-- Freedom is not worth having if it does not include the freedom to make mistakes.
-- When you talk, you are only repeating what you already know. But if you listen, you may learn something new.
sukhbirhooda (January 13th, 2015), vdhillon (December 10th, 2014)
आज का ज्ञान: हींग लगे ना फिटकरी ... स्वच्छ भारत
.
.
अगर बहती नाक को 'सुर्रर्रर' कर के खीच
लिया जाए
तो
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
रुमाल साफ़ रहता है !
.
बस क्या, अब थैंकयु बोल के शर्मिंदा मत करना,
जब तक जिंदा हु, ज्ञान बाटता रहूँगा :p
एक बार बादशाह अकबर, बीरबल के साथ शाम को बाग मे टहल रहे थे।
कुछ राजकाज की बातें करते-करते अकबर ने अचानक बीरबल से पूछा,
"सुना है कि तुम अपनी बीवी से बहुत डरते हो।"
बीरबल को अकबर से इस तरह के सवाल का अंदेशा न था।
उसने संभलते हुए कहा, "जी, मैं ही क्या, हमारी सल्तनत का हर आदमी अपनी बीवी से डरता है।"।
महाराज अकबर ने बीरबल की तरफ टेढ़ी नज़र से देखते हुए कहा,
''तुम अपनी कमज़ोरी छुपाने के लिए सब लोगों पर इल्ज़ाम नहीं लगा सकते।"
बीरबल ने कहा, "बादशाह सलामत, मैं जो भी कह रहा हूं, वह एक कड़वी सच्चाई है।
कोई मुंह से बोले या न बोले लेकिन हर इन्सान अपनी बीवी से डरता ज़रूर है।''
अकबर ने कहा, "क्या तुम यह साबित कर सकते हो?"
बीरबल ने झट से हामी भर दी।
अपनी आदत के अनुसार महाराज अकबर ने यह हुक्म भी दे डाला कि तुम अगर सात दिन में यह साबित नहीं कर पाए, तो तुम्हारा सिर कलम कर दिया जाएगा।"
बीरबल ने चुनौती को स्वीकार करते हुए शहर के सभी पुरुषों की एक जनसभा बुलाने का आदेश जारी करवा दिया।
एक निश्चित तिथि को जब शहर के सब मर्द वहां आ पहुंचे, तो अकबर ने बीरबल को उसका वादा याद करवाया।
बीरबल ने भी पूरे विश्वास के साथ अपना काम शुरू कर दिया। बीरबल ने एक-एक कर सभी से पूछना शुरू किया कि क्या वे अपनी बीवी से डरते हैं।
अधिकतर लोगों ने कबूल कर लिया कि वे किसी न किसी कारणवश अपनी-अपनी बीवी से डरते हैं।
बीरबल ने उन सब लोगों को एक-एक अंडा पकड़ा कर एक तरफ बैठने को कहा।
यह सब देख अकबर भी परेशान हो गए कि यह सब क्या हो रहा है।
हमारी फौज का एक से एक बहादुर योद्धा भी अपनी बीवी के सामने भीगी बिल्ली नज़र आ रहा है।
बहुत देर बाद एक हट्टे-कट्टे नौजवान की बारी आई और उससे भी यही सवाल पूछा गया।
यह नौजवान बाकियों से अलग था।
उसने कहा, "बीवी से कैसा डरना, बीवी तो पैर की जूती है।
उसकी क्या हिम्मत कि मेरे सामने कुछ भी बोल जाए।"
अकबर को थोड़ी तस्सली हुई कि चलो, कोई तो निकला, जिसने इतनी बात कहने की हिम्मत की।
जब हर तरीके से उसे परख लिया गया, तो बादशाह ने उसे एक काला घोड़ा इनाम में दिया।
घोड़ा लेकर वह नौजवान खुशी-खुशी अपने घर पहुंचा तो उसकी पत्नी ने
हैरान होते हुए पूछा, "सुबह तो पैदल धक्के खाते हुए गए थे, अब यह घोड़ा किसका उठा लाए हो!"
नौजवान ने सारा किस्सा पत्नी को बताया।
पत्नी ने कहा, "तुम्हें तो सारी उम्र अक्ल नहीं आ सकती। अगर इतना बड़ा इनाम
जीता ही था तो दरबार से सफेद घोड़ा तो लेकर आते। यह क्या काले रंग का घोड़ा उठा कर ले आए हो!"
नौजवान ने कहा, "बेगम, तुम चिंता मत करो, आज बादशाह सलामत मुझसे बहुत खुश हैं।
यह लो, मैं अभी घोड़ा बदल कर लाता हूं।"
कुछ देर बाद ही वह काला घोडा लेकर वापस दरबार मे पहुंचा और बीरबल
से प्रार्थना करने लगा, "मेरी बीवी को यह काला घोड़ा पसंद नहीं है। आप कृपया मुझे सफेद घोड़ा दे दें।
बीरबल ने कहा, "यह घोड़ा उधर बांध दो और यह अंडा लेकर घर जाओ।"
बादशाह ने पूछा कि आखिर माजरा क्या है?
