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Thread: हाजिरजवाबी

  1. #1

    हाजिरजवाबी

    देहात का भी रिवाज न्यारा है।
    गामां का जीवन हमने तेरे शहर तै प्यारा सै उल्टे
    सीधे नाम निकलने
    का भी स्वाद न्यारा है।
    किसी कमजोर को पहलवान कहण का। दूसरे
    की गर्ल फ्रैंड
    को सामान कहण का। स्वाद न्यारा है। पहलवान
    को माडू कहण
    का। और फलों में आडू कहण का। स्वाद न्यारा है।
    एक अन्धे को सूरदास कहण का। किसी लुगाई न
    गंडाश कहण का।
    स्वाद न्यारा है।
    चादर को दुशाला कहण का। लंगड़े
    को चौटाला कहण का। स्वाद
    न्यारा है।
    सब्जी को साग कहण का। और कालिए को नाग
    कहण का। स्वाद
    न्यारा है।
    मसाला मुगंफली को नमकीन कहण का। और
    बदसूरत को हसीन
    कहण का। स्वाद न्यारा है।
    मुनाफे को चाँदी कहण का गुंडे को गाँधी कहण का।
    स्वाद
    न्यारा है।
    फूलों को झाड कहण का। रोडवेज को कबाड़ कहण
    का।
    झूठ को फराड कहण का। बणिये को करयाड कहण
    का। स्वाद
    न्यारा है।
    पाकिस्तान को कायर कहण का अर 4 लेन लिख
    क खुद न शायर
    कहन का सुयाद न्यारा ह
    By- anonymous

  2. The Following 10 Users Say Thank You to rohtashbura For This Useful Post:

    AryanPoonia (March 22nd, 2015), ayushkadyan (March 23rd, 2015), balraaj (May 9th, 2015), DrRajpalSingh (March 22nd, 2015), login4vinay (March 24th, 2015), navdeepkhatkar (March 30th, 2015), preetikhatri (March 23rd, 2015), sukhbirhooda (March 24th, 2015), vikasJAT (March 26th, 2015), yatinder19 (August 16th, 2015)

  3. #2
    सुवाद का के बेरा भाईयो, कुणसी बात मै
    आज्या |
    रेल के मैं सोण का
    पाँच रपिये खोण का
    दारू पी कै रोण का
    सुवाद न्यारा सै
    टील्ले तै नीचे भाज्जण का
    ब्याहली रात नै जागण का
    कात्तक में जाडा लागण का सुवाद
    न्यारा सै
    खड़ी शिखर दुफैरी मैं जै काली घटा
    छाज्या
    सुवाद का के बेरा भाईयो, कुणसी बात मै
    आज्या
    मन्त्री के गेल्याँ यारी का
    कंगले नै मोटर लारी का
    अर आधी छुट्टी सारी का
    सुवाद न्यारा सै
    खेत में रोटी खाण का
    जोहड़ के म्हां न्हाण का
    याणे बालक नै खिलाण का सुवाद न्यारा
    सै
    बाट हो दूर की, अर धूरर की सवारी
    पाज्या
    सुवाद का के बेरा भाईयो, कुणसी बात मै
    आज्या
    गर्मियाँ मैं आम का
    फागण की शाम का
    मीठे-मीठे जुकाम का
    सुवाद न्यारा सै
    जाडे मैं रजाई का
    छोह मैं समाई का
    बूढ़े की सगाई का
    सुवाद न्यारा सै
    झड़ कै म्हाँ जै थानेदार रिपट कै पड़ज्या
    सुवाद का के बेरा भाईयो, कुणसी बात मै
    आज्या
    मौके पै कही गई बात का
    माँ नैं बालक की लात का
    मींह मैं टपकती छात का
    सुवाद न्यारा सै
    खाट पै तै पड़ण का
    सूते-सूते डरण का
    तड़कै-ए होका भरण का
    सुवाद न्यारा सै
    सुवाद-सुवाद में सूल्फे का ऐबी किलो
    लाड्डू खाज्या
    सुवाद का के बेरा भाईयो, कुणसी बात मै
    आज्या
    ठाड्डे गेल्याँ अकड़ण का
    भाज कै रेल पकड़ण का
    कुण्डी मैं सोटा रगड़ण का
    सुवाद न्यारा सै
    होके मैं डीकड़े तोड़ण का
    हारे मैं खिचड़ी रोड़ण का
    भजा के टैक्टर मोड़ण का
    सुवाद न्यारा सै |
    भूखे आदमी नै जै पेट भर रोटी थ्याजा
    सुवाद का के बेरा भाईयो
    कुणसी बात मै आजा |
    क्रांति तभी सफल होती है जब बहुमत को उसकी आवश्यकता हो - आचार्य चाणक्य

  4. The Following 4 Users Say Thank You to anil_rathee For This Useful Post:

    DrRajpalSingh (May 22nd, 2015), srohit307 (February 9th, 2016), sukhbirhooda (May 23rd, 2015), yatinder19 (August 16th, 2015)

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