Page 3 of 4 FirstFirst 1 2 3 4 LastLast
Results 41 to 60 of 74

Thread: Sanghi Refugee khattar is against Haryanvi people.

  1. #41
    क्या हरियाणवी समाज मानसिक गुलाम है ? -3
    6% लोगों ने 94% हरियाणा के मूल निवासियों पर ऐसा मानसिक दबाव बनाया हुआ है कि यदि कोई मूल हरियाणवी इनकी किसी गलती पर उंगली उठाएँ तो खुद मूल हरियाणवी ही अपने हरियाणवी भाई को गलत बताएँगे |
    मुख्यमंत्री खट्टर ने हरियाणा वालों को कंधो से ऊपर कमजोर बताया , किसी मूल हरियाणवी को व मूल हरियाणवी राजनेताओं को कोई परेशानी नहीं हुई ! पर एक मूल हरियाणवी ने इसके जवाब में खट्टर को जवाब दिया तो खुद मूल हरियाणवी चौधरी सम्पत सिंह , रणदीप सिंह सुरजेवाला , धर्मवीर सिंह , कैप्टन अजय सिंह यादव आदि जैसे नेता उल्टा अपने ही हरियाणवी भाई को गलत ठहरा रहे है , समाज को तोड़ने का आरोप लगा रहे है ! ताज्जुब है इनको सांगवान के बयान पर तो दर्द हुआ पर खट्टर के बयान पर कोई दर्द नहीं हुआ ?
    खट्टर हरियाणवी समाज पर चुटकी ले कोई दिक्कत नहीं ? पाकिस्तान मूल का कोई हिन्दू पंजाबी (अरोड़ा-खत्री) हमारी खापों के खिलाफ कोर्ट जाए समाज को कोई खतरा नहीं ? टीवी , फिल्म , मीडिया में आए दिन हरियाणवी बोली हरियाणवी संस्कृति पर ये लोग मखोल बनाएँ , समाज को कोई खतरा नहीं ? हिन्दू पंजाबी (अरोड़ा-खत्री) समाज का ही एक अखबार जाट-बनाम पंजाबी ,जाट-बनाम बनिया , जाट बनाम फलाना पर धारावाहिक लेख निकाले , जाट-गैर जाट की बात करे समाज को कोई खतरा नहीं ? अगर इस पर कोई मूल हरियाणवी इन्हें जवाब दे तो समाज को भाईचारे को खतरा ?

    हमारे नेताओं पर इन 6% लोगों का दबाव देखिये वो इनकी मेहनत का गुणगान करने को मजबूर है ! अगर ये मेहनत करके ऊपर गए तो क्या हमारे पुरखे कामचोर थे ? या उनकी मेहनत के मायने नहीं ? इन्होने ऐसी क्या मेहनत की कि ये लोग तरक्की कर गए और हमारे लोग आज भी मिट्टी में मिट्टी हो रखे है , अत्महत्या कर रहे है ? क्या कभी इन हिन्दू पंजाबियों (अरोड़ा-खत्री) को हम हरियानवीयों की मेहनत का गुणगान करते सुना है ? उल्टा ये तो यह कहते है कि हरियाणा वालों को खाना-पीना -पहनना-बोलना हमने सिखाया ! इन सबसे साफ है कि हमारे नेता भी इनके इस कद्र मानसिक गुलाम हो रखे है कि हमारे समाज के बारे में , संस्कृति के बारे में , बोली के बारे में कोई कुछ बोले मखोल बनाए कोई दिक्कत नहीं पर कोई इनके बारे में ना बोले , इससे समाज भाईचारा खतरे में आ जाएगा !
    यह मानसिक गुलामी की निशानी नहीं तो और क्या है ?
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  2. #42

