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Thread: अम्मा

  1. #1

    अम्मा

    मेहनत मजदूरी करने में,
    कभी नहीं शरमाई अम्मा।
    ठाठ-बाट औरों के देखे,
    फिर भी ना भरमाई अम्मा।

    पूरे घर में झाड़ू देकर,
    मंदिर भी हो आई अम्मा।
    कभी किसी पे गुस्सा ना हो,
    मन में रखे समाई अम्मा।

    पूरा घर जब खा पी लेता,
    फिर चौके में आई अम्मा।
    बचा कुचा वह खुद खा लेती,
    नहीं जुबां पर लायी अम्मा।

    बच्चे जब बीमार हुये तो,
    कभी नहीं सो पाई अम्मा।
    बच्चों के दुःख मुझको दे दो,
    यह अरदास लगाई अम्मा।

    मेहमां जब कोई घर आया,
    कभी नहीं अलसाई अम्मा।
    आस पास का करके चलती,
    सबके दिल में छाई अम्मा।

    बापू की आमदनी कम थी,
    फिर भी ना घबराई अम्मा।
    एक आँख में दवा डालकर,
    पूरी उमर बिताई अम्मा।

    बच्चे उसके पढ़ लिख जाये,
    गिरवी सब रख आई अम्मा।
    दो धोती में बरसों काटे,
    कभी नहीं झल्लाई अम्मा।

    पोते पोती जब भी चिपटे,
    फूली नहीं समाई अम्मा।
    आँगन में दीवार उठी तो,
    आँखे भर-भर लाई अम्मा।

    जीवन अपना होम कर दिया,
    और रोशनी लाई अम्मा।
    उसने तो सबको पाला था,
    सबसे ना पल पाई अम्मा।

    लाख विपत्ति घर पर आयीं,
    फिर भी ना मुरझाई अम्मा।
    अब भी औरों से अच्छे है,
    बात यही समझाई अम्मा।

    - नरेन्द्र गोयल, पिलखुवा

    महाबला महावीर्या महासत्यपराक्रमा: |
    सर्वांगे क्षत्रिया जट्टा देवकल्पा दृढ़व्रताः ||

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  3. #2
    Bhai Sandeep ye poem padhkar Sunil nain ke ees thread ki yaad taza karwa di, Sunil Nain ne bahut achha contribution kar rakha hai.
    http://www.jatland.com/forums/showthread.php?32902-Maa


    Aik bar padh kar jaroor dekhna ees thread ko.
    Last edited by Sure; October 22nd, 2013 at 05:52 PM.
    Don't judge each day by the harvest you reap, but by the seeds you plant.
    Everyone in Our life is going to hurt us, sooner or later. But we have to decide. what's more important? The Pain Or The Person.

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    nainsunil007 (October 28th, 2013), SALURAM (October 22nd, 2013)

  5. #3
    भाई साहब मैंने पढ़ी है ओर पढ़ के सही कहू तो आंखे भीग भी गयी थी | सुनील भी गायब है आज कल शादी के बाद से | अब आज कल थोडा व्यस्त हु कम टाइम मिलता है यहाँ आने का वरना तो ढूंड कर वही पर पेस्ट कर देता |

    महाबला महावीर्या महासत्यपराक्रमा: |
    सर्वांगे क्षत्रिया जट्टा देवकल्पा दृढ़व्रताः ||

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    rajpaldular (October 23rd, 2013), SALURAM (October 22nd, 2013), Sure (October 22nd, 2013)

  7. #4
    Quote Originally Posted by SandeepSirohi View Post
    मेहनत मजदूरी करने में,
    कभी नहीं शरमाई अम्मा।
    ठाठ-बाट औरों के देखे,
    फिर भी ना भरमाई अम्मा।

    पूरे घर में झाड़ू देकर,
    मंदिर भी हो आई अम्मा।
    कभी किसी पे गुस्सा ना हो,
    मन में रखे समाई अम्मा।

    पूरा घर जब खा पी लेता,
    फिर चौके में आई अम्मा।
    बचा कुचा वह खुद खा लेती,
    नहीं जुबां पर लायी अम्मा।

