एक समय था जबकि संपूर्ण धरती पर केवल हिंदू ही थे। मैक्सिको में एक खुदाई के दौरान गणेश और लक्ष्मी की प्राचीन मूर्तियाँ पाई गईं। अफ्रीका में 6 हजार वर्ष पुराना एक शिव मंदिर पाया गया और चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, लाओस, जापान में हजारों वर्ष पूरानी विष्णु, राम और हनुमान की प्रतिमाएं मिलना इस बात के प्रमाण हैं कि हिंदू धर्म संपूर्ण धरती पर था।
'मैक्सिको' शब्द संस्कृत के 'मक्षिका' शब्द से आता है और मैक्सिको में ऐसे हजारों प्रमाण मिलते हैं जिनसे यह सिद्ध होता है। जीसस क्राइस्ट्स से बहुत पहले वहाँ पर हिंदू धर्म प्रचलित था। कोलंबस तो बहुत बाद में आया। सत्य तो यह है कि अमेरिका, विशेषकर दक्षिण-अमेरिका एक ऐसे महाद्वीप का भाग था जिसमें अफ्रीका भी सम्मिलित था। भारत ठीक मध्य में था। अफ्रीका नीचे था और अमेरिका ऊपर था। वे एक बहुत ही उथले सागर से विभक्त थे। आप उसे पैदल चलकर पार कर सकते थे। प्राचीन भारतीय शास्त्रों में इसके उल्लेख हैं। वे कहते हैं कि लोग एशिया से अमेरिका पैदल ही चले जाते थे।
यहाँ तक कि विवाह भी होते थे। कृष्ण के प्रमुख शिष्य और महाभारत के प्रसिद्ध योद्धा अर्जुन ने मैक्सिको की एक लड़की से विवाह किया था। निश्चित ही वे मैक्सिको को मक्षिका कहते थे। परन्तु उसका वर्णन बिलकुल मैक्सिको जैसा ही है। मैक्सिको में हिंदुओं के देवता गणेश की मूर्तियाँ हैं, दूसरी ओर इंग्लैंड में गणेश की मूर्ति का मिलना असंभव है। कहीं भी मिलना असंभव है, जब तक कि वह देश हिंदू धर्म के संपर्क में ना आया हो, जैसे सुमात्रा, बाली और मैक्सिको में संभव है, किन्तु और कहीं नहीं, जब तक वहां हिंदू धर्म ना रहा हो। मैं जो यह कुछ उल्लेख कर रहा हूँ , यदि आप इसके बारे में और अधिक जानकारी पाना चाहते हैं तो आपको भिक्षु चमन लाल की पुस्तक ‘हिंदू अमेरिका’ देखनी पड़ेगी, जो कि उनके जीवनभर का शोधकार्य है।