    जाटों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला फूंका ।
    रोहतक, 30 सितम्बर। आज अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वावधान में प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया। जिसमें समिति के सैंकडों कार्यकर्त्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी की तथा स्थानीय अम्बेडकर चौक स्थित संविधान निर्माता व आरक्षण के जन्मदाता बाबा साहेब अम्बेडकर की प्रतिमा के सामने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला फूंका।
    इस अवसर पर संघर्ष समिति के युवा प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट सुदीप कलकल ने कहा कि जिस प्रकार पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा हरियाणा प्रदेश के मूल निवासियों का अपमान किया जा रहा है। उन्हें आपस में लड़ाने की कोशिश की जा रही है। ऐसी हरकतों को किसी प्रकार से बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सुदीप कलकल ने मुख्यमंत्री के द्वारा दिये गये बयान जिसमें उन्होंने ‘‘हरियाणवी कंधे से ऊपर कमजोर होते हैं’’ के बारे में कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं को बुद्धिमान मानते हैं और वे स्वयं को हरियाणवी नहीं मानते क्योंकि वे पाकिस्तान में स्थित झंग जिले से सम्बन्ध रखते हैं और समुदाय विशेष के मुख्यमंत्री बनते जा रहे हैं। जिस प्रकार पंजाबी समुदाय मूल निवासियों के नेताओं के पुतले फूंकने का कार्य कर रहा है तो हमें भी उनका सामाजिक व व्यापारिक बहिष्कार करना पड़ेगा। अगर मुख्यमंत्री व उनका समुदाय मूल निवासियों से ऐसे ही दुर्व्यवहार करते रहे तो हम भी उनकी दुकानों से सामान खरीदना बंद कर देंगे।
    एडवोकेट सुदीप कलकल ने कहा कि हरियाणा में भाजपा की सरकार बनने के बाद जिस प्रकार मूल निवासियों के प्रति दमन चक्र चलाया जा रहा है व राजकुमार सैनी व अन्य नेताओं द्वारा विषवमन किया जा रहा है उससे सम्पूर्ण हरियाणवी समाज बुरी तरह नाराज है तथा जल्द ही सरकार को इसकी तपिश का पता चल जायेगा।
    इस अवसर पर जिलाध्यक्ष धर्मपाल हुड्डा ने कहा कि सरकार ने हरियाणा मेंं जाटों को विश्वास में लिये बिना आरक्षण की अधिसूचना को वापिस ले लिया है। यह जाटों के साथ घोर अन्याय किया है, इसके दूरगामी परिणाम सरकार को भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक जाटों को उनका संवैधानिक अधिकार उनकी समकक्ष जातियों अहीर, गुर्जर, सैनी व कुर्मी की तरह नहीं मिल जाता हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
    जाट अधिवक्ता संघ हरियाणा के प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट विक्रम नेहरा ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार संविधान की हत्या कर रही है। संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारत के सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक आधार पर न्याय मिलना चाहिए परन्तु कन्द्र व राज्य सरकार क्षेत्र में जाति व धर्म का जहर घोल रही है, जिसका ज्वलन्त उदाहरण हरियाणा प्रदेश है।
    इस अवसर पर जिला महासचिव कैप्टन जगवीर सिंह मलिक, कैप्टन चांद राम फौगाट, रामफल देशवाल, युवा जिलाध्यक्ष हरेन्द्र पहलवान, कैप्टन रामकुमार मलिक, कैप्टन भीम सिंह अहलावत, जीत सिंह मलिक, राजबीर मलिक, शमशेर नेहरा, महावीर कुंडू, अमन भनवाला, दीपक बुधवार, प्रशांत धनखड़, विनय दहिया, विशाल व सैंकडों कार्यकर्ता मौजूद थे।
    Last edited by RavinderSura; September 30th, 2015 at 10:37 PM.
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  3. The Following 3 Users Say Thank You to RavinderSura For This Useful Post:

    lrburdak (October 3rd, 2015), prashantacmet (October 1st, 2015), rohittewatia (October 18th, 2015)

  4. #43
    क्या हरियाणवी लोग कंधे से नीचे मजबूत और ऊपर से कमजोर हैं? : सांगवान

    चण्डीगढ, (30 सितंबर, 2015)। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष पूर्व कमांडेंट हवासिंह सांगवान ने एक प्रेस बयान में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गोहाना में बयान दिया कि हरियाणा के लोग कंधे से नीचे मजबूत हैं, लेकिन कंधे से ऊपर कमजोर हैं। इस बयान से बड़ा स्पष्ट है कि उनका कहना है कि हरियाणवी लोग दिमागी तौर पर दिवालिये हैं। यह सरासर हरियाणवी मूल के लोगों का अपमान है, जिसे किसी कीमत पर भी सहन नहीं किया जाएगा और यही बयान मौजूदा घटनाक्रम की जड़ है। इसी बयान से स्प्ष्ट होता है कि मुख्यमंत्री स्वयं भी हरियाणवी नहीं हैं। इस बारे में वे पहले भी कुरुक्षेत्र में बयान दे चुके हैँ और पंजाबी मूल के लोगों को हरियाणवी बनने का आह्वान कर चुके हैं। इस तरह वे हरियाणवी लोगों का ही खा-पीकर उनको नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं या अपने बयान से ये बतलाना चाहते हैं कि उन्होंने हरियाणा का मुख्यमंत्री बनकर 94 प्रतिशत हरियाणवी समाज को मूर्ख समझ लिया है?

