यारां का कुछ ना िबगडै ,तु अपणी अगत िवचार िलए ,
आज तै आगै मेरे नाम का छाती मै मुक्का मार िलए,
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तनै के सोची तेरे िबन , मेरा गुजारा ना होवै,
खुद अपणा कर ख्याल बावळी, कूण मै बड़-बड़ तु रोवै,
हमनै तो कुछ कसर ना छोडी, समझा-समझा हार िलए ,
आज तै आगै...................
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जो तनै अपणे लागैं सैं वे काल पराए हो ज्यांगे,
तेरी राही मै वे दुख-दर्दां के कांटे बो ज्यांगे,
कदम-कदम पै ठोकर खावै, िकतणी ए राह बुहार िलए,
आज तै आगै................
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याद तनै मेरी आवै पर वार घणी फेर होज्यागी,
कोए राह ना पावै तु लाचार घणी फेर होज्यागी,
िजनकी खाितर मै छोड्डा तनै उन्हे तै फेर सार िलए ,
आज तै आगै..................
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"भुप्पी"के तो तेरे नाम के बंद दरवाजे हो ग्ये रै,
यारां की महिफल मै ना छोड्डे तनै बोलण जोगे रै,
फेर पलट कै ना देखुं चाहे िकतणी ए बार पुकार िलए ,
आज तै आगै...................
------------भुप्पी घनघस ।