रामलू अपणी घरआली धापली से घणा डरया करे था | एक दिन रामलू सीढ़ी पै चढ़के अपणे घरां बल्ब लगावे था तो एक दम सीढ़ी पड्ग्यी अर रमलू भी परे जाकै पड्या | धापली कै नुकसान का ब्होत डर रह्या करै था | जद उसती घडाम कि आवाज आयी तो वा रामलू ती बोल्यी - "के गेड दिया?"
रामलू डरदा-डरदा बोल्या - "किमे नी भागवान, मेरा पजामा पड़ग्या था |"
धापली बोल्यी - "पजामा पड्या करे सै तो इतनी आवाज आया करै सै कै" |
रामलू बोल्या - "भागवान पजामे मैं भी था |"