    सांगवान ने आगे बतलाया कि हरियाणवी मूल के लोगों में इस बयान पर गहरा रोष है और ये आने वाले समय में अपना रंग दिखलाएगा। इसके अतिरिक्त जिन हरियाणवी नेताओं ने मेरे बयान पर मेरी मानसिकता की बात की है, उन्हें मुख्यमंत्री के बयान को अच्छी तरह समझना होगा। यदि मेरी मानसिकता में कोई खराबी है, तो बयान देने वाले हरियाणवी नेताओं की मानसिकता में भी जरूर कोई गड़बड़ है क्योंकि हम सभी हरियाणवी लोगों में दिमाग तो है ही नहीं। इसके अतिरिक्त ये भी प्रतीत होता है कि इन नेताओं में हरियाणवी होने का न तो कोई गर्व है और न ही कोई सम्मान है। ये मामला बड़ा गंभीर और विचारणीय है।
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  5. #44

    जैसे ही पुतले में आग लगी , पुलिस ने पुतला जाटों के हाथ से छीन लिया और पुतले को नीचे गिरा कर आग को बुझा दिया | इसके बाद पुलिस पुतले को लेकर सिविल लाइन थाने पहुँच गई ....

    वैसे पुतले को थाने ले जाकर क्या किया होगा ? पुतले की मरहम पट्टी की होगी ?
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  6. The Following 2 Users Say Thank You to RavinderSura For This Useful Post:

    prashantacmet (October 1st, 2015), rohittewatia (October 18th, 2015)

  7. #45
    देशा म्ह देश म्हारा हरियाणा , सीधा सा म्हारा बाणा , जित दूध दहि सै खाना ....
    सुबे के मुख्यमंत्री खट्टर का सै कहना " बावलिबूचो का यहाँ सै रहना "
    Last edited by RavinderSura; October 1st, 2015 at 11:36 PM.
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  8. #46
    Hawa singh has don nothing wrong, infact now true colors of khatter has come out in front of public, I feel other communities of Haryana should also join in the struggle against cm

  9. The Following 3 Users Say Thank You to Fateh For This Useful Post:

    amitbudhwar (October 1st, 2015), ManjeetS (October 2nd, 2015), prashantacmet (October 1st, 2015)

  10. #47
    Quote Originally Posted by RavinderSura View Post

    जाटों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला फूंका ।
    रोहतक, 30 सितम्बर। आज अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वावधान में प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया। जिसमें समिति के सैंकडों कार्यकर्त्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी की तथा स्थानीय अम्बेडकर चौक स्थित संविधान निर्माता व आरक्षण के जन्मदाता बाबा साहेब अम्बेडकर की प्रतिमा के सामने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला फूंका।
    इस अवसर पर संघर्ष समिति के युवा प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट सुदीप कलकल ने कहा कि जिस प्रकार पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा हरियाणा प्रदेश के मूल निवासियों का अपमान किया जा रहा है। उन्हें आपस में लड़ाने की कोशिश की जा रही है। ऐसी हरकतों को किसी प्रकार से बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सुदीप कलकल ने मुख्यमंत्री के द्वारा दिये गये बयान जिसमें उन्होंने ‘‘हरियाणवी कंधे से ऊपर कमजोर होते हैं’’ के बारे में कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं को बुद्धिमान मानते हैं और वे स्वयं को हरियाणवी नहीं मानते क्योंकि वे पाकिस्तान में स्थित झंग जिले से सम्बन्ध रखते हैं और समुदाय विशेष के मुख्यमंत्री बनते जा रहे हैं। जिस प्रकार पंजाबी समुदाय मूल निवासियों के नेताओं के पुतले फूंकने का कार्य कर रहा है तो हमें भी उनका सामाजिक व व्यापारिक बहिष्कार करना पड़ेगा। अगर मुख्यमंत्री व उनका समुदाय मूल निवासियों से ऐसे ही दुर्व्यवहार करते रहे तो हम भी उनकी दुकानों से सामान खरीदना बंद कर देंगे।
    एडवोकेट सुदीप कलकल ने कहा कि हरियाणा में भाजपा की सरकार बनने के बाद जिस प्रकार मूल निवासियों के प्रति दमन चक्र चलाया जा रहा है व राजकुमार सैनी व अन्य नेताओं द्वारा विषवमन किया जा रहा है उससे सम्पूर्ण हरियाणवी समाज बुरी तरह नाराज है तथा जल्द ही सरकार को इसकी तपिश का पता चल जायेगा।
    इस अवसर पर जिलाध्यक्ष धर्मपाल हुड्डा ने कहा कि सरकार ने हरियाणा मेंं जाटों को विश्वास में लिये बिना आरक्षण की अधिसूचना को वापिस ले लिया है। यह जाटों के साथ घोर अन्याय किया है, इसके दूरगामी परिणाम सरकार को भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक जाटों को उनका संवैधानिक अधिकार उनकी समकक्ष जातियों अहीर, गुर्जर, सैनी व कुर्मी की तरह नहीं मिल जाता हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
    जाट अधिवक्ता संघ हरियाणा के प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट विक्रम नेहरा ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार संविधान की हत्या कर रही है। संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारत के सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक आधार पर न्याय मिलना चाहिए परन्तु कन्द्र व राज्य सरकार क्षेत्र में जाति व धर्म का जहर घोल रही है, जिसका ज्वलन्त उदाहरण हरियाणा प्रदेश है।
    इस अवसर पर जिला महासचिव कैप्टन जगवीर सिंह मलिक, कैप्टन चांद राम फौगाट, रामफल देशवाल, युवा जिलाध्यक्ष हरेन्द्र पहलवान, कैप्टन रामकुमार मलिक, कैप्टन भीम सिंह अहलावत, जीत सिंह मलिक, राजबीर मलिक, शमशेर नेहरा, महावीर कुंडू, अमन भनवाला, दीपक बुधवार, प्रशांत धनखड़, विनय दहिया, विशाल व सैंकडों कार्यकर्ता मौजूद थे।
    yeh sahi hua...
    Become more and more innocent, less knowledgeable and more childlike. Take life as fun - because that's precisely what it is!