बीरबल ने कहा कि यह नौजवान पहले तो कह रहा था कि अपनी बीवी से नहीं डरता लेकिन जब बीवी ने काले घोड़े की जगह सफेद घोड़ा लाने को कहा तो वह उसको ना नहीं कर सका।"
बीरबल ने आगे बताया, "जहांपनाह, इसकी बीवी बहुत सुन्दर है।
उसको यह क्या, कोई भी आदमी किसी काम के लिए मना नहीं कह सकता।"
अकबर ने बीरबल से कहा, "अच्छा, अगर ऐसी बात है तो हम भी ऐसी
खूबसूरत औरत को देखना चाहेंगे। तुम किसी तरह से यह इंतज़ाम करवाओ।"
बीरबल ने कहा, "जहांपनाह, यह तो कोई मुश्किल काम नहीं है।
मैं कल ही उस औरत से आपकी मुलाकात...।"
बीरबल की बात को बीच मे ही काटते हुए अकबर बोले,
"लेकिन एक बात का ध्यान रहे कि हमारी बेगम साहिबा को इस बात की
भनक भी नही लगे।"
बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा,
"जहांपनाह, अब आप अकेले ही बचे थे।
अब आप भी यह अंडा पकड़ें।"
बादशाह अकबर के पास अब झेंपने के अलावा कोई चारा नहीं था।
वह मान गए कि हर मर्द अपनी बीवी से डरता है।
अब लाइक कर दो वर्ना
आप भी अण्डा
पकड़ेँगे !!
........i could not do anything but to get drunk after reading this thread ......thanks buddy
The word "EQUAL" has no meaning in human life
Prikshit (December 12th, 2014), sukhbirhooda (January 13th, 2015), vdhillon (December 12th, 2014)
एक बार नेपाल मैं एक अंग्रेज से मेरी बहस हो गई,अंग्रेज ने कहा की ब्रिटेन में ज्यादा शहीद हुये,
मैंने कहा की देश के लिये भारतीय सबसे ज्यादा शहीद हुये।
तभी नेपाली ने कहा आप लोग लड़ना छोड़िये और अपने देश के एक शहीद का नाम बोलकर एक दुसरे को थप्पड़ मारिये जो ज्यादा थप्पड़ मारेगा, उसी के
देश के शहीद ज्यादा माने जायेंगे!
सबसे पहले अंग्रेज ने बोला 'जनरल डायर' और एक करार तमाचा मुझे मारा।
दर्द को दिल में समेट कर मैंने कहा 'जय भगत सिंह' और ऐसा करारा तमाचा मारा की अंग्रेज को दिन में तारे नजर आ गये।
अंग्रेज ने तिलमिलाते हुये इस बार दो शहीदो के नाम लिये''साईमन एवं सिंड्रोम'' और पूरा दम लगाकर
लगातार दो चाँटे मुझे मारे।
मैँ आवाक होके पूछा की ये दो लगातार क्यों??
अंग्रेज ने कहा ये दोनो एक साथ शहीद हुये इसलिये लगातार दो चाँटे मारे।
मैं गुस्से को और उबलते हुए खून को काबू में किया और अपने शहीदो को दिल से याद करते हुये उस अंग्रेज को तब तक तमाचे मारे जब की वो बेहोश ना हो गया।
नेपाली ने डरते हुये कहा ये क्या था? ये तो चिटिंग है।
मैंने कहा- ये सब 'जालियावाला बाग'के शहीदो के तरफ से था
जय हिन्दूस्तान.
kamnanadar (April 17th, 2015), sukhbirhooda (January 13th, 2015)
मै खिड़की पर बैठकर
यूँही गाना गा रहा था ।
.
.
.कबूतर जा जा जा ।
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.तभी मेरे पिताजी ने नीचे से आवाज लगाई ।
.
बेटा नेट के पैसे ले लो
लेकिन गला मत फाड़ो ।.
sukhbirhooda (January 13th, 2015)
दोस्त और बीबी को कभी विश्वास दिलाने की जरुरत नही होती .
.
.
.
.
क्यूकी
.
.
.
दोस्त कभी शक नही करता ,
और बीबी कभी यकीन नही करती
~ फ़िजूल का ज्ञान :p
sukhbirhooda (January 13th, 2015)
मोर्डन मेहमान नवाजी।।।।
जब कोई मेहमान आपके घरआये।।।
तो बड़े अदब से उनसे पूछिये।।।
क्या लेना पसंद करेंगे आप??
चाय
कॉफ़ी
जूस
कोल्ड ड्रिंक।
या फिर।
.
.
.
.
.
वाई-फाई का पासवर्ड।।
~ डिजिटल हुक्का पाणी
sukhbirhooda (January 13th, 2015)
एक आदमी नाई की दुकान पर दाढ़ी बनवाने गया. जब नाई उसके चेहरे पर क्रीम से झाग बना रहा था तो उस आदमी ने अपने चेहरे के थोड़े से पिचके गालों की ओर इशारा करते हुए बोला – मेरे गालों के इस गड्ढे के कारण दाढ़ी बढ़िया नहीं बन पाती और कुछ बाल छूट जाते हैं.
