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Thread: मेरा दान मेरी ताकत, मेरी कंस्यूमर पावर मेर&

  1. #1

    मेरा दान मेरी ताकत, मेरी कंस्यूमर पावर मेर&

    "मेरा दान मेरी ताकत, मेरी कंस्यूमर पावर मेरा कंट्रोल!"


    ताकि मुझ किसान को कोई लूट ना सके, मुझे लूटने की सोच ना सके, मुझे गुलाम व् बंधुआ ना बना सके|


    मैं, एक किसान वंशज भारतीय किसान इतिहास के सबसे काले लैंड-आर्डिनेंस 2015 व् कर्मकांड के नाम पर बढ़ते पाखंडों से बुरी हो चली किसान कौम की दुर्दशा के मद्देनजर आज दिनांक 15/03/2015 को आधिकारिक व् सार्वजनिक तौर पर निम्नलिखित ‘आजीवन संकल्प’ लेता हूँ कि:


    मैं ताउम्र किसी भी ऐसी धार्मिक सभा-संस्था-आस्था में ना दान दूंगा, ना भाग लूंगा, जो:
    1) मुझे मेरे दिए दान का हिसाब-किताब ना बताती हो|
    2) उस दान को कहाँ और क्यों लगाया गया, इसकी जानकारी ना देती हो|
    3) उस दान के पैसे से मेरी कौम-समाज-गांव-जिले-राज्य के इतिहास और विरासत लिखने-संजोनें पे कितना खर्च किया, यह ना बताती हो व् कितना खर्च करने का लक्ष्य रखती है यह निर्धारित ना करती हो|
    4) उस दान के पैसे से मेरी कौम-समाज-गांव-जिले-राज्य की संस्कृति के संवर्धन-उत्थान-प्रचार के लिए कितना खर्च करती है, यह ना बताती हो व् ऐसा कोई लक्ष्य ना रखती हो|


    मैं ताउम्र किसान समाज को प्रेरित व् जागृत करता रहूँगा कि:
    1) वो अपनी औलाद को व्यापार जरूर सिखाये, अर्थात भावनात्मकता से पहले पैसा-उन्मुख (money oriented) बनना सिखाएं|
    2) उसको त्रिभाषी (हिंदी, इंग्लिश व् अपनी जन्मज भाषा/बोली) बनाएं और इसको गलत बताने वालों की आलोचना करना सिखाएं|
    3) अपने उत्पाद यानी फल-फसल-फूल का विक्रय मूल्य खुद निर्धारित करने का हक लेवे|
    4) अपनी खेती का व्यापारीकरण कैसे किया जाए, इस पर तब तक चिंतन-मंथन करते रहें, जब तक कि एक दिन यह हासिल ना हो जाए|
    5) साल में दो हफ्ते का "किसान उपवास" रखें; जिसमें दो हफ्ते तक बाजारों से सिवाय खाने के बाकी किसी भी प्रकार का सामान ना ही तो खरीदा जावे, और ना ही बेचा जावे|


    अनियंत्रित और बिना निगरानी के दान से फंडी अनियंत्रित होता है और बिना सोची समझी स्वभिमान रिक्त खरीदारी से मंडी अनियंत्रित होता है| और इन दोनों बातों की अनुपस्थिति में यह दोनों इतना दुःसाहस पा जाते हैं कि किसान को भूमि अधिग्रहण आर्डिनेंस 2015 जैसे बिल और कटटरता-धर्मान्धता के नाम पर भटकाए व् गुलाम बनाये रखने के गौरख-धंधे बढ़ाते ही चले जाते हैं| यह दोनों किसान के बाड़े के वो खूंखार व् उन्मादी पशु हैं, जिनको अगर खूंटे से बाँध के ना रखा जाए, तो दूसरे शांत-शरीफ पशुओं को भी नुक्सान पहुंचाने से बाज ना आवें|


    इसके साथ मैं हर किसान-कमेरे की संतान को भी इन संकल्पों को धारण करने का आग्रह करता हूँ| इन संकल्पों बारे आपके संदेह-सुझाव हेतु मैं आपसे चर्चा करने को उपलब्ध हूँ|

    - फूल मलिक, निडाना नगरी, जिला जींद, हरियाणा!


    जय यौद्धेय! जय माँ हरियाणवी! जय दादी भारती!


    #‎jaikisaan‬
    ‪#‎jaijawan‬ ‪#‎mannkibaat‬




    One who doesn't know own roots and culture, their social identity is like a letter without address and they are culturally slave to philosophies of others.

    Reunion of Haryana state of pre-1857 is the best way possible to get Jats united.