  11. The Following User Says Thank You to prashantacmet For This Useful Post:

    amitbudhwar (October 1st, 2015)

  12. #48
    Quote Originally Posted by Fateh View Post
    Hawa singh has don nothing wrong, infact now true colors of khatter has come out in front of public, I feel other communities of Haryana should also join in the struggle against cm
    Since he has no administrative and political experience so he must take a cue from the functioning style of earlier Chief Minister of Haryana who treated themselves as leaders of '36 kaum'. He can emulate other incumbent CMs of other states before opening his mouth against the sons of the soil. Loud speaking or off the cuff remarks lead to avoidable controversy and create bad blood among the disciplined and peace loving people of the state belonging to various communities and castes.

    The fence sitters and opportunist politicians are always on the look out to sieze the opportunity to flare up communal disharmony to fish in the troubled waters.

    The need of the hour is to maintain peace and harmony with carrying the state forward on the ladder of all inclusive development and not to play 'divide and rule policy.' The political activists of different hues and colours must desist from further vitiating the cordial atmosphere of the state at any cost.

    Hope the hon'ble CM has done this aberration for the first and the last time, of calling Haryanavis 'weak above shoulders' and also consider himself also a part and parcel of people of Haryana.
    History is best when created, better when re-constructed and worst when invented.

  13. The Following 2 Users Say Thank You to DrRajpalSingh For This Useful Post:

    amitbudhwar (October 1st, 2015), rohittewatia (October 18th, 2015)

  14. #49

    पुतला दहन :
    हरियाणा के मुख्यमंत्री हरियाणवी मूल के लोगों की बेइज्जती कर रहे हैं
    भिवानी (2 अक्टूबर)। आज अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष रघुबीर सिंह बूरा की अगुवाई में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का किरोड़ीमल पार्क के निकट पुतला फूंका गया क्योंकि मनोहर लाल खट्टर ने अपने बयान में कहा था कि हरियाणा के लोग कंधे से नीचे मजबूत हैं, लेकिन ऊपर नहीं। जिससे हम हरियाणवी अपना गहरा रोष प्रकट करते हैं कि मनोहर लाल खट्टर 94 प्रतिशत हरियाणवी लोगों का इस प्रकार के बयान देकर सरेआम अपमान कर रहे हैं, जिससे मुख्यमंत्री की मानसिकता हरियाणवी लोगों के प्रति घृणा भरी है। इस प्रकार कोई भी मुख्यमंत्री अपने लोगों के लिए ऐसे शब्दों का कभी प्रयोग नहीं करेगा, लेकिन मुख्यमंत्री ने अपने आप को हरियाणवी लोगों से अलग रखते हुए ये स्पष्ट कर दिया है कि वे पाकिस्तानी मूल के हिंदू पंजाबी शरणार्थी हैं। हरियाणा मूल के निवासी आज भी अधिकतर गांवों में निवास करते हैं, जिनको ये बात बतलाने का प्रयास जारी रहेंगे और जब तक मनोहर लाल खट्टर अपने पद से इस्तीफा नहीं दे देते, उनका विरोध समस्त हरियाणा में जारी रहेगा।
    पुतला फूंकने वालों में उमेद सिंह, रामेहर, सूबे सिंह, मीर सिंह, दलबीर सिंह, कमला देवी, भूलां देवी, शांति देवी, किताबो देवी, कलीराम, वेद सिंह, बनी सिंह सरपंच, जगत सिंह, जोगेंद्र, राज सिंह, राजसिंह घणघस आदि शामिल थे।
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  15. #50
    क्या हरियाणवी लोग कंधे से नीचे मजबूत और ऊपर से कमजोर हैं ?

