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Results 21 to 24 of 24

Thread: Hindi Kavita (Continued)

  1. #21
    किस बात पर गर्व करे.....?
    .
    .
    जवानों की सर कटी लाशों पर...?
    सरकार में बैठे अय्याशों पर....?
    स्विस बैंकों के राज़ पर...?
    प्रदर्शनकारियों पर होते लाठीचार्ज पर...?
    .
    .
    किस बात पर गर्व करे......?
    .
    .
    राज करते कुछ परिवारों पर....?
    उनकी लम्बी इम्पोर्टेड कारों पर....?
    रोज़ हो रहे बलात्कारों पर...?
    या भारत विरोधी नारों पर...?
    .
    .
    किस बात पर गर्व करे......?
    .
    .
    महंगे होते आहार पर....?
    अन्याय की हाहाकार पर....?
    बढ़ रहे नक्सलवाद पर....?
    या देश तोड़ते आतंकवाद पर....?
    .
    .
    किसबात पर गर्व करे.......?
    .
    .
    जवानों की खाली बंदूकों पर....?
    सुरक्षा पर होती चूकों पर....?
    पेंशन पर मिलते धक्कों पर.....?
    या ipl के चौकों-छक्कों पर....?
    .
    .
    किस बात पर गर्व करे......?
    .
    .
    किसानों से छिनती ज़मीनों पर....?
    युवाओं की खिसकती जीनों पर....?
    संस्कृति पर होते रेलों पर.....?
    या क्रिकेट-कॉमनवेलथ खेलों पर....?
    .
    .
    किस बात पर गर्व करे......?
    .
    .
    महंगे होते सिलेंडर पर...?
    दुश्मन के आगे होते सरेंडर पर....?
    इस झूठी शान पर....?
    या 'इंडियन' होने की पहचान पर....?
    .
    .
    किस बात पर गर्व करे.....?
    आखिर किस बात पर गर्व करे.....??


    :rockwhen you found a key to success,some ideot change the lock,*******BREAK THE DOOR.
    हक़ मांगने से नहीं मिलता , छिना जाता हे |
    अहिंसा कमजोरों का हथियार हे |
    पगड़ी संभाल जट्टा |
    मौत नु आंगालियाँ पे नचांदे , ते आपां जाट कुहांदे |

  2. The Following 7 Users Say Thank You to ravinderjeet For This Useful Post:

    anilsangwan (August 8th, 2013), anuragsunda (April 19th, 2014), hemanthooda (March 21st, 2014), op1955 (August 28th, 2015), SandeepSirohi (August 8th, 2013), sivach (August 9th, 2013), ysjabp (May 13th, 2014)

  3. #22
    .

    यहाँ सब कुछ बिकता है, दोस्तों रहना जरा संभाल के
    बेचने वाले हवा भी बेच देते है, गुब्बारों में डाल के
    सच बिकता है, झूट बिकता है, बिकती है हर कहानी
    तीन लोक में फेला है, फिर भी बिकता है बोतल में पानी
    कभी फूलों की तरह मत जीना,
    जिस दिन खिलोगे, टूट कर बिखर्र जाओगे
    जीना है तो पत्थर की तरह जियो
    जिस दिन तराशे गए, "खुदा" बन जाओगे

    - हरिवंशराय बच्चन
    .. " Until Lions have their historians, tales of the hunt shall always glorify the hunter! " ..



  4. The Following 4 Users Say Thank You to cooljat For This Useful Post:

    anuragsunda (April 19th, 2014), hemanthooda (March 21st, 2014), op1955 (August 28th, 2015), ysjabp (May 13th, 2014)

