"इब्ब के होवेगा ? "
इब्ब उम्र देवे साथ ,
उलाद ना देवे हाथ ,
इब्ब के होवेगा ?
मेरे बटे ,एक्ला ,
बैठ कूण में रोवेगा ॥
दिन थे तेरे कमाण के ,
जिब्ब खेले तन्ने ताश ,
बाळक रहए ना धोरे ,
घर का सत्यानाश ,
इब्ब के होवेगा ?
मेरे बटे ,एक्ला ,
बैठ कूण में रोवेगा ॥
जब थी देहि बनाण की ,
तन्ने रचाए रास ,
ज़र लाया शरीर के ,
जीण की रही ना आस ,
इब्ब के होवेगा ?
मेरे बटे ,एक्ला ,
बैठ कूण में रोवेगा ॥
किल्ले धरे गहणे ,
प्यारी पे छुल्वाई घास ,
आप धोळ कपडिया ,
घ्र्क्याँ माँह तें आवे बाँस ,
इब्ब के होवेगा ?
मेरे बटे ,एक्ला ,
बैठ कूण में रोवेगा ॥