    कहाँ से ज्यादा मजबूत हैं यह तो हरियाणवी लोग दिखा ही देंगे ! खट्टर तो मुझे दोनों जगह से कमजोर दिखता है !!


    Laxman Burdak

  16. The Following 2 Users Say Thank You to lrburdak For This Useful Post:

    ManjeetS (October 21st, 2015), RavinderSura (October 3rd, 2015)

  17. #51

    मुख्यमंत्री के बयानों को हरियाणवी समाज को अच्छी तरह समझ लेना होगा
    रोहतक (3 अक्टूबर, 2015)। आज चौ. छोटूराम धर्मशाला में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष पूर्व कमांडेंट हवासिंह सांगवान, प्रदेश युवाध्यक्ष एडवोकेट सुदीप कलकल और प्रदेश महासचिव कैप्टन जगबीर सिंह मलिक ने संयुक्त प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयानों का खुलासा करते हुए बतलाया कि 14 अगस्त, 2015 को मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र के गांव मसाना में पंचनद शहीदी स्मारक के शिलान्यास अवसर पर पंजाबियों का आह्वान करते हुए उनको हरियाणवी बनने के लिए कहा, जिससे बड़ा स्पष्ट है कि आज तक 68 वर्षों में ये पंजाबी हरियाणवी नहीं बन पाए हैं और खट्टर स्वयं भी हरियाणवी नहीं हैं। इन्हीं के गुरु महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज ने मुलतानी भवन में कहा कि देश में पहली बार कोई पंजाबी मुख्यमंत्री बना है, जिससे स्पष्ट है कि ये पंजाब में बनने वाले मुख्यमंत्रियों को पंजाबी नहीं मानते। इससे यह भी स्पष्ट है कि या तो पंजाब वाले पंजाबी नहीं, या ये हिंदू पंजाबी पंजाबी नहीं हैं। इससे भी बढक़र मुख्यमंत्री सभी सीमाएं लांघते हुए गोहाना में बयान दे बैठे कि हरियाणा प्रदेश के लोग कंधे से नीचे मजबूत हैं, ऊपर से कमजोर हैं। ये सभी बयान स्पष्ट दर्शा रहे हैं कि हरियाणा में रहने वाले हिंदू पंजाबी हरियाणवी नहीं हैं और उनके ये सभी बयान हरियाणवी समाज को अपमानित करने वाले हैं क्योंकि हरियाणवी लोगों को कंधे से ऊपर कमजोर बताने का सीधा-सीधा अर्थ है कि हरियाणवी दिमागी तौर पर दिवालिये हैं।
    आरक्षण पर सुनवाई के दौरान हरियाणा पिछड़ा आयोग के सामने सन् 2012 में हिंदू पंजाबियों के नेता एसी चौधरी ने अपना बयान दिया था कि हरियाणा के हिंदू पंजाबी यहां पर शरणार्थी के रूप में खाली हाथ और भूखे प्यासे आए, इसलिए वे आरक्षण के अधिकारी हैं। फिर किस आधार पर हिंदू पंजाबी समाज अपने को शरणार्थी कहलाने को मना कर रहा है? इसी प्रकार भाजपा के सांसद राजकुमार सैनी ने गुरनाम सिंह आयोग के सामने बयान दिया था कि सैनी समाज भी जाटों की तरह एक किसानी समाज है, उनको भी जाटों के साथ ही आरक्षण में शामिल किया जाए। फिर किस आधार पर सांसद रोजाना जाटों के संबंध में उलटे-पुलटे बयान दे रहे हैं?
    सांगवान ने अपने बयान को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान से जो भी लोग यहां आए और शरणार्थी कैंपों में रहे, वे सभी पाकिस्तान मूल के हिंदू पंजाबी शरणार्थी हैं क्योंकि सरकारों ने ऐसा कभी कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया, जिसमें इनका शरणार्थी का दर्जा समाप्त किया गया हो। कुछ हरियाणवी नेता बयान दे रहे हैं कि उनका दादा-दादी पाकिस्तान से आए। उनको पता होना चाहिए कि काफी हरियाणवी लोगों के पाकिस्तान में विशेषकर मिंटगुमरी क्षेत्र में मुरबे मिले हुए थे और पाकिस्तान बनने पर वे वापिस अपने घर आए और शरणार्थी कैंपों में नहीं रहे, इसलिए उनको पाकिस्तानी मूल का नहीं कहा जा सकता। कुछ लोगों का कहना है कि वे पाकिस्तान बनने से पहले यहां आ गए थे। इसमें कोई सच्चाई नहीं है क्योकि 15 अगस्त, 1947 से पहले यहां पर कोई भी शरणार्थी शिविर नहीं था। सच्चाई ये है कि ये लोग पाकिस्तान से आए नहीं थे, बल्कि इनको विशेष कारणों की वजह से लूटा, मारा और भगाया गया जबकि हरियाणवी लोगों ने यहां के चौ० छोटूराम के भक्त मुसलमानों को मारकर और भगाकर केवल अपराध ही नहीं, सबसे बड़ी भूल की थी। इसी कारण आज हरियाणवी लोगों को अपमानित होना पड रहा है। लोगों का ये कहना सरासर अमाननीय है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर हरियाणा में पैदा हुए।
    सांगवान ने आगे कहा कि जहां तक मेरे बयान पर माफी मांगने का प्रश्र है, इसके लिए मैं कहना चाहता हूं कि माफी वो लोग मांगें, जिनके पूर्वजों ने संयुक्त पंजाब के सदन में मंडी एक्ट पास होने पर चौ० छोटूराम के बारे में कहा था कि रोहतक का दो धेले का जाट पंजाबी बनिये के बराबर बैठेगा, जिसे वे सहन नहीं करेंगे। इसके अतिरिक्त जो लोग उस समय नारे लगाते थे सर सिकंदर, छोटू कंजर।
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  18. #52

