मित्रों ! भारत में जितने सार्वजनिक अवकाश हैं उतने किसी अन्य देश में नहीं हैं। सार्वजनिक अवकाश जिस देश में जितने अधिक होंगे, देश के विकास की गति मन्द पड़ जाती है। क्या आपको लगता नहीं है कि इन छुट्टियों को कम करने की आवश्यकता है?
सभी देशों में सभी धर्मों के लोग निवास करते हैं परन्तु सब धर्मों के पर्वों की छुट्टी नहीं होती है। अमेरिका, यूरोप एवँ खाड़ी देशों में हिन्दुओं के पर्वों की सार्वजनिक छुट्टी नहीं होती है।
ठीक उसी प्रकार भारत में हिन्दू धर्म के पर्वों को छोड़कर अन्य धर्मों के पर्वों की सार्वजनिक छुट्टी बन्द कर देनी चाहिए, मुसलमानों, ईसाईयों को उनके त्यौहारों पर केवल उनकी छुट्टी होनी चाहिए, सार्वजनिक छुट्टी बंद कर देनी चाहिए।
इससे देश का कितना भला होगा।