१. बच्चों के सामने गाली मिश्रित भाषा का प्रयोग ना करें।


२. बच्चों के सामने बीडी, सिगरेट,गाँजा, खैनी, गुटखा, मदिरा आदि मादक पदार्थों का ना तो सेवन करें और ना ही उनसे ऐसी मादक सामग्री मंगवाएँ।


३. बच्चों को शिक्षा दें कि वे किसी भी अपरिचित व्यक्ति की दी हुई खाद्य सामग्री ना तो खाएँ और ना ही उनके साथ कहीं जाएँ। यदि कोई अनजान व्यक्ति उनसे जबरदस्ती करे तो बच्चों को शोर मचा देना चाहिए।


४. बच्चों के सामने माता-पिता को आपसी झगडा नहीं करना चाहिए नहीं तो उनमें असुरक्षा की भावना जाग्रत हो जाती है और वे अपने पैरेंट्स से दूर होते जाते हैं।


५. बच्चों पर हाथ ना उठायें. आँख के इशारे और डाँट ही पर्याप्त होनी चाहिए अन्यथा बच्चा पिटने के भय से मुक्त हो जाएगा और उद्दंड हो जाएगा।

६. इकलौते बच्चे को कभी उसे इकलौता होने का दंभ ना आने दें। उसे अपने सामान को अपने चचेरे, फुफेरे, ममेरे भाई बहनों से शेयर करने को उत्साहित करते रहें।


७. बच्चों को उच्च संस्कारवान एवं धार्मिक बनाएँ।