सा हैं और इस संसार का कोई भी कोना इनसे मुक्त नहीं है। इसके बावजूद जीवन के संघर्ष से जूझने की जो प्रेरणा और शक्ति हिंदू धर्म से मिलती है वह अद्भुत है। मानवता की भलाई के लिए हिंदू धर्म का अस्तित्व हमेशा बना रहे और जैसे इसके शत्रु अतीत में पतन को प्राप्त हुए, वैसे ही आगे भी होते रहें, बस यही एक सच्चे हिंदू का प्रयास होना चाहिए। धन्य हैं वे जाट, जो हिंदू हैं।