नितीश और लालू का एक दूसरे को सेकुलर बताना कुछ ऐसा ही है जैसे दो मित्र दारु पीने के बाद स्वयँ एक दूसरे का मुँह सूंघ कर बताते हैं कि दुर्गन्ध नही आ रही है।