गोडसे जीवित होते तो कश्मीर से धारा-370 कभी की हट जाती : हिन्दू महासभा
यह इतना महान ज्ञान किसी ब्राह्मण ने नहीं बल्कि एक हिन्दू की बिन्दु ने दिया हैं |
जिनको अपने महापुरुषों के बारे में अपने इतिहास के बारे में ज्ञान नहीं होता वे ऐसे ही दूसरों के शंख बन कर बजते हैं |
अगर चौधरी छोटूराम 1947 तक भी जीवित होते तो ना फिर हमारे पंजाब (जाटलैंड) का खून होता , ना ही यह कश्मीर का मसला होता और ना ही कभी यहाँ नेहरू-गांधी-गोड़से , मुखर्जी-उपाध्याय-हेड्गेवर का नाम सुनने को मिलता |
" राज करेगा खालसा आकी रहें ना कोई " अगर चौधरी छोटूराम जिंदा रहते तो यहाँ बिलकुल ऐसा ही होना था , पाखंडी यहाँ खोजे नहीं पाने थे |
' जय योद्धेय