    बच्चे जब बीमार हुये तो,
    कभी नहीं सो पाई अम्मा।
    बच्चों के दुःख मुझको दे दो,
    यह अरदास लगाई अम्मा।

    मेहमां जब कोई घर आया,
    कभी नहीं अलसाई अम्मा।
    आस पास का करके चलती,
    सबके दिल में छाई अम्मा।

    बापू की आमदनी कम थी,
    फिर भी ना घबराई अम्मा।
    एक आँख में दवा डालकर,
    पूरी उमर बिताई अम्मा।

    बच्चे उसके पढ़ लिख जाये,
    गिरवी सब रख आई अम्मा।
    दो धोती में बरसों काटे,
    कभी नहीं झल्लाई अम्मा।

    पोते पोती जब भी चिपटे,
    फूली नहीं समाई अम्मा।
    आँगन में दीवार उठी तो,
    आँखे भर-भर लाई अम्मा।

    जीवन अपना होम कर दिया,
    और रोशनी लाई अम्मा।
    उसने तो सबको पाला था,
    सबसे ना पल पाई अम्मा।

    लाख विपत्ति घर पर आयीं,
    फिर भी ना मुरझाई अम्मा।
    अब भी औरों से अच्छे है,
    बात यही समझाई अम्मा।

    - नरेन्द्र गोयल, पिलखुवा
    माँ शब्द ही काफी हैं। आज की नयी पीढ़िया (खासकर शहरी क्षेत्र से) इस माँ नाम के महत्व को फेसबुक स्टैट्स तक ही याद रखती हैं। आज का युवा माँ की ममता की क़द्र ही नि करता हैं । बढ़ते कन्या भूर्ण हत्या के मामलों को देखते हुए लगता हैं वे लोग भूल जाते हैं की उनको भी जन्म एक माँ ने ही दिया था। :'( :'(
    जय भारत

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  9. #5
    Bahut logon ko rulaya thha Sunil Nain Ne. Achha laga thha, ab aapki bari hai lage raho @ Sandeep.
    Don't judge each day by the harvest you reap, but by the seeds you plant.
    Everyone in Our life is going to hurt us, sooner or later. But we have to decide. what's more important? The Pain Or The Person.

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  11. #6
    माँ थारी लाडी नै, तूं लागै घणी प्यारी |
    सगळा रिश्तां में, माँ तूं है सै सूं न्यारी निरवाळी ||

    नौ महीना गरभ मै राखी, सही घणी तूं पीड़ा |
    ना आबा द्यूं अब, कोई दुखड़ा थारै नेड़ा ||

    तूं ही माँ म्हनै हिंडायो, चौक तिबारा में पालणों |
    माँ तूं ही सिखायो म्हनै, अंगणिया में चालणों ||

    सोरी घणी आवै निंदड़ळी, माँ थारी गोदी मै |
    इतराती चालूं मैं पकड़ नै, माँ थारी चुन्दड़ी का पल्ला नै ||

    हुई अठरा बरस की लाडी, करयो थै म्हरो सिंणगार |
    मथी भेजो म्हनै सासरिये, थां बिन कियां पड़ेली पार ||

    मथी करज्यो थै कोई चिंता, संस्कारी ज्ञान दियो थै मोकळो |
    म्हूं थारी ही परछाई हूँ, ना आबा द्यूं ला कोई थानै ओळमो ||
    - माँ थारी लाडली बिटिया

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  13. #7
    मां की याद ऐसे आती है...






    पानी के बिना नदी ,
    अतिथि के बिना आँगन ,
    स्नेह के बिना सम्बन्धी ,
    पैसे के बिना ज़ेब , """"""और"""""
    माँ (परमगुरु, परब्रम्ह, परमात्मा, ब्रह्माण्डस्वरूपी) के बिना जीवन बेकार है !
    मां की याद ऐसे आती है जैसे आती है महक बाग के किसी कोने से


    कोने में खिले किसी फूल से जैसे आती है माटी-गंध
    आषाढ़ की पहली बारिश में आंगन की भीगी हुई काली मिट्टी से- ठीक ऐसे ही आती है मां की याद.
    (अज्ञात)
    India and Israel (Hindus & Jews) are true friends in this World. Both are Long Live and yes also both have survived and surviving under adverse conditions.

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