    देखो कैसे हरियाणा के लोगों की अक्ल मार रहे है , पहले इन लोगों ने यह काम पंजाब में किया था अब यहाँ शुरू कर दिया | और हरियाणा वाले इनकी हर बात अनसुनी कर देते है | नेता तो हमारे है ही गुलाम | आज ये श्रीमान जी राज्यपाल को ज्ञापन देते है कि शरणार्थी रिफ़्यूजी जैसे शब्दों पर प्रतिबंध लगे | जबकि ये श्रीमान ए.सी. चौधरी जी खुद 2012 में हरियाणा पिछड़ा आयोग के समक्ष पेश हो कर कहते है कि " हरियाणा के हिंदू पंजाबी यहां पर शरणार्थी के रूप में खाली हाथ और भूखे प्यासे आए, इसलिए वे आरक्षण के अधिकारी हैं। " इनको आरक्षण में मलाई नजर आई तो शरणार्थी हो गए और जब हमने इनको शरणनार्थी कह दिया तो मिर्ची लगी , क्यों ? इन लोगों ने सोचा कुछ बोलो कुछ करो हरियाणा के लोग तो कंधो से ऊपर कमजोर है कोई गौर नहीं करेगा !
    Last edited by RavinderSura; October 4th, 2015 at 08:55 AM.
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  19. #53
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  20. #54
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  21. #55
    हरियाणवीं स्वाभिमान जागरण जारी रहेगा: सांगवान
    अखिल भारतीय दलित एवं पिछड़ा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व कैमांडेंट हवासिंह द्वारा जारी एक ब्यान में बताया कि हरियाणा का वैदिक काल से लेकर सन 1947 तक एक महान इतिहास रहा है और हमारी संस्कृति सर्वप्रिय रही है। लेकिन देखने में आया है कि हाल के वर्षों में हरियाणवीं अपनी संस्कृति भूल कर शरणार्थी संस्कृति को अपनाते रहे हैं जो कि छोले-भटुरों पर आधारित है। जबकि हमारी संस्कृति दूध-दही की रही है। हमारी संस्कृति गोत एवं वेद पर आधारित रही है जबकि शरणार्थी संस्कृति के यहां उन्होंने अपनी सगी मौसी की लडक़ी और अपने सगे मामा की लड़कियों से भी संबंध बनाए हैं। यहां तक देखा गया है कि आपस में एक-दूसरे की बहन से भी रिश्तें बनाते है। परिणाम स्वरूप इनमें थैलिसिमिया नामक बीमारी 12.5 प्रतिशत से भी अधिक तक पहुंच गई है। इसी कारण इस संस्कृति के लोग कुश्ती, कबड्डी, मुक्केबाजी आदि परिश्रमी खेल खेलने में असमर्थ है।

