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Thread: जाटलेंड- समुदाय का भावनात्मक स्थान

  1. #1

    जाटलेंड- समुदाय का भावनात्मक स्थान

    जाटलेंड जाट समाज का एक भावनात्मक मिलन-स्थल (धर्मशाला) है, जहां पर दूर सुदूर में फैले जाट आए, ठहरे, सरोकार के मुद्दो पर गप्प्सप्प करे, और ज्यादा जीवंत बनाए | जैसा कि लोगों को अपने विचार रखने की पूर्ण आज़ादी है| लेकिन इस आज़ादी मे हम अक्सर कई बार आवेश और अनजानें मे हदें पार कर जाते है| आजकल जाटलेंड भी इससे अछूता नही रहा है और तू-तू मै -मै की बहस में कभी कभी समुदायों पर भी टिप्पणी होती है ...............| पर हमे कोई भी पोस्ट करते समय थोड़ा विवेक और संयम से काम लेना चाहिए और कोई गैर-क़ानूनी और आपत्तिजनक सामिग्री /कचरे को डालने से बचना चाहिए.....कोई भी "ई कंटेंट जो दूसरे की भावनाओं को आहत करता है या फिर दो समुदाय में नफरत फैलाता है या फिर मानहानि करता है" आपत्तिजनक की श्रेणी मे आता है...| अगर मोड़रेटर दखल दे, तो वह भी पसंद नही आता है| आईटी की धारा 66 ए के तहत सामिग्री डालने वाला और प्रशासन /मोडरेटर दोनों जिम्मेदार माने गए है...

    अत: नेट पर कंटेन्ट डाले मगर सोचकर: आईटी के विद्वानों को तो पता है फिर भी सभी को याद रखने की ...जरूरत है......इसी विषय पर आज एनबीटी मे यह लेख छपा है, यदि समय मिले तो अवश्य अवलोकन कर ले...

    http://navbharattimes.indiatimes.com...w/44937126.cms
    जाट के ठाठ हैं .....

  2. The Following 4 Users Say Thank You to rskankara For This Useful Post:

    cooljat (October 26th, 2014), DrRajpalSingh (October 26th, 2014), lrburdak (November 5th, 2014), sukhbirhooda (October 29th, 2014)

  3. #2
    In view of the importance of the topic full write from the 'Navbharattimes' is being thankfully reproduced to acquaint the participants about what to write and what not to write on the site :

    राजेश चौधरी, नई दिल्ली

    हाल ही में पुणे पुलिस ने एक आदेश जारी कर कहा है कि वट्सऐप पर अगर कोई कंटेंट डाला जाता है और वह आपत्तिजनक है तो ऐसा कंटेंट डालने वाले शख्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। अगर कंटेंट किसी ग्रुप में डाला जाता है तो वट्सऐप पर इस तरह का ग्रुप बनाने वाले एडमिन के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। कानूनी जानकार बताते हैं कि कोई भी कंटेंट जो कानून की नजर में गलत है और व कंटेंट अगर नेट व सोशल साइट्स पर डाला जाता है तो ऐसा कंटेंट डालने वाले शख्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है।

    सोशल साइट व नेट पर डाले गए कोई भी कंटेंट जो कानूनी तौर पर गलत है तो उसके लिए आईटी एक्ट के तहत प्रावधान किया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व स्टैंडिंग काउंसिल पवन शर्मा बताते हैं कि ऐसा कोई कंटेंट जो दूसरे की भावनाओं को आहत करता है या फिर दो समुदाय में नफरत फैलाता है या फिर मानहानि करता है या फिर किसी तरह से कानून का उल्लंघन करता है तो ऐसे कंटेंट डालने वाले के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। अगर ऐसा कंटेंट किसी वट्सऐप ग्रुप में डाला जाता है और वह सर्कुलेट किया जाता है तो निश्चित तौर पर ग्रुप एडमिन भी जिम्मेदार होगा। अगर ग्रुप एडमिन ने ऐसे कंटेंट डालने वाले के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे ग्रुप में बैन कर दिया हो और उस कंटेंट को हटा दिया हो तो यह उसका बचाव हो सकता है। क्योंकि ऐसे ग्रुप का गलत इस्तेमाल करना और ऐसे कंटेंट डालना और सर्कुलेट करना इसे बढ़ावा देने के बराबर है। कोई कंटेट डालता है और दूसरा अगर उसको लाइक करता है और वह कंटेंट आपत्तिजनक है तो दोनों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

