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Thread: पर पता मुझे मालूम नहीं !!!!

  1. #1

    पर पता मुझे मालूम नहीं !!!!

    स्कूल में सभी बच्चों को अपनी माँ पर कुछ लिख कर लाने के लिए कहा गया । एक लड़की जिसकी माँ का बचपन में ही देहान्त हो गया था। उसको आज अपनी माँ की बहुत याद आयी। यह काव्य रचना उसी पर आधारित है:-


    माँ मैं भी तुझपर कुछ लिखती, पर मैंने तुझे देखा ही नहीं,
    माँ तेरा प्यारा आँचल वो प्यार-स्नेह मुझे
    कभी मिला ही नहीं
    माँ मैं तुझको एक चिट्ठी लिखती , पर पता मुझे मालूम नहीं ,
    पर पता मुझे मालूम नहीं,
    मैंने सूरज सेपूछा, चन्दा से पूछा, पूछा हिम तिम तारों से,
    तारों ने कहा माँ नभ में है ,
    पर पता मुझे मालूम नहीं,
    मैनें सागर से पूछा, नदियो से पूछा, पूछा बहते झरनों से,
    झरनो ने कहा हर बूँद में है माँ ,
    पर पता मुझे मालूम नहीं,
    मैंने फूलो से पूछा, कलियों से पूछा, पूछा बाग के माली से,
    माली ने कहा हर एक डाल पे माँ,
    पर पता मुझे मालूम नहीं,
    वो लड़की अन्त में निराश होकर भगवान से
    माँ का पता पूछती है,
    भगवान् बोले:---
    कण कण में माँ ही बसती है, इस पूरी पावन जगती में !
    माँ की उपमा जो बांच सके वो कलम नहीं इस सृष्टी में !!
    जग रचने को मुझसे अधिक माँ की शक्ति आवश्यक है !
    माँ के बिन तेरी मेरी इस जग की बात अधूरी है !!
    भगवान कहें "हर कण में माँ" पर पता मुझे मालूम
    नहीं।

    (Agyat)
    India and Israel (Hindus & Jews) are true friends in this World. Both are Long Live and yes also both have survived and surviving under adverse conditions.

  2. The Following User Says Thank You to rajpaldular For This Useful Post:

    virendra204 (November 12th, 2013)

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