कोई बात नहीं – नाई आगे बोला – मेरे पास इसका इलाज है.
उसने पास के दराज में से लकड़ी की एक गोली निकाली और उसे देते हुए बोला – इसे अपने मुंह में मसूढ़ों और गाल के बीच रख लो.
उस आदमी ने वह गोली मुँह में रख ली जिससे उसका गाल फूल गया और नाई ने उसकी शानदार, बढ़िया दाढ़ी बनाई.
यदि यह गोली गलती से पेट में चला जाए तो? उस आदमी ने पूछा. गोली उसके मुँह में ही फंसी थी.
कोई बात नहीं – नाई बोला – कल लेते आना जैसे कि बहुत से लोग अब तक लेते आए.
:p
sukhbirhooda (January 13th, 2015)
अळ हाम्णे बी रिजर्वेशन देदो! ... :p
एक अमीर लड़की को स्कूल में गरीब परिवार पर निबंध लिखने को कहा गया.
जरा गौर फरमाइए लड़की ने क्या लिखा :
एक गरीब परिवार था, पिता गरीब, माँ गरीब, बच्चे गरीब.
परिवार में 4 नौकर थे, वह भी गरीब.
स्कार्पियो कार थी वह भी टूटी हुई थी.
उनका गरीब ड्राइवर बच्चों को उसी टूटी कार में स्कूल छोड़ के आता था.
बच्चों के पास पुराने Samsung Galaxy S4 मोबाइल थे.
बच्चे हफ्ते में सिर्फ 3 बार ही Taj होटल में खाते थे बाकि दिन घर पर.
घर में केवल दो AC थे और वह भी सेकंड हेंड.
सारा परिवार बड़ी मुश्किल से ऐश कर रहा था
sukhbirhooda (January 13th, 2015)
एक बार सेठ के घर इनकम टैक्स की रेड पड गई.
इनकम टैक्स अधिकारी -: बाकी तो सेठ जी सब ठीक है पर आपने कुत्तों को जलेबी खिलाने का खर्चा पांच लाख रुपए जो लिखा है, उससे हम संतुष्ट नही हैं। क्या आप इसके कोई दस्तावेज पेश कर सकते हैं.
सेठ जी -: नही, इसके दस्तावेज मेरे पास नहीं हैं.
इनकम टैक्स अधिकारी -: चलो फिर हम बात यहीं रफा दफा कर लेते है इसके बदले आप हमें दस हजार रुपए दे दें।
सेठ जी मान गए ठीक है मैं आपको दस हजार रुपए दे देता हूं !
सेठ जी ने मुनीम को आवाज लगाई मुनीम जी इन लोगों को दस हजार रुपए दे दो
और
खाते में लिख देना कुत्तों ने दस हजार रुपए की जलेबियां और खाईं ।
sukhbirhooda (January 13th, 2015)
गोधू का ब्या था,
माहरे भी च्या था।
गोधू के साथी थे
तो हम्म भी बाराती थे।
यार की बारात म जा रे थे,
लक्स लगा कै नहा रे थे.......
बस भी पुराणी थी,
एक आँख कि काणी थी।
डगमग-डगमग करके चाले थी,
जणु बुढिया सी हाले थी।
टैर भी पुराणे थे,
पर हमने के खाणे थे।
बैंड बाजे बाजै थे,
हम उछल-2 कै नाचै थे
ब्या का जोश था ,
हमनै के होश था..?
गांव के बीच मै,
गाडी फंसगी कीच मै
उडे एक छोरी का मामा था,
वो पुराणा पजामां था।
वो इतना मोटा था,
जणु गाँव का झोटा था।
गोधू के साथ आ रे थे
तो गाडी कै धक्के ला रे थे
गोधू कि साली थी
तव्वा तै भी काली थी
पर हमनै के ब्याहनी थी
फेरा पै बैठ गे थे
जूतीयां के नेग पै अठ गे थे
फेर देख्या थापे मारण आ लिये।
जुते गोज्या म घाल के हम तो भाज लिये,
गोधू कि शादी थी,
फेर भाजण म के खराबी थी।
और हम के गोधू के भाती थे,
हम तो उसके बराती थे।"
ईब थापे मारण आली चोगरदे फिरगी,
कब्ड्डी की रैड सी भरगी
पर अंधेरे मै इक गलती करगी,
एक थापा गोधू कै भी धरगी।
गोधू कै थापा ईसा जचाया
गोधू घर पक सुबकता आया
विदाई जब हो री थी
सारी लूगाई रो री थी
गोधू भी रोवै था
क्यूकी थापे में दर्द हौव था
घर पहुच गे होल्या- होल्या
गोधू अपनी बहू तै बोल्या;
ये पकडे दो कान,
आगे तै ब्याह ना कराऊं मेरी भाण !
~ Copied
इससे ज्यादा दुश्मनी की
इन्तहा और क्या होगी ग़ालिब
टोयलेट की टंकी में कोई
पिसी मिर्च डाल गया.
sukhbirhooda (January 13th, 2015)