    साइबर मामलों के एक्सपर्ट पवन दुग्गल बताते हैं कि कोई भी कंटेंट जो आपत्तिजनक है और कानूनी तौर पर गलत है अगर उसे नेट पर डाला जाता है तो निश्चित तौर पर ऐसा कंटेंट डालने वाला शख्स और ग्रुप एडमिन जिम्मेदार होगा। आपत्तिजनक कंटेंट डालने वाले शख्स और ग्रुप एडमिन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर को इस तरह के आपत्तिजनक कंटेंट के बारे में जारी दी जाती है और उससे शिकायत की जाती है तो उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वह तुरंत ऐसे कंटेंट को रिमूव करे। अगर वह इसमें लापरवाही करता है या फिर कंटेंट नहीं हटाता तो एडमिन के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
    History is best when created, better when re-constructed and worst when invented.

  4. #3
    अगर कोई शख्स सोशल मीडिया या दूसरे ऑनलाइन मीडियम से किसी और की भावनाओं को भड़काता है, अफवाह फैलाता है या फिर किसी और की छवि खराब करता है, या फिर कोई भी ऐसी हरकत करता है जिससे दूसरे की इमेज खराब हो रही हो या फिर मानहानि हो रही हो, तो ऐसे में आईटी एक्ट की धारा-66 ए के तहत केस दर्ज किए जाने का प्रावधान है। अगर जानकारी झूठी हो और उस कारण किसी अन्य शख्स को आघात हुआ हो या उसका डिफेमेशन हुआ है या फिर दो समुदाय में नफरत फैली हो या फिर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा हो तो ऐसे किसी मामले में आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज हो सकता है।

    साइबर मामलों के एक्सपर्ट विराग गुप्ता बताते हैं कि नेट यूजर्स को आईटी एक्ट के प्रावधानों के बारे में जानना जरूरी है। एक्ट में कंटेंट डालने वाले परिभाषित हैं साथ ही जो उसके लिए प्लैटफॉर्म देता है वह भी परिभाषित हैं। नेट की सामग्री के लिए प्लेटफॉर्म देने वाले इंटरमेडियरी कहे जाते हैं और उन्हें आईटी एक्ट की धारा-79 के तहत छूट मिली हुई है यानी उनके खिलाफ एक्शन नहीं हो सकता।

    Contd.
    History is best when created, better when re-constructed and worst when invented.

  5. #4
    For further details and remaining article contents log

    http://navbharattimes.indiatimes.com...w/44937126.cms
    History is best when created, better when re-constructed and worst when invented.

  6. #5
    Also read to know 'What to write and what not to write on social sites' and the provision of punishment for violation of the IT Act.

    http://navbharattimes.indiatimes.com...w/27747670.cms
    History is best when created, better when re-constructed and worst when invented.

  7. #6
    This is a good initiative and let us develop a policy of creating content on Jatland. Universal Brotherhood (वसुधेव कुटुंबकम) should be our aim.
    Last edited by shivamchaudhary; November 6th, 2014 at 06:05 PM. Reason: misspelled.
    Laxman Burdak

  8. The Following 3 Users Say Thank You to lrburdak For This Useful Post:

    DrRajpalSingh (December 22nd, 2014), rskankara (November 5th, 2014), sukhbirhooda (November 6th, 2014)

  9. #7
    Before posting your views kindly read some of the posts quoted above so as to avoid future implications of violation of social site rules please.
    History is best when created, better when re-constructed and worst when invented.

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