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Thread: अविश्वसनीय एवं विचित्र सत्य !!!!!!

  1. #1

    अविश्वसनीय एवं विचित्र सत्य !!!!!!

    भारतीय सेना न केवल एक भूत की सेवा ले रही है अपितु उसे वेतन, प्रमोशन और पद की सभी सुविधाएँ भी दे रही है। सम्भवतः आप इसे पढ़ते हुए थोड़ा अविश्वसनीय मुद्रा में होंगे किन्तु कुछ इंटरनेट साइटों की मानें तो यह सौ प्रतिशत सत्य है। भूत-प्रेतों की कहानियाँ यदि कहानियों में हों तो लोग चटकारे लेकर पढ़ते, देखते और सुनते हैं। सामान्य भाषा में ये कथित भूत हमारे मनोरंजन का एक बड़ा साधन हैं। पर जब-जब वास्तव में इनके अस्तित्व की बात आती है तो इन्हें झुठला दिया जाता है। वैसे इसे पढ़कर भूतों के अस्तित्व पर एक बार आप अवश्य सोच में पड़ जाएंगे।


    1963 का इंडो-चाइना वार आपको स्मरण होगा। उस युद्ध में शहीद होने वाले सिपाहियों में हरभजन सिंह भी एक थे। 1962 के डोगरा रेजिमेंट के जवान हरभजन सिंह भारत-चीन के उस युद्ध में चीन के विरुद्ध युद्ध में सम्मिलित हुए तथा हुतात्मा (उर्दू में शहीद) हो गए. कहते हैं कि हुतात्मा होने के तीन दिनों तक उनका शव भारतीय आर्मी को नहीं मिला एवं उनके किसी साथी सैनिक के सपने में उन्होंने अपने मृत शरीर का स्थान बताया था।


    उसके पश्चात पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। परन्तु उसके पश्चात भी हरभजन सिंह ने अपनी आर्मी ड्यूटी से मुँह नहीं मोड़ा और बाबा बन गए।


    कैसे?


    यह भी एक मनोरंजक कहानी है।


    कहते हैं कि भारत-चीन के उस युद्ध के विषय में भी हरभजन सिंह ने अपनी साथी सैनिकों को पहले ही बता दिया था। हुतात्मा होने के पश्चात युद्ध इंडो- चाइना युद्ध समाप्ति के बाद ऐसा कहा जाता है कि अपने किसी साथी सैनिक के सपने में आकर हरभजन सिंह ने अपनी समाधि पर एक मंदिर बनाने की बात कही। उनके कहे अनुसार हरभजन सिंह की समाधि पर एक मंदिर बनाया गया। तब से हरभजन सिंह भारतीय सेना की इस रेजिमेंट के लिए बाबा बन गए।


    यहां की रेजिमेंट के लिए हरभजन सिंह alias (उर्फ) बाबा आज भी सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और भारतीय सेना वेतन समेत सेना में रहते हुए मिलने वाली सभी सुविधाएं बाबा को दे रही है जिसे सुनकर कोई भी अपने दांतों तले अंगुली दबा ले। पूर्वी सिक्किम के नाथू ला दर्रे में हरभजन सिंह alias (उर्फ) बाबा की सेवाएं आज भी भारतीय आर्मी ले रही है और स्वभाव से कड़क और अनुशासित माने जाने वाले बाबा मरने के पश्चात से आज तक अपनी सेवाएँ भारतीय आर्मी को पूरी निष्ठा से दे रहे हैं। कहते हैं नाथू ला दर्रे में बाबा के नाम पर एक कमरा आज भी सुसज्जित है। यह कमरा अन्य सामान्य कमरों की तरह प्रतिदिन स्वच्छ किया जाता है, बिस्तर लगाया जाता है, हरभजन सिंह की सेना की वर्दी और उनके जूते रखे जाते हैं। कहते हैं नित्य सुबह इन जूतों की नीचे कीचड़ के चिन्ह पाए जाते हैं।माना जाता है कि बाबा सेना का अपना सम्पूर्ण दायित्व निभाते हैं।