    Phool Kumar Malik - Gathwala Khap - Nidana Heights

  2. The Following User Says Thank You to phoolkumar For This Useful Post:

    op1955 (March 15th, 2015)

  3. #2
    My brain works on very selective frequency .....thus I hardly understand your posts ( I hope u won't mind )

    I would sincerely like to appreciate your consistent efforts .....Awesome .

    Thank you so much .

    Regards,
    Smriti

  4. The Following 2 Users Say Thank You to rekhasmriti For This Useful Post:

    Prikshit (March 16th, 2015), sukhbirhooda (March 18th, 2015)

  5. #3
    Quote Originally Posted by rekhasmriti View Post
    My brain works on very selective frequency .....thus I hardly understand your posts ( I hope u won't mind )

    I would sincerely like to appreciate your consistent efforts .....Awesome .

    Thank you so much .

    Regards,
    Smriti
    Agreed in toto!

    I takes a lot of effort to even go through it once. But one thing to appreciate is that "Who cares"
    -- Freedom is not worth having if it does not include the freedom to make mistakes.
    -- When you talk, you are only repeating what you already know. But if you listen, you may learn something new.

  6. #4
    जाट आरक्षण खत्म करना 18 मार्च को दिल्ली में होने वाले किसान आंदोलन की कमर तोडना:


    (यह मंडी और फंडी की किसान समाज को बाँटें रखने की साजिश के अलावा कुछ भी नहीं)


    वर्तमान सरकार ने आते ही किसानों की फसलों के दाम गिराये, यूरिया के लिए किसानों की औरतों तक की थानों में लाईन-हाजिरी हुई, फिर काला लैंड आर्डिनेंस लाये, उस पर अभी हाल ही हुई प्रकृति की ओलावृष्टि और बेमौसम बरसात की मार; यह सब प्राकृतिक और कृत्रिम कारण मिलजुल कर, कल यानी 18 मार्च को जंतर-मंतर पर किसान की आवाज बनने जा रहे थे और 1991 से टूटी चली आ रही "अजगर" समेत तमाम किसान-कमेरा वर्ग की एकता का आगाज, कल के किसान आंदोलन से होता दिख रहा था, कि मंडी और फंडी के हाथ-पाँव फूल गए और उतार दिया ना सिर्फ इन मुद्दों से ध्यान बंटवाने अपितु किसान समाज को एक ना होने देने से रोकने हेतु 'जाट आरक्षण को रद्द करने का फैसला' वो भी सुप्रीम कोर्ट के रास्ते से|



    इसलिए इस वक़्त जाट आरक्षण क्यों रद्द हुआ, जाट इसको छोड़ कर, बाकी सारे किसान समाज को जोड़ के कल के होने वाले किसान आंदोलन पर ही ध्यान केंद्रित रखें तो ही इन मंडी-फंडी की साजिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकेगा| थोड़ा सा इतना जरूर लिख दूँ कि आज के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से किसान आंदोलन कैसे प्रभावित होगा| होगा यह कि जो अजगर की 24 साल पुरानी फूट थी, उसको फिर से मंडी-फंडी गैर-जाट किसानी जातियों में ले के जायेगा और उनको बहका लेगा| और गैर-जाट किसान भी जाट की ही तरह इतना भोला है कि वो शायद जाट किसान से एकजुट हो वर्तमान में किसान पर मंडराएं काले बादलों को छांटनें हेतु लड़ने की अपेक्षा कहीं जाटों के आरक्षण रद्द होने के जश्न में ना डूब जाए| और यही चाहने और पाने के लिए मंडी-फंडी ने यह तुरुप का पत्ता आज चलवाया है|


    फ़िलहाल इतना ही और कहूँगा कि इन तमाम तरह के षड्यंत्रों का एक ही अचूक इलाज है और वो है "दो महीने के लिए किसान जातियों द्वारा व्यापारिक जातियों से खाने-पीने के सामान को छोड़, बाकी सारे सामान के खरीदने-बेचने का बायकाट का असहयोग आंदोलन|" - my video on how to run this 'असहयोग आंदोलन' - https://www.youtube.com/watch?v=osGdn8hPXC4

    और मेरा परसों लिया "मेरा दान मेरी ताकत, मेरी कंजूमर-पावर मेरा कंट्रोल" का फैसला ना सिर्फ सही है अपितु आजीवन के लिए और भी पक्का व् दुरुस्त हो गया है| - फूल मालिक


    ‪#‎jaikisaan‬ ‪#‎mannkibaat‬ ‪#‎jatarkshan‬ ‪#‎jatreservation‬ ‪#‎kisanandolan‬
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    Phool Kumar Malik - Gathwala Khap - Nidana Heights

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