  5. #23
    कुछ भीगी यादें!
    अरसा हुआ मैने बरसात से गीली जमीन पर, माटी कुरेदकर अपना नाम नहीं लिखा,,
    अरसा हुआ मुझे तालाब के किनारे टीले पर, पंख पसारे नाचता कोई मोर नहीं दिखा !
    अरसा हुआ मैने माटी के कुल्हड़ को घिसकर, इक्कल - दुक्कल खेलने वाली वो गोल गोटी नहीं बनाई ,,
    अरसा हुआ मैने दादी के हाथों से बनी वो प्याज़-टमाटर की चटनी और पानी हाथ की मोटी रोटी नहीं खाई !
    अरसा हुआ , मैने चप्पल की तली को गोल काटकर पहिये और फिर उन पहियों से गाड़ी नहीं बनाई ,,
    अरसा हुआ मैने दूर वाली पक्की सड़क पर घिसकर, खुरपी मे धार नहीं लगाई !
    दादी, मुझे फिर से बगिया मे जाना है, पेड़ों पर चढ़ना है, जामुन और अमियां तोड़नी हैं ,,
    हां दादी, मुझे फिर से गांव आना है, जमीन मे बैठ भोज खाना है, ये शहर और ये दिखावे भरी पार्टियां छोड़नी हैं !
    मुझे जाना है पछांह वाली नहर किनारे वाले अपने खेत में, और मचान पर जाकर सो जाना है ,,
    नहीं चाहिए ये नाम, ये कंकड़ पत्थर सीमेंट की दुनिया, मुझे बस खेत, गोरू, माटी मे खो जाना है !
    मुझे ट्यूबवेल तक बरसात मे नंगे पांव दौड़ लगानी है और फिर एकदम से रपट जाना है ,,
    हां ! मुझे फिर से बाबा के बाजार से आने पर "बाबा, बाबा , क्या जलेबी लाए?" पूछकर उनसे लिपट जाना है !
    दादी, तुम देखना , एक दिन एक गठरी भरकर बचपन और बादल लेकर गांव मे आऊंगा ,,
    पाने को फिर से वो सबकुछ जो बहुत पीछे छूट गया, और आकर तुम्हारे आंचल भीतर छुप जाऊंगा !
    (साभार: फेसबुक, त्रिनेत्र त्रिवेदी , दालान के प्रसंशक)
    जाट के ठाठ हैं .....

  6. The Following 5 Users Say Thank You to rskankara For This Useful Post:

    bharti (August 26th, 2015), gsolanki9063 (August 26th, 2015), op1955 (August 28th, 2015), ygulia (August 26th, 2015), yogeshdahiya007 (August 27th, 2015)

  7. #24
    कमीज के बटन ऊपर नीचे लगाना
    वो अपने बाल खुद न काढ पाना
    पी टी शूज को चाक से चमकाना
    वो काले जूतों को पैंट से पोछते जाना
    ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना ...

    वो बड़े नाखुनो को दांतों से चबाना
    और लेट आने पे मैदान का चक्कर लगाना
    वो prayer के समय class में ही रुक जाना
    पकडे जाने पे पेट दर्द का बहाना बनाना
    ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना ...

    वो टिन के डिब्बे को फ़ुटबाल बनाना
    ठोकर मार मार उसे घर तक ले जाना
    साथी के बैठने से पहले बेंच सरकाना
    और उसके गिरने पे जोर से खिलखिलाना
    ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना ...

    गुस्से में एक-दूसरे की
    कमीज पे स्याही छिड़काना
    वो लीक करते पेन को बालो से पोछते जाना
    बाथरूम में सुतली बम पे अगरबती लगा छुपाना l
    और उसके फटने पे कितना मासूम बन जाना
    ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना ...

    वो games period के लिए sir को पटाना
    unit test को टालने के लिए उनसे गिडगिडाना
    जाड़ो में बाहर धूप में class लगवाना
    और उनसे घर-परिवार के किस्से सुनते जाना
    ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना ...

    वो बेर वाली के बेर चुपके से चुराना
    लाल –काला चूरन खा एक दूसरे को जीभ दिखाना
    जलजीरा , इमली देख जमकर लार टपकाना
    साथी से आइसक्रीम खिलाने की मिन्नतें करते जाना
    ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना ...

    वो लंच से पहले ही टिफ़िन चट कर जाना
    अचार की खुशबूं पूरे class में फैलाना
    वो पानी पीने में जमकर देर लगाना
    बाथरूम में लिखे शब्दों को बार-बार पढके सुनाना
    ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना ...

    वो exam से पहले गुरूजी के चक्कर लगाना
    लगातार बस important ही पूछते जाना
    वो उनका पूरी किताब में निशान लगवाना
    और हमारा ढेर सारे course को देख चकराना
    ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना ...

    वो farewell पार्टी में पेस्ट्री समोसे खाना
    और जूनियर लड़के का ब्रेक डांस दिखाना
    वो टाइटल मिलने पे हमारा तिलमिलाना
    वो साइंस वाली मैडम पे लट्टू हो जाना
    ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से तो बुलाना ...

    वो मेरे स्कूल का मुझे यहाँ तक पहुचाना
    और मेरा खुद में खो उसको भूल जाना
    बाजार में किसी परिचित से टकराना
    वो जवान गुरूजी का बूढ़ा चेहरा सामने आना ...

    सब अपने स्कूल एक बार जरुर जाना .....

    --एक मित्र से साभार
    I have a fine sense of the ridiculous, but no sense of humor.

  8. The Following 6 Users Say Thank You to ayushkadyan For This Useful Post:

    bharti (August 26th, 2015), gsolanki9063 (August 26th, 2015), gurdeep1974 (September 1st, 2015), login4vinay (August 28th, 2015), op1955 (August 28th, 2015), yogeshdahiya007 (August 27th, 2015)

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