आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने ससंद में बजट पर बहस के दौरान एक कविता पढ़ी थी। 'अच्छे दिन कब आने वाले हैं' आप भी पढ़िए...
पहले किराया बढ़ाया रेल का
फिर नंबर आया तेल का
खुद 10 साल करते रहे नुक्ताचीनी
आते ही दो रुपए किलो महंगी कर दी चीनी
हर कोई सपने दिखाकर आम आदमी को ठग रहा है
आम आदमी को अब डर चीन से नहीं, चीनी से लग रहा है
दुनिया मून पर, सरकार हनीमून पर
पूछ रहे सारे देश के चायवाले हैं
महंगाई की वजह से खाली चाय के प्याले हैं
लोगों को दो वक़्त की रोटी के लाले हैं
सरकार जी बता दीजिए, अच्छे दिन कब आने वाले हैं
शायद पता नहीं कि इराक़ है किस इलाक़े में
भारतीय इराक में फंसे हैं, सुषमा जी गई थीं ढाके में
हमारे देश के लोग बहुत हिम्मतवाले हैं
जिन्होंने महंगाई के दौर में बच्चे पाले हैं
लूटने वाले ज़्यादा, बस गिनती के रखवाले हैं
सरकार जी प्लीज़, बता दीजिए अच्छे दिन कब आने वाले हैं...
मेरे सपने में कल रात बुलेट ट्रेन आई
मैंने कहा, बधाई हो जी बधाई
सुना है तुम मेरे देश आ रही हो, तरक्की की स्पीड बढ़ा रही हो
बुलेट ट्रेन बोली, मेरा शिकवा किसी गाय या भैंस से नहीं
अरे, मैं बिजली से चलती हूं, गोबर गैस से नहीं
प्रधानमंत्री मोदी जी के भाषण लोगों को खूब जंचे हैं
विदेश से काला धन आने में 50 दिन बचे हैं
हम तो आम आदमी पार्टी वाले हैं
हमने तो हर सरकार से डंडे खा ले हैं
हमने तो सड़कों पर और पार्ल्यामेंट में
ये पूछने के लिए मोर्चे संभाले हैं
अच्छे दिन कब आने वाले हैं?............