    सांगवान ने आगे बताया कि जिन हरियाणवीं नेताओं ने उनकी यानी हरयाणवी मानसिकता पर सवाल उठाए हैं उन्हें अपने अंत: करण पर जमी काई को साफ करके अपनी अंर्तआत्मा से मेरे ब्यान पर विचार करना चाहिए और हरियाणा की गद्दी पर हरियाणवीं समाज का ही मुखिया होना चाहिए, नहीं तो ऐसे ही हरयाणवियों और हरयाणवी संस्कृति को ना समझने वाले और इसका अनादर करने वाले हम पर बेशर्मी से कंधे से ऊपर कमजोर होने के तंज कसेंगे। और यही नैतिकता का तकाजा है। जिस प्रकार अभी-अभी नेपाल के नए सविधान में केवल नेपाली मूल का व्यक्ति ही मुख्य पदों पर रह सकता है, ऐसा निर्धारित हुआ है। इसी कारण वहां के भारतीय मूल के राष्ट्रपति रामबरण यादव को पद से हटाया गया है और भारतीय मूल के लोग आंदोलन कर रहे हैं।
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  22. #56
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  23. #57

    कलम का कमाल !
    यह अखबार हिन्दू पजाबी चोपड़ा जी का है और यह खबर लिखने वाला पत्रकार अरोड़ा है | इनकी कलम का कमाल देखिये कैसे ये खबर को तरोड़ मरोड़ कर पेश करते है , इसमे पत्रकार अरोड़ा साहब ने बड़ी सफाई से सांगवान साहब के बयान को घूमा दिया और उसे जाति का रूप दे दिया फिर कहते है हम जात-पात की बात नहीं करते | अरोड़ा के अनुसार सांगवान साहब ने हरियाणा में जाट मुख्यमंत्री होने की वाकालत की थी , जबकि सांगवान साहबने अभी तक ऐसा कोई बयान नहीं दिया , उनका बयान बड़ा ही साफ है कि खट्टर ने हरियाणा के लोगों को दिमागी तौर पर दिवालिया बताया इससे साफ है कि खट्टर हरियाणवी नहीं है और ऐसा कह कर खट्टर ने हरियाणा के लोगों का अपमान किया है , इसके लिए खट्टर हरियाणा के लोगों से माफी मांगे और इस्तीफा दे , और खट्टर की जगह किसी हरियाणवी को हरियाणा का मुखिया बनाया जाए |
    सच्ची बात कह दी तो हरियाणवी नेताओं को इसमें जातिगत राजनीति नजर आ गई पर जब खट्टर हरियाणा वालों को दिमाग से कमजोर बताए या इनका गुरु धर्मदेव कहे कि देश का पहला पंजाबी मुख्यमंत्री बना , उसमें कोई जातिवाद नहीं ? खट्टर के लिए सभी एक स्वर बोल रहे है पर हरियाणवी समाज का बेशक कोई अपमान करें इन्हें कोई दिक्कत नहीं ! इनकी नजर में जैसे कि सिर्फ इन हिन्दू पंजाबी लोगों का ही मान स्वाभिमान है हरियाणा वालों का क्या मान क्या स्वाभिमान !
    एक ये कुलदीप बिशनोई आज भाईचारे का ज्ञान बाँट रहा है , श्रीमान जी का यह ज्ञान तब कहा गया था जब 2010 में जाट आरक्षण आंदोलन अपने उफान पर आया तो महिन्द्र्गढ़ में ये खुद जाटों के खिलाफ पंचायत कर रहे थे ? यह ज्ञान तब कहा गया था जब इन श्रीमान जी के पिता भजन लाल जी हरियाणा में जाट-गैर जाट की राजनीति करते थे ?
    पत्रकार ने इस पूरी खबर में बड़े तरीके से अपने समाज का बचाव किया , खट्टर के हरियाणवी समाज के अपमान वाले बयान को गायब ही कर दिया ! इसे कहते है कलम का कमाल और यह कमाल ये लोग कई सालों से करते आ रहे है | 1947 से पहले इनकी इस कलम के कमाल का ज्ञान सर छोटूराम को हो गया था और उन्होने इनकी कलम का इलाज भी किया , जिस कारण ये लोग सर छोटूराम को हिटलर कहते थे | अब फिर से इनकी कलम कमाल दिखाने लगी है और यह इनकी कलम का ही कमाल है कि हरियाणवी नेताओं को हरियाणवी समाज के मान सम्मान स्वाभिमान से ज्यादा इनके मान सम्मान की फिक्र है !
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  24. #58