    इसलिए भारतीय सेना इन्हें नियमित वेतन भी देती है, सैनिक के रूप में काम करते हुए अन्य सैनिकों की तरह इनका पद भी मान्य है और समय- समय पर इन्हें प्रमोशन भी दिया जाता है। यहाँ तक कि ये वार्षिक नियत अपनी 2 महीने की छुट्टियां भी लेते हैं। इनके वेतन का एक भाग जालन्धर में रह रही इनकी माँ के पास भेजा जाता है और इनकी छुट्टियों के लिए विधिवत इनका सामान प्रथम श्रेणी के ट्रेन रिजर्वेशन के द्वारा इनके घर भेजा जाता है।


    किसी हवलदार के हाथों इनकी वर्दी समेत अन्य वस्तुएँ इनके घर भेजी जाती है एवं अवकाश समाप्त होने पर उसी प्रकार उन्हें पुनः वापस भी लाया जाता है। कहते हैं कि बाबा की मान्यता केवल भारतीय सेना में नहीं अपितु बॉर्डर पर तैनात चीनी सेना में भी है। जब भी नाथू ला पोस्ट में चीनी-भारतीय सेना की फ्लैग मीटिंग होती है तो चीनी सेना एक कुर्सी हरभजन सिंह alias (उर्फ) बाबा के लिए भी लगाती है। यह एक अविश्वसनीय और विचित्र सी लगने वाली कहानी अवश्य है किन्तु यह सत्य है।


    अभी हाल ही में जालंधर के ही किसी सैनिक ने ने एक मरे हुए सैनिक की पूजा करने और उसे सभी सुविधाएँ देने एवँ अंधविश्वास को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना तथा डिफेंस मिनिस्ट्री पर कोर्ट में केस किया है। अब देखते हैं कि कोर्ट इस भूत के अस्तित्व पर क्या निर्णय देता है?


    (साभार - दैनिक जागरण
    source : dainik jagran)
    India and Israel (Hindus & Jews) are true friends in this World. Both are Long Live and yes also both have survived and surviving under adverse conditions.

  2. The Following User Says Thank You to rajpaldular For This Useful Post:

    AryanPoonia (January 5th, 2015)

  3. #2
    सरकार तो सरकार है चाहे बीजेपी की हो या कांग्रेस की....
    मज़ा तो वो लूटेंगे जिसने इस धंधे में पैसे लगाये है…
    पहले कांग्रेस के दिन अच्छे थे अब शायद बीजेपी के…
    हम तो पहले भी ऐसे थे और आगे भी ऐसे ही रहेंगे।।

  4. #3
    रोज तारीख बदलती है, रोज दिन बदलते हैं...
    रोज अपनी उमर भी बदलती है...
    रोज समय भी बदलता है...
    हमारे नजरिये भी वक्त के साथ बदलते हैं...
    बस एक ही चीज है जो नहीं बदलती...
    और वो हैं हम खुद और बस ईसी वजह से हमें लगता है कि अब जमाना बदल गया है........।।।

  5. #4
    दुनिया में अकेले आए है,
    अकेले ही जायेंगे,
    लाये है
    यादें,
    यादें ही देकर जायेंगे.
    पर यादें भी ऐसी दे जायेंगे,
    कि उम्र भर हम आपको याद आएंगे.

  6. #5
    मैं शब्दों का एक सवेरा हूँ इन्कलाब
    लिखता हूँ,अपने स्वर्निम हिन्द
    की आजादी का सच्चा ख्वाब
    लिखता हूँ,
    माना सवाल बहुत उठते हैं मुझपर अब
    लेकिन,
    मैं अपने शब्दों से ही उनका जवाब
    लिखता हूँ...

  7. The Following User Says Thank You to sddookia For This Useful Post:

    Prikshit (May 15th, 2014)

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