    गुड़गाँव (7-10-15) : आज चौधरी छोटूराम भवन में राष्ट्रिय दलित और पिछड़ा एकता संघ के राष्ट्रिय अध्यक्ष पूर्व कमाडेंट हवा सिंह सांगवान और युवा के अध्यक्ष समर कादियान ने पत्रकार वार्ता में संयुक्त बयान में कहा कि मनोहर लाल खट्टर के गोहाना में दिये बयान हरियाणवी लोग कंधे से नीचे मजबूत है और ऊपर से कमजोर है, से स्पष्ट है कि वे हरियाणा मूल के नहीं बल्कि पाकिस्तानी मूल के है | इस बयान से राष्ट्रिय स्तर पर हरियाणा एवं हरियाणवी मूल के लोगों की छवि को अपूर्णिया नुकसान हुआ है | इसलिए उनका हरियाणा का मुख्यमंत्री होना हरियाणवी समाज के स्वाभिमान के खिलाफ है | हरियाणा और पंजाब भाषा के आधार पर बने है , हरियाणवी लोगों के लिए हरियाणा है जिसका मुख्या हरियाणवी मूल का होना नैतिकता का तकाजा है , इसलिए खट्टर को अपने पद से तुरंत इस्तीफा देना चाहिए |

    पत्रकार वार्ता में सांगवान ने बतलाया कि उनकी मानसिकता पर सवाल उठाने वाले हरियाणवी मूल कें नेताओं को वोट की घाटियां और स्वार्थपरक राजनीति छोड़ कर अपने अन्तः करण को टटोलना चाहिए और अपने बयानों को वापिस लेना चाहिए | उन्होने कहा मेरा बयान संवैधानिक , सैद्धांतिक और नैतिकता के आधार पर जिसके अनुसार पाकिस्तान से जो भी शरणार्थी के रूप में आया वह पाकिस्तानी मूल का कहलाएगा | आश्चर्यजनक बात ये है कि जिन लोगों को अपनी और अपने पूर्वजों की जन्मभूमि के प्रति सम्मान नहीं है वे हरियाणा की भूमि का सम्मान कैसे कर सकते है ?

    मनोहर लाल खट्टर को चाहिए कि इस मुद्दे पर आंदोलन चलने से पहले हरियाणवी जनमानस की भावना की कद्र करते हुए तुरंत त्याग पत्र देकर किसी भी हरियाणवी मूल के नेता जैसे कि चौधरी बिरेन्द्र सिंह , राव इंद्रजीत सिंह , रतन लाल कटारिया , घनशयाम शराफ़ , पंडित रामबिलाश शर्मा आदि में से मुख्यमंत्री बनाएँ |
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  25. #59
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  26. #60
    Quote Originally Posted by lrburdak View Post
    क्या हरियाणवी लोग कंधे से नीचे मजबूत और ऊपर से कमजोर हैं ?

    कहाँ से ज्यादा मजबूत हैं यह तो हरियाणवी लोग दिखा ही देंगे ! खट्टर तो मुझे दोनों जगह से कमजोर दिखता है !!
    क्या देश में रहना है तो बीफ छोड़ना होगा?

    हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विवादित बयान दिया कि मुस्लिमों को भारत में रहना है तो बीफ छोड़ना पड़ेगा. इंडियन एक्सप्रेस को दिए इस इंटरव्यू से खट्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इनकार कर दिया जिसके बाद खट्टर का झूठ बेनकाब करने के लिए इंडियन एक्सप्रेस ने टेप जारी कर दिया. यानी खट्टर का झूठ पकड़ा गया. अब सवाल ये है कि क्या देश में रहना है तो बीफ छोड़ना होगा?

    खट्टर ने दिखा दिया कि वह ऊपर और नीचे दोनों जगह से कमजोर है !!
    Laxman Burdak

Posting Permissions

  • You may not post new threads
  • You may not post replies
  • You may not post attachments
  • You